Railway News: दीपावली पर ट्रेन और बस फुल, घर जाने के लिए खड़े होकर सफर करने को मजबूर यात्री
यात्रियों की सुविधाओं के लिए अतिरिक्त बसों के फेरे और पूजा स्पेशल ट्रेनें भी नाकाफी साबित हुई। ट्रेनों में हालात यह रहे कि यात्री बाथरूम तक में बैठकर सफर करने को मजबूर दिखे। रेलवे स्टेशन और बस अड्डे पर हालात ये हो गए कि सुरक्षा नियम भी धुआं हो गए।
प्रयागराज, जेएनएन। दीपावली परिवार संग मनाने के लिए परदेशियों की वापसी मुसीबत भरी है। भारी भीड़ से ट्रेनों और बसों में तिल रखने की जगह नहीं है। रेलवे स्टेशन और बस अड्डा परिसर के बाहर से अंदर तक लोगों के आवागमन का क्रम रविवार को दिन भर देखने को मिला। हालांकि ट्रेन और बस दोनों में सीट के लिए ही नहीं खड़े होने के लिए भी यात्री मशक्कत करते रहे।
अतिरिक्त बसों के फेरे और पूजा स्पेशल ट्रेनें भी नाकाफी
यात्रियों की सुविधाओं के लिए अतिरिक्त बसों के फेरे और पूजा स्पेशल ट्रेनें भी नाकाफी साबित हुई। ट्रेनों में हालात यह रहे कि यात्री बाथरूम तक में बैठकर सफर करने को मजबूर दिखे। रविवार को दीपावली की पूर्व संध्या पर सुबह से शाम तक रेलवे स्टेशन और बस अड्डे पर हालात ये हो गए कि सुरक्षा नियम भी धुआं हो गए।
न किसी के सामान की चेकिंग हुई न किसी संदिग्ध पर नजर रखी गई। बस अड्डे और रेलवे स्टेशन पर एक जैसी ही स्थिति दिखी। जंक्शन लगे सामान स्कैनर सिर्फ दिखावे के लिए ही दिखाई पड़े। ट्रेनों में बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी सफर कर रहे थे, जिनके पास किसी भी तरह का टिकट नहीं था।
सामान ने बढ़ाई मुश्किल
ट्रेन और बसों में यात्रियों की राह उनके सामान की वजह से और मुश्किल भरी रही। जो यात्री कुछ दिनों के लिए अपने घर जा रहे थे, उनके साथ उपहार और दीपावली के सामान के अलावा काफी अधिक सामान था। इसके कारण उन्हें यात्रा करने में सर्वाधिक परेशानी हुई।
अवकाश होने के कारण आम दिनों की तुलना में रविवार को भीड़ भी अधिक थी। इस समय बड़ी संख्या में लोगों ने दिवाली और छठ पूजा के लिए पहले ही टिकट बुक करा रखे थे और एक साथ उस भीड़ के पहुंचने से स्थिति काफी गंभीर रही। बिहार की ओर जाने वाली ट्रेनों में सर्वाधिक भीड़ देखने को मिली।
बसों का खूब हुआ इंतजार
सिविल लाइंस बस अड्डे पर रविवार को यात्री खूब परेशान हुए। यात्री बस के इंतजार में इधर से उधर भटकते रहे लेकिन, बसों की कमी बनी रही। बार-बार लोग पूछताछ काउंटर पर बसों के आने का समय पूछते नजर आए। उन्हें प्लेटफार्म पर बस लगने की जानकारी देकर बार बार भेजा जाता रहा। बसों के अतिरिक्त फेरे का दावा परिवहन निगम की ओर से किया गया लेकिन, भीड़ के आगे बसों की कमी साफ नजर आई।