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नैनी सेंट्रल जेल में प्रयागवाल सभा के अध्यक्ष डाक्‍टर प्रकाश चंद्र मिश्र की मौत, क्‍यों नाराज हैं तीर्थ पुरोहित

वर्ष 2019 में हुए एक विवाद में जमानती वारंट जारी होने के बाद तीर्थ पुरोहितों की संस्था प्रयागवाल सभा के अध्यक्ष ने कोर्ट में समर्पण किया था। इसके बाद उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी गई और उनको पुलिस हिरासत में लेकर नैनी सेंट्रल जेल भेजा। वहीं उनका निधन हुआ।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Updated: Sat, 11 Jun 2022 02:14 PM (IST)
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तीर्थ पुरोहितों की संस्था प्रयागवाल सभा अध्यक्ष डा. प्रकाश चंद्र मिश्र के निधन पर जेल प्रशासन पर आरोप लगा है।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। तीर्थ पुरोहितों की प्रमुख संस्था प्रयागवाल सभा के अध्यक्ष डा. प्रकाश चंद्र मिश्र का प्रयागराज के नैनी जेल में निधन हो गया है। वे काफी समय से बीमार चल रहे थे। आरोप है कि जेल प्रशासन की ओर से उचित इलाज मुहैया न कराने के कारण उनकी मौत हुई। इससे तीर्थ पुरोहितों में नाराजगी व्याप्त है। उनका कहना है कि पुलिस अधिकारियों ने बीमारी का पर्चा दिखाने के बावजूद डा. प्रकाश को सहूलियत नहीं दी गई। तीर्थ पुरोहित डा. प्रकाश की इलाज में लापरवाही करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग कर रहे हैं।

किस मामले में जेल में सजा काट रहे थे प्रकाश चंद्र : वर्ष 2019 में हुए एक विवाद में जमानती वारंट जारी होने के बाद सात जून को तीर्थ पुरोहितों की संस्था प्रयागवाल सभा के अध्यक्ष ने कोर्ट में समर्पण किया था। इसके बाद उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी गई और उनको पुलिस हिरासत में लेकर नैनी सेंट्रल जेल भेज दिया गया।

स्‍वजनों ने जेल प्रशासन की लापरवाही से मौत का लगाया आरोप : नैनी सेंट्रल जेल के बैरक नंबर छह में उनकी हालत बिगड़ने लगी। तेज बुखार आने पर परिजनों ने जेल प्रशासन से अस्पताल में भर्ती कराने का आग्रह किया लेकिन उनकी नहीं सुनी गई। हालत ज्यादा खराब होने पर शुक्रवार को डा. प्रकाश की मौत हो गई। स्‍वजनों ने जेल प्रशासन की लापरवाही से मौत होने का आरोप लगाया है। कहा कि उनकी तबीयत पहले से खराब थी। जेल में इलाज व जरूरी दवाएं नहीं मिल पा रही थी।

प्रयाग धर्मसंघ के अध्‍यक्ष बोले- लापरवाह अधिकारियों को मिले सजा : प्रयाग धर्मसंघ के अध्यक्ष राजेंद्र पालीवाल का कहना है कि अधिकारी उचित इलाज मुहैया कराते तो डा. प्रकाश की जान बच जाती। अधिकारियों की लापरवाही से स्थिति बिगड़ी है, ऐसे में उन्हें सजा मिलनी चाहिए। इसके लिए तीर्थपुरोहित पुरजोर आवाज उठाएंगे।