साउथ कोरिया में प्रयागराज के कुलदीप ने जीता ब्रॉन्ज, प्रेरणादायी है कहानी; दूध बेचकर पिता ने तय कराया सफर
कुलदीप इस समय बेंगलुरु में तैयारी कर रहे हैं। बेहतर प्रदर्शन के बाद वह मौजूदा समय में स्पोर्ट अथारिटी आफ इंडिया बेंगलुरु में प्रशिक्षण ले रहे हैं। वहां उनके कोच विजीस एम उनके तकनीकी कौशल को लगातार बेहतर बना रहा हैं।
By Jagran NewsEdited By: Nitesh SrivastavaUpdated: Fri, 09 Jun 2023 04:37 PM (IST)
जागरण संवाददाता, प्रयागराज : संगम नगरी के के छोटे से गांव अलावलपुर मऊआइमा के कुलदीप यादव ने साउथ कोरिया में आयोजित इंटरनेशनल इनविटेशन मीट में रजत पदक जीतकर इतिहास रच दिया। शुक्रवार को पोल वाल्ट स्पर्धा में यह उपलब्धि कुलदीप के हाथ लगी तो पूरे क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गई।
इससे पहले 17 वें यूथ नेशनल एथलेटिक्स चैंपियनशिप में कुलदीप ने गोल्ड मेडल जीता था। जबकी कुवैत में आयोजित एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 4.80 मीटर की ऊंचाई को आसानी से पार कर कांस्य पदक भी कुलदीप ने जीता था। दक्षिण कोरिया में में तिरंगा लहराते हुए कुलदीप की तस्वीरें जैसे ही दिखी स्वजन खुशी से झूम उठे। सभी ने कुलदीप को खूब बधाई दी।
कुलदीप इस समय बेंगलुरु में तैयारी कर रहे हैं। बेहतर प्रदर्शन के बाद वह मौजूदा समय में स्पोर्ट अथारिटी आफ इंडिया बेंगलुरु में प्रशिक्षण ले रहे हैं। वहां उनके कोच विजीस एम उनके तकनीकी कौशल को लगातार बेहतर बना रहा हैं।कुलदीप काफी समय तक मदन मोहन मालवीय स्टेडियम में प्रशिक्षु रहे हैं। कुलदीप के बड़े भाई धर्मेंद्र ने बताया कि यह गर्व का दिन है। कड़ी मेहनत और ईश्वर कृपा कुलदीप है। वह इसी तरह भारत का नाम रोशन करता रहे। हमें उम्मीद है कि वह ओलंपिक में भी भारत के लिए पदक लेकर आएगा।
दूध बेचकर पिता ने तय कराया सफर
गरीबी और अभावों से शुरू हुआ कुलदीप का सफर आज अंतरराष्ट्रीय शिखर पर पहुंच गया है। वह अपने नाम के अनुरूप अपने कुल का दीप पूरी दुनिया में जला रहे हैं। कुलदीप के पिता सुरेश यादव दूध बेंच कर परिवार का भरण पोषण करते हैं लेकिन, बेटे की तैयारी में कभी कोई कमी नहीं आने दी। मां सुषमा कुलदीप को आगे बढ़ने के लिए हमेशा प्रेरित करती रही और अब उसका प्रतिफल मिल रहा है।
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