Prayagraj Weather: प्रयागराज में प्री-मानसून ने भिगोया, गर्मी से मिली लोगों को राहत; लोगों के चेहरे खिले
Prayagraj Weather प्रयागराज में पिछले तीन दिनों से आसमान में बादलों की घेराबंदी थी पर बारिश नहीं हो रही थी। शुक्रवार सुबह से ही बादल छा गए थे जो पिछले दिनों की अपेक्षा ज्यादा सघन थे। सुबह उमस भी तेज थी और वर्षा की उम्मीद बनी थी। हालांकि यह राहत ज्यादा देर तक नहीं रही। दोपहर बाद धूप खिलने के बाद तेज गर्मी से पारा ऊपर की ओर चढ़ गया।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। बारिश का लंबा इंतजार खत्म हो गया। जून की प्रचंड गर्मी से परेशान लोग शुक्रवार रात झमाझम वर्षा से पुलकित हो उठे। मानसून से पहले माहौल बनाने के लिए तेज हवाओं ने पहले बारिश का स्वागत किया।
शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में झमाझम वर्षा ने राहत दी। शनिवार और रविवार के बीच भारी वर्षा की संभावना प्रबल हो गई है। मौसम विभाग ने 25 जून को भारी वर्षा का अलर्ट जारी किया है। भीषण गर्मी से राहत दिलाने को मानसून पूर्वी उत्तर प्रदेश के चौखट पर खड़ा है।
बादल तो छाए पर बारिश नहीं हुई
पिछले तीन दिनों से आसमान में बादलों की घेराबंदी थी पर बारिश नहीं हो रही थी। शुक्रवार सुबह से ही बादल छा गए थे, जो पिछले दिनों की अपेक्षा ज्यादा सघन थे। सुबह उमस भी तेज थी और वर्षा की उम्मीद बनी थी। हालांकि यह राहत ज्यादा देर तक नहीं रही। दोपहर बाद धूप खिलने के बाद तेज गर्मी से पारा ऊपर की ओर चढ़ गया।
ऐसा रहा तापमान
अधिकतम तापमान 40.6 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया, जो सामान्य से तीन डिग्री अधिक था। न्यूनतम तापमान 30.4 डिग्री सेल्सियस रहा। यह भी सामान्य से तीन डिग्री ज्यादा था। आर्द्रता 60 प्रतिशत दर्ज की गई। रात में मौसम ने करवट बदली।
देर शाम बदला मौसम
यमुनापार के जसरा व आसपास देर शाम तेज हवाओं के साथ बादल गरजने लगे। इसके बाद बारिश शुरू हो गई। करछना तहसील क्षेत्र में रात में हुई वर्षा से तापमान गिरा। इसके बाद शहर में भी बारिश हुई। वर्षा से किसानों के चेहरे खिल उठे।
मानसून अब ज्यादा दूर नहीं
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में भूगोल विभाग के प्रो. एआर सिद्दीकी ने बताया कि मानसून अब ज्यादा दूर नहीं है। यह प्री-मानसून बारिश थी। शनिवार और रविवार को प्रयागराज में तेज वर्षा की पूरी संभावना है।
किसानों के चेहरे पर लौटी रौनक
बारिश से एक ओर जहां मौसम खुशनुमा हो गया, वहीं किसानों के चेहरे भी खिल गए।स्थानीय किसान धर्मेंद्र कुशवाहा, भोला तिवारी, कृष्ण मुरारी तिवारी, प्रदीप त्रिपाठी, अखिलेश त्रिपाठी आदि ने बताया कि धान की नर्सरी के लिए यह पानी अमृत के समान है।किसान अब अपने धान की नर्सरी तेजी से लगा सकेंगे। पहली बरसात से खेतों को तैयार करने में आसानी होगी।