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Prayagraj Metro News: शहर में 35 किमी में बनेगी लाइट मेट्रो, 7000 करोड़ रुपये आएगी लागत

Prayagraj Metro News प्रयागराज में लाइट मेट्रो के लिए इसी वर्ष सितंबर-अक्टूबर माह तक ट्रैक बनने की प्रक्रिया भी शुरू की जा सकती है। एक सप्ताह के भीतर राइटस और प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) के टेक्निकल अधिकारी लाइट मेट्रो के लिए इसका सर्वे करेंगे।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Updated: Fri, 22 Apr 2022 04:36 PM (IST)
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Prayagraj Metro News प्रयागराज शहर में सितंबर, अक्‍टूबर तक लाइट मेट्रो का ट्रैक बनना शुरू हो सकता है।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। प्रयागराज के लोगों के लिए अच्‍छी खबर है। स्मार्ट सिटी की ओर अग्रसर संगम नगरी में जल्द ही लाइट मेट्रो की सुविधा मिलेगी। इससे लोगों का सफर सुहाना होगा। लगभग सात हजार करोड़ रुपये की लागत से लाइट मेट्रो के संचालन के लिए ट्रैक बनाया जाएगा। इसका डीपीआर जुलाई तक बनाने को कहा गया है। लाइट मेट्रो का संचालन 35 किलोमीटर में होगा।

सितंबर, अक्‍टूबर तक लाइट मेट्रो ट्रैक बनना शुरू हो सकता है

प्रयागराज में लाइट मेट्रो के लिए इसी वर्ष सितंबर-अक्टूबर माह तक ट्रैक बनने की प्रक्रिया भी शुरू की जा सकती है। एक सप्ताह के भीतर राइटस और प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) के टेक्निकल अधिकारी लाइट मेट्रो के लिए इसका सर्वे करेंगे।

किस रूट पर संचालित होगी लाइट मेट्रो

पुरामुफ्ती से नैनी और फाफामऊ से झूंसी रूट पर लाइट मेट्रो संचालित की जाएगी। दो किलोमीटर की दूरी पर एक स्टेशन बनेगा। 20 स्टेशन बनाने की तैयारी की जा रही है।

लाइट मेट्रो का रूट 7000 करोड़ रुपये से होगा तैयार

पीडीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मेट्रो के लिए जब सर्वे हुआ था तो लगभग 14 हजार करोड़ रुपये खर्च होने का आकलन किया गया था। अब लाइट मेट्रो है तो खर्च आधा हो गया है लगभग सात हजार करोड रुपये के बजट से इसका रूट तैयार किया जाएगा। बताया मेट्रो का ट्रैक तैयार करने में प्रति किलो मीटर 350 करोड रुपये से 400 करोड़ रुपये खर्च होता है। वहीं अंडर ग्राउंड ट्रैक तैयार करने में 500 से 600 करोड़ रुपये प्रति किलो मीटर खर्च आता है। लाइट मेट्रो का ट्रैक सड़क की ऊंचाई के अनुसार तैयार किया जाएगा। ऐसे में 200 से 225 करोड़ रुपये प्रति किलो मीटर खर्च आएगा।

क्या है लाइट मेट्रो

लाइट मेट्रो के लिए एक रूट पर प्रति घंटा आठ से 15 हजार यात्री होने चाहिए। आठ हजार से कम यात्रियों की संख्या होने से लाइट मेट्रो चलाई जाती है। 15 हजार से अधिक ट्रैफिक होने पर मेट्रो चलाई जाती है। पुरामुफ्ती, झूंसी, फाफामऊ से नैनी रूट पर लाइट मेट्रो संचालित होगी। इस रूट पर आठ हजार से अधिक और 15 हजार से कम ट्रैफिक होती है। लाइट मेट्रो का ट्रैक सड़क की ऊंचाई तक ही होता है।

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