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स्कूल का फरमान- टोपी पहन ईद मुबारक बोलते बनाएं वीडियो, नाराज अभिभावकों ने सीएम से की शिकायत

न्यायनगर पब्लिक स्कूल झूंसी ने एक्सट्रा कैरीकुलम एक्टीविटी के तहत छात्रों को कुर्ता पैजामा और टोपी पहन ईद मुबारक बोलते हुए वीडियो बनाकर स्कूल ग्रुप में शेयर करने का निर्देश दिया है। छात्राओं को सलवार कुर्ता दुपट्टा पहनकर यह प्रस्तुति देनी है। इस पर कुछ अभिभावकों ने आपत्ति की।

By Ankur TripathiEdited By: Updated: Mon, 02 May 2022 07:17 AM (IST)
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कुर्ता, पैजामा और टोपी पहनकर ई मुबारक बोलते हुए वीडियो बनाने के निर्देश पर आपत्ति

प्रयागराज, जेएनएन। ईद के अवसर पर न्यायनगर पब्लिक स्कूल झूंसी ने अपने विद्यार्थियों के लिए एक्सट्रा कैरीकुलम एक्टीविटी का आयोजन किया है। इसके तहत छात्रों को कुर्ता, पैजामा और टोपी पहन ईद मुबारक बोलते हुए वीडियो बनाकर स्कूल ग्रुप में शेयर करने का निर्देश दिया है। छात्राओं को सलवार, कुर्ता, दुपट्टा पहनकर यह प्रस्तुति देनी है। इस पर कुछ अभिभावकों ने आपत्ति की। विद्यालय की तरफ से जारी निर्देश में यह भी कहा गया है कि जो विद्यार्थी इस गतिविधि में हिस्सा लेंगे उन्हें वार्षिक परीक्षा में कुछ अंक भी दिए जाएंगे।

मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री, डीएम और पुलिस को किया ट्वीट

रविवार को संदीप पाठक के ट्विटर हैंडिल से यह मुद्दा उठाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्त नंदी, जिलाधिकारी व उत्तर प्रदेश पुलिस को ट्वीट किया गया। प्रकरण को तुरंत संज्ञान में लेते हुए प्रयागराज पुलिस के ट्विटर हैडल से ट्वीट हुआ कि थाना प्रभारी झूंसी जांचकर आवश्यक कार्रवाई करें। इस मामले में झूंसी इंस्पेक्टर यशपाल ने बताया कि पूरे मामले की जांच की गई है। एक्सट्रा कैरीकुलम एक्टीविटी के तहत सांस्कृतिक कार्यक्रम में सहभागिता करने वाले छात्र छात्राओं के लिए ऐसा कहा गया था। छात्रों से भी बात की गई है जिस पर उन्होंने कोई आपत्ति नहीं जताई है।

आरएसएस और विहिप ने जताई आपत्ति

आरएसएस के वरिष्ठ स्वयंसेवक व गंगा समग्र के प्रांत संगठन मंत्री अम्बरीश ने कहा कि स्कूल को इस तरह का निर्देश देना गलत है। यह अपराध की श्रेणी में आता है। दीपावली, दशहरा, होली जैसे पर्व पर होने वाले आयोजनों की तुलना इससे नहीं की जा सकती। श्रीराम और कृष्ण हमारी संस्कृति में रचे बसे हैं। हमारे आदर्श पुरुष हैं। बच्चा बच्चा उनका अनुशरण करता है। विद्यालय के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। इसी क्रम में विहिप ने भी कड़ी आपत्ति जताई है। प्रांत संगठन मंत्री मुकेश कुमार ने जिलाधिकारी प्रयागराज एवं शिक्षा विभाग के अधिकारियों से मांग की है कि विद्यालय में सभी धर्म के बच्चे पढ़ते हैं इसलिए वहां पर किसी विशेष धर्म के क्रियाकलाप के लिए छात्रों को निर्देशित न किया जाए। लोकतांत्रिक राष्ट्र में सभी धर्म के लोगों को अपनी इच्छा अनुसार त्योहार मनाने की स्वतंत्रता है। आवश्यकता पड़ने पर संगठन के पदाधिकारी कल विद्यालय में पहुंचकर प्रबंध तंत्र से इस क्रियाकलाप को रोकने के लिए कहेंगे।

प्रधानाचार्य की यह है सफाई

विद्यालय में दशहरा, दीपावली, 15 अगस्त, 26 जनवरी सहित सभी तीज त्योहार पर एक्स्ट्रा एक्टीविटीज कराई जाती हैं। उसमें विद्यार्थी राम, कृष्ण और भारत माता के स्वरूप में गतिविधि का हिस्सा बनते हैं। इसी क्रम में इस बार ईद पर भी बच्चों को वीडियो बनाने के लिए कहा गया है। यह गतिविधि किसी के लिए अनिवार्य नहीं है। विद्यालय में सत्र की शुरुआत सुंदरकांड पाठ से कराई गई। प्रतिदिन सरस्वती वंदना और प्रसाद वितरण भी होता है। इस गतिविधि को किसी संकुचित दायरे में न देखें तो बेहतर होगा। जो अभिभावक सहमत न हो वह अपने बच्चे को विद्यालय से हटा सकते हैं। ऐसे आयोजन विद्यार्थियों में आत्मविश्वास बढ़ाने में भी सहायक होते हैं।

- बुशरा मुस्तफा, प्रधानाचार्य न्यायनगर पब्लिक स्कूल