Move to Jagran APP

कभी तबेले जैसा था प्रयागघाट रेलवे स्टेशन, अब चमचमाते टर्मिनल में तब्दील

त्तर रेलवे लखनऊ मंडल के अधीन आने वाला प्रयागघाट टर्मिनल एक वक्त अवैध कब्जे का शिकार हो गया था। आसपास रहने वाले लोग इस स्टेशन को तबेला बना रखे थे। दीवारें तोड़ दी गई थीं रेलवे की जमीन पर कब्जा कर यहां अवैध निर्माण तक करा लिए गए थे।

By Ankur TripathiEdited By: Updated: Thu, 26 Nov 2020 07:00 AM (IST)
Hero Image
चमचमाता प्रयागघाट रेलवे स्टेशन (अब प्रयागराज संगम) एक समय तबेले में तब्दील हो गया था।
प्रयागराज, जेएनएन। शहर उत्तरी क्षेत्र में दारागंज मुहल्ले में स्थित चमचमाता प्रयागघाट रेलवे स्टेशन (अब प्रयागराज संगम) एक समय तबेले में तब्दील हो गया था। क्षतिग्रस्त प्लेटफार्म, टूटी हुई दीवारें और भवन देखकर लगता नहीं था कि यहां पर कोई स्टेशन है। लेकिन कुंभ 2019 के पहले देखते ही देखते तबेले से टर्मिनल में तब्दील हो गया। यहां से तमाम मेला स्पेशल टे्रनें चलीं जिसका लाभ लाखों तीर्थ यात्रियों को मिला, रेलवे की भी अच्छी कमाई हुई।

आसपास के लोग बांधते थे भैंस, कर रखा था कब्जा

उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के अधीन आने वाला प्रयागघाट टर्मिनल एक वक्त अवैध कब्जे का शिकार हो गया था। आसपास रहने वाले लोग इस स्टेशन को तबेला बना रखे थे। दीवारें तोड़ दी गई थीं, रेलवे की जमीन पर कब्जा कर यहां अवैध निर्माण तक करा लिए गए थे, कोई रोकने-टोकने वाला नहीं था। लेकिन कुंभ 2019 के मद्देनजर इसे टर्मिनल में परिवर्तित करने का निर्णय लिया गया है 2018 में तैयार हो गया।  

यहां से चलती थी एक टे्रन, तैनात थे दर्जन भर रेलकर्मी

प्रयागघाट रेलवे स्टेशन के टर्मिनल बनने के पहले केवल एक टे्रन बरेली पैसेंजर ही यहां से चलती थी उसके लिए स्टेशन मास्टर से लेकर दर्जन भर रेलकर्मी तैनात थे जिन पर रेलवे लाखों रुपये प्रतिमाह व्यय करती थी। स्टेशन के नाम पर एक जीर्णशीर्ण कमरा, टूटे हुए गड्ढायुक्त प्लेटफार्म ही थे। कोई टे्रन न चलने से महकमा रखरखाव के प्रति लापरवाह भी था।

कुंभ से बहुरे दिन, अब चलती हैं 17 अदद टे्रनें 

कुंभ मेला 2019 के चलते इस स्टेशन के दिन बहुर गए। करीब 95 करोड़ के बजट से इसको टर्मिनल में बदलने का कार्य शुरू हुआ जो 28 दिसंबर 2018 को पूरा कर लिया गया हालांकि यात्री सेवा से जुड़े तमाम काम अभी बाकी हैं। स्टेशन अधीक्षक एएम पाठक के अनुसार वर्तमान में यहां पांच प्लेटफार्म हैं। प्लेटफार्म एक से पांच को जोड़ता हुआ एक फुट ओवरब्रिज भी बना है। मुख्य भवन की सुंदरता स्टेशन को चार चांद लगाती है। स्टेशन के चारों तरफ हरियाली के लिए पौधे भी रोपे गए हैं।

माघ मेले तक बनकर तैयार हो जाएंगे रिटायरिंग रूम 

पिछले दिनों स्टेशन का नाम बदलकर प्रयागराज संगम कर दिया गया। यहां पर आने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए स्टेशन के दूसरे तल पर करीब दर्जन भर रिटायरिंग रूम और जनरल हाल निर्मित किए जा रहे हैं जो तकरीबन तैयार हो चुके हैं। एसी आदि लगाए जा रहे हैं। स्टेशन अधीक्षक के अनुसार माघ मेले तक यह यात्रियों को शुलभ हो जाने की उम्मीद है।

बेस्ट मेनटेन स्टेशन का भी मिल चुका है तमगा 

कभी तबेले के रूप में रहे इस स्टेशन को लखनऊ मंडल में 2019 का बेस्ट मेनटेन स्टेशन का गौरव भी हासिल हो चुका है। स्टेशन अधीक्षक के अनुसार यहां पर सिक लाइन भी तैयार हो रही है जिसके बाद यहां पर आने वाली टे्रनों का रखरखाव भी होने लगेगा।

नौचंदी, गंगा-गोमती जैसी टे्रनें चलती हैं यहां से

अब यहां से नौचंदी, गंगा-गोमती, लखनऊ इंटरसिटी, हरिद्वार एक्सप्रेस, बरेली पैसेंजर और एक्सप्रेस, जौनपुर पैसेंजर, फैजाबाद पैसेंजर, ऊंचाहार एक्सप्रेस आदि जैसी महत्वपूर्ण टे्रनों का संचालन हो रहा है हालांकि कोरोना संक्रमण के बाद लगे लॉकडाउन से अभी तक इनका संचालन ठप है।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।