अटाला बवाल के आरोपित उमर खालिद और शाह आलम को राहत, उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक
Prayagraj Atala violence इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जुमे की नमाज के बाद अटाला में हिंसा के आरोपित उमर खालिद और शाह आलम को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने राज्य सरकार से जानकारी मांगी है और तब तक उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है।
By Ankur TripathiEdited By: Updated: Thu, 08 Sep 2022 06:37 PM (IST)
प्रयागराज, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जुमे की नमाज के बाद अटाला में हिंसा के आरोपित उमर खालिद और शाह आलम को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने राज्य सरकार से जानकारी मांगी है और तब तक उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है।
उमर खालिद ने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि घटना के दिन वह आजमगढ़ में थे। उन्हें झूठा फंसाया गया है। बवाल से उसका कोई सरोकार नहीं है। प्रयागराज पुलिस ने गिरफ्तारी पर 25 हजार का रुपये का इनाम घोषित किया है जबकि उसके खिलाफ घटना में लिप्त होने का कोई सबूत नहीं है। कोर्ट सह अभियुक्त मोहम्मद जीशान रहमानी को जमानत दे चुकी है। यह आदेश न्यायमूर्ति सुरेश कुमार गुप्ता ने उमर खालिद की अग्रिम जमानत अर्जी को सुनवाई करते हुए दिया है।
10 जून को पथराव के साथ की गई थी आगजनी
उल्लेखनीय है कि भाजपा की पूर्व नेता नुपुर शर्मा के विवादित बयान के विरोध में कानपुर के बाद 10 जून को प्रयागराज में भी जुमे की नमाज के बाद अटाला इलाके में भीड़ ने बवाल काटा था। उग्र भीड़ ने सुरक्षाबलों पर हमला किया, ईंट-पत्थर फेंकने के साथ ही आगजनी की। बम भी फोड़े गए थे। इस घटना में पुलिस-पीएसी और आरएएफ के कई जवान जख्मी हो गए थे। बवाल नियंत्रित करने के बाद पुलिस ने सौ से ज्यादा लोगों को नामजद करते हुए तीन मुकदमे लिखे साथ ही तीसरे रोज ही जावेद पंप को उपद्रव का मास्टर माइंड करार देते हुए बिना नक्शा पास कराए बनाए उसके मकान को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया। जावेद पंप समेत बड़ी संख्या में उपद्रवियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। फरार लोगों पर इनाम घोषित किया गया।
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