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Prayagraj Nagar Nigam Chunav: भावी महापौर और पार्षदों ने बढ़ा दी है राजनीतिक दलों की चिंता

चुनाव की तारीख घोषित होने में समय है लेकिन नेताओं में व्याकुलता निरंतर बढ़ रही है। लालसा इतनी है कि कुछ नेता पार्टी का निर्देश मिले बगैर इंटरनेट मीडिया व होर्डिंग-पोस्टरों में चमचमाती फोटो लगाकर खुद को भावी महापौर व पार्षद प्रत्याशी के रूप में प्रचारित करने लगे हैं।

By Sharad DwivediEdited By: Ankur TripathiUpdated: Wed, 02 Nov 2022 07:00 AM (IST)
Prayagraj Nagar Nigam Chunav: भावी महापौर और पार्षदों ने बढ़ा दी है राजनीतिक दलों की चिंता
नगर निगम चुनाव का आरक्षण अभी तय नहीं है लेकिन नेताओं में व्याकुलता निरंतर बढ़ रही है।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। नगर निगम चुनाव का आरक्षण अभी तय नहीं है। चुनाव की तारीख घोषित होने में समय है, लेकिन नेताओं के दिल में मिनी सदन पहुंचने की अभिलाषा हिलोर मारने लगी है। नेताओं में व्याकुलता निरंतर बढ़ रही है। लालसा इतनी प्रबल है कि कुछ नेता पार्टी का निर्देश मिले बगैर इंटरनेट मीडिया व होर्डिंग-पोस्टरों में चमचमाती फोटो लगाकर खुद को भावी महापौर व पार्षद प्रत्याशी के रूप में प्रचारित करने लगे हैं।

टिकट न मिलने पर बागी होने का अंदेशा

इस तेजी से पार्टी के पदाधिकारियों के माथे पर चिंता की लकीर खिंच गई है, क्योंकि टिकट न मिलने की स्थिति में उनके बागी होने की प्रबल संभावना है। अब ऐसे लोगों से किनारा करने की तैयारी चल रही है।

हर दल में बढ़ रही दावेदारों की संख्या

केंद्र व प्रदेश की सत्ता पर काबिज भाजपा में दावेदारों की संख्या सबसे अधिक है। नगर निगम में मौजूदा समय 80 सीटों में भाजपा के 36 पार्षद हैं। इसके अलावा 10 नामित पार्षद हैं। अबकी सौ वार्डों में चुनाव होना है। सत्ता में होने के कारण पार्टी मजबूत स्थिति में है। यही कारण है कि हर वार्ड में पार्षद का टिकट पाने के लिए 15 से 20 दावेदार हैं। मौजूदा महापौर भाजपा की हैं। इसके बावजूद पार्टी में दो दर्जन नेता महापौर का टिकट पाने के लिए लखनऊ व दिल्ली में बैठे अपने आकाओं का चक्कर काट रहे हैं। भाजपा काशीक्षेत्र उपाध्यक्ष अवधेश चंद्र गुप्त कहते हैं कि जनता के बीच पार्टी की लोकप्रियता के कारण चुनाव लड़ने वाले दावेदार बढ़ रहे हैं।

विपक्षी दलों में भी बढ़े दावेदार

विपक्षी दलों में भी महापौर व पार्षद पद के टिकट के काफी दावेदार हैं। सपा में महापौर पद के लिए 10 से अधिक नेताओं ने दावा ठोक दिया है। वहीं, हर वार्ड में पार्षद पद के लिए 10 से अधिक दावेदार बताए जा रहे हैं। जिन नेताओं को भाजपा व सपा से टिकट मिलने की आस कम है वो कांग्रेस की ओर रुख कर रहे हैं। यही कारण है कि कांग्रेस में महापौर पद के लिए छह से अधिक नेता दावेदारी कर रहे हैं। पार्षदी का टिकट पाने के लिए हर वार्ड में पांच से छह दावेदार हैं। बसपा भी नगर निगम चुनाव पूरे दमखम से लड़ने की तैयारी कर रही है।

हर वार्ड से चार से पांच दावेदार बसपा से चुनाव लड़ना चाहते हैं। वहीं, महापौर पद के लिए पांच नाम चर्चा में हैं। बसपा जिलाध्यक्ष टीएल जैसल कहते हैं कि महापौर व पार्षद पद का चुनाव लड़ने वालों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। जो हमारे बढ़े जनाधान का प्रमाण है।

सपा के निवर्तमान जिलाध्यक्ष योगेश यादव कहते हैं कि ये दावेदार अधिक हैं, लेकिन हम योग्य प्रत्याशी ही मैदान में उतारेंगे। कांग्रेस के शहर अध्यक्ष प्रदीप मिश्र अंशुमन कहते हैं कि नगर निगम का चुनाव परिणाम चौंकाने वाला होगा। आम आदमी पार्टी के शहर अध्यक्ष सर्वेश यादव कहते हैं कि 70 वार्डों में कमेटी गठित हो चुकी है। हर वार्ड से चार से पांच पार्षद के दावेदार हैं।