Move to Jagran APP

Raju Pal Murder Case: एक ऐसा सनसनीखेज हत्‍याकांड, जिसे याद कर आज भी सिहर उठते हैं लोग

Raju Pal Murder Case 25 जनवरी 2005 की दोपहर करीब तीन बजे शहर पश्चिमी के बसपा के नवनिर्वाचित विधायक राजू पाल पर चलते वाहन में हमला किया गया। गोलियों की तड़तड़ाहट से दहशत फैल गई थी। राजू पाल समेत तीन की मौत के बाद बवाल हुआ था।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Updated: Fri, 15 Jul 2022 01:00 PM (IST)
Hero Image
25 जनवरी 2005 में प्रयागराज में विधायक राजू पाल की हत्‍या के बाद जमकर बवाल हुआ था।
प्रयागराज, जेएनएन। गणतंत्र दिवस से ठीक एक दिन पहले 25 जनवरी 2005 को एक ऐसा हत्‍याकांड हुआ जिसके विरोध की राख कई दिनों तक सुलगती रही। प्रदेश की राजनीति में भी उबाल लाने वाला यह हत्‍याकांड प्रयागराज में हुआ था। शहर पश्चिमी के तत्‍कालीन नवनिर्वाचित बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के नवनिर्वाचित विधायक राजू पाल की गोली मारकर हत्‍या कर दी गई थी। राजू पाल के साथ ही दो अन्‍य भी गोलियों से मौत की नींद सो गए थे। इस हत्‍याकांड को फिल्‍मी स्‍टाइल में अंजाम दिया गया था।

बसपा विधायक राजू पाल की फिल्‍मी स्‍टाइल में हत्‍या हुई थी : 25 जनवरी 2005 के दिन गणतंत्र दिवस के एक दिन पूर्व तैयारियों में लोग जुटे थे। बाजारों में आवाजाही थी, लोग अपने काम-धंधे में व्‍यस्‍त थे। दोपहर के करीब तीन बजे रहे थे। शहर पश्चिमी के बसपा के नवनिर्वाचित विधायक राजू पाल एसआरएन अस्‍पताल (एसआरएन हास्पिटल) से वापस आ रहे थे। वह क्‍वालिस वाहन में सवार थे व दूसरे वाहन में उनका चालक महेंद्र, ओमप्रकाश व अन्‍य तीन लोग सवार थे। राजू पाल ही वाहन चला रहे थे। इसी वाहन में संदीप यादव और देवीलाल भी सवार थे। सुलेमसराय इलाके में राजू पाल के वाहन से एक वाहन आगे निकला। उसमें सवार लोग अचानक गोलियां चलाने लगे। उन्‍हें इतनी गोली मारी गई कि वाहन में ही उनका शरीर छलनी हो चुका था। राजू पाल के साथ के दूसरे वाहनों पर भी गोलियां बरसाने के बाद हमलावर फरार हो गए।

बवाल, हंगामा व आगजनी से कांप उठे थे शहरवासी : विधायक को गोली मारने की घटना जंगल में आग की तरह फैल गई। कुछ ही देर में वहां पुलिस अधिकारी पहुंचे और राजू पाल को तत्‍काल अस्‍पताल ले गए। वहां उनके शरीर से करीब डेढ़ दर्जन गोली निकाली गई। उनकी गाड़ी में बैठे संदीप यादव और देवीलाल की भी मौत हो गई। पोस्‍टमार्टम के बाद रातोंरात शव के अंतिम संस्‍कार का आरोप लगा। इस हत्‍याकांड से लोग आक्रोशित हो उठे थे। इसके बाद तो मानो शहर जल उठा। राजू पाल की हत्‍या के बाद कई दिनों तक शहर में बवाल, हंगामा और आगजनी की घटनाएं हुईं। दिनदहाड़े हुए इस सनसनीखेज हत्याकांड ने पूरे प्रदेश को हिलाकर रख दिया था।

अतीक अहमद व भाई अशरफ पर दर्ज कराया था केस : जी हां उस समय के अतीक अहमद का प्रयागराज में काफी बड़ा रुतबा था। राजूपाल ने अतीक के गढ़ में यानी शहर पश्चिमी के विधान सभा चुनाव में विजयश्री हासिल की। बसपा के टिकट पर चुनाव लड़कर राजू पाल ने अतीक अहमद के भाई अशरफ को चुनाव में हराया था। अतीक अहमद 2004 में फूलपुर संसदीय क्षेत्र से सांसद चुने गए थे। राजू पाल की हत्‍या का कारण राजनीतिक प्रतिद्वंदिता बताया गया। राजू पाल की हत्‍या के मामले में उनकी पत्नी पूजा ने तत्कालीन सांसद अतीक अहमद, उनके भाई अशरफ व तीन अन्य के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज कराया था।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।