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Prayagraj News: डाक्टरों की टीम चौंकी, आठ महीने के बच्चे के पेट में मिला आठ माह का मृत शिशु

स्थित सरोजनी नायडू बाल रोग चिकित्सालय (चिल्ड्रेन अस्पताल) में शुक्रवार को आठ महीने के बच्चे के पेट में आश्चर्यजनक रूप से एक अन्य बच्चा मिला। छोटे बच्चे (पुरुष) के पेट में बच्चा देखकर डाक्टरों की टीम चौंक पड़ी। वह भी आठ महीने का हो चुका था। उसके सिर उसमें बाल दोनों हाथ और पैर भी बन चुके थे। हालांकि पेट के अंदर बच्चा पूरी तरह विकसित नहीं हो सका था।

By Jagran NewsEdited By: Paras PandeyUpdated: Sat, 29 Jul 2023 07:33 AM (IST)
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डाक्टरों की टीम चौंकी, आठ महीने के बच्चे के पेट में मिला आठ माह का मृत शिशु
प्रयागराज,जागरण संवाददाता। सरोजनी नायडू बाल रोग चिकित्सालय (चिल्ड्रेन अस्पताल) में शुक्रवार को आठ महीने के बच्चे के पेट में आश्चर्यजनक रूप से एक अन्य बच्चा मिला। छोटे बच्चे (पुरुष) के पेट में बच्चा देखकर डाक्टरों की टीम चौंक पड़ी। वह भी आठ महीने का हो चुका था। उसके सिर, उसमें बाल, दोनों हाथ और पैर भी बन चुके थे। हालांकि पेट के अंदर बच्चा पूरी तरह विकसित नहीं हो सका था।

बच्चे के पेट का जटिल आपरेशन कर अंदर से मृत बच्चे को निकाला गया। जिस बच्चे का आपरेशन हुआ, वह अब स्वस्थ है और डाक्टरों की निगरानी में है। आपरेशन करने वाले प्रो.डी कुमार ने इसे दुर्लभ केस बताया है। उनका कहना है कि संभवत पूरी दुनिया में ऐसे 200 मामले हो चुके हैं। चिकित्सक के अनुसार चिकित्सालय में उनकी ओपीडी में पांच दिन पहले कुंडा (प्रतापगढ़) से एक व्यक्ति अपने आठ माह के बच्चे को लेकर आया था। जन्म के समय बच्चे की मां की मौत हो गई थी। 

बच्चे का पेट काफी अधिक फूला था, उसे दर्द हो रहा था। हालत नाजुक थी। आनन-फानन उसका सीटी स्कैन कराया गया। रिपोर्ट में पता चला कि बच्चे के पेट में बच्चा है, यह अचंभित करने वाला था। उसे तत्काल चिल्ड्रेन अस्पताल में भर्ती कराया और शुक्रवार को चार घंटे आपरेशन चला। पेट से निकाले गए मृत बच्चे को पैथालाजी विभाग में भेज दिया गया है। डा. डी कुमार के अनुसार ऐेसे प्रकरण दुर्लभ होते हैं। प्रयागराज में और उनके अब तक के चिकित्सीय जीवन में यह पहला आपरेशन है।

प्रयागराज में आपरेशन कर बाहर निकाला सिर, बाल, हाथ और पैर होने लगे थे विकसित फीटस इन फीटस नामक बीमारी गर्भवती के पेट में अंडों से बच्चे बनते हैं। अंडों में कभी-कभी स्पर्म होने से जुड़वा बच्चे बन जाते हैं। किन्हीं परिस्थिति में जुड़वा बच्चों में एक तो मां के पेट में विकसित होता है और दूसरा शिशु के पेट के भीतर चला जाता है और वहीं विकसित होने लगता है। यह एक तरह की बीमारी है, जिसे फीटस इन फीटस कहते हैं।  

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