Prayagraj News: सियासी कोलाहल की आहट पैदा कर रहा रेवती रमण का मौन, भाजपा से नजदीकी बढ़ने की चर्चा ने पकड़ा जोर
Prayagraj News समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता कुं. रेवती रमण सिंह मौन धारण किए हैं। पार्टी गतिविधियों से स्वयं को दूर कर लिया है। यह मौन लंबे समय से कायम है लेकिन अब इसमें सियासी कोलाहल की दूर से ही सही पर आहट सुनाई दे रही है। वह भी दूसरी पार्टियों को ‘फीलर’ भेज रहे हैं। रेवती रमण सिंह की गिनती प्रदेश के कद्दावर नेताओं में होती है।
By Jagran News NetworkEdited By: Jagran News NetworkUpdated: Thu, 03 Aug 2023 07:30 AM (IST)
प्रयागराज, शरद द्विवेदी। समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता कुं. रेवती रमण सिंह मौन धारण किए हैं। पार्टी गतिविधियों से स्वयं को दूर कर लिया है। यह मौन लंबे समय से कायम है लेकिन अब इसमें सियासी कोलाहल की दूर से ही सही पर आहट सुनाई दे रही है।
पिछले कुछ महीनों में कई पालाबदल हुए अब उनकी भी भाजपा से नजदीकी बढ़ने की चर्चा गर्म है। वह इससे इन्कार नहीं करते। सपा को जहां जनाधार वाला नेता खोने का भय है वहीं, इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र से भाजपा के टिकट से संसद पहुंचने का ख्वाब देखने वाले नेता बेचैन हैं। वह भी दूसरी पार्टियों को ‘फीलर’ भेज रहे हैं। रेवती रमण सिंह की गिनती प्रदेश के कद्दावर नेताओं में होती है।
इधर रेवती रमण सपा में उपेक्षित हैं।
करछना से आठ बार विधायक, इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र से दो बार सांसद चुने गए। राज्यसभा के भी सदस्य रहे। मुलायम सिंह के मुख्यमंत्रितत्व काल में महत्वपूर्ण मंत्रालय मिले थे उन्हें उनके बेटे उज्ज्वल रमण सिंह दो बार विधायक रहे। वर्ष 2012 में चुनाव हारने के बावजूद उज्ज्वल को अखिलेश सरकार में मंत्री का दर्जा मिला। इधर रेवती रमण सपा में उपेक्षित हैं। वर्ष 2022 में सपा ने उनकी जगह कपिल सिब्बल को राज्यसभा भिजवा दिया।
इधर रेवती रमण सपा में उपेक्षित हैं।
करछना से आठ बार विधायक, इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र से दो बार सांसद चुने गए। राज्यसभा के भी सदस्य रहे। मुलायम सिंह के मुख्यमंत्रितत्व काल में महत्वपूर्ण मंत्रालय मिले थे उन्हें उनके बेटे उज्ज्वल रमण सिंह दो बार विधायक रहे। वर्ष 2012 में चुनाव हारने के बावजूद उज्ज्वल को अखिलेश सरकार में मंत्री का दर्जा मिला। इधर रेवती रमण सपा में उपेक्षित हैं। वर्ष 2022 में सपा ने उनकी जगह कपिल सिब्बल को राज्यसभा भिजवा दिया।
हर वर्ग पर जमाई रखी है पकड़
रेवती रमण की वैसे हर वर्ग के लोगों में पैठ है, लेकिन भूमिहार होने की वजह से बिरादरी में पकड़ अधिक है। पूर्वांचल में कुल जनसंख्या के सापेक्ष लगभग चार प्रतिशत आबादी भूमिहार है। इस क्षेत्र में लोकसभा की 26 सीटें हैं, इसमें 22 भाजपा के पास हैं। इसके बावजूद वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा पूर्वांचल की 149 में से मात्र 89 सीट जीत सकी। अब भाजपा पूर्वांचल का किला मजबूत करने में जुटी है।
भाजपा के पास मनोज सिन्हा के रूप में बड़े भूमिहार नेता
सुभासपा मुखिया ओम प्रकाश राजभर को इसी क्रम में एनडीए में शामिल किया गया। भाजपा के पास मनोज सिन्हा के रूप में बड़े भूमिहार नेता हैं लेकिन वह जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल हैं अब। भाजपा इस रिक्तता को रेवतीरमण से दूर करने का प्रयास कर रही है। रेवती के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मनोज सिन्हा समेत भाजपा के तमाम नेताओं से आत्मीय संबंध हैं। यदि वह भाजपा में आते हैं तो इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र से बेटे उज्ज्वल टिकट के प्रबल दावेदार होंगे।सकारात्मक प्रस्ताव आएगा तो उस पर जरूर विचार करूंगा: रेवती
रेवती रमण कहते हैं कि विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा से प्रस्ताव मिला था। मुझे राज्यपाल व उज्ज्वल को कैबिनेट मंत्री बनाने का प्रस्ताव था। तब मुलायम सिंह यादव जीवित थे। मेरा उनसे आत्मीय संबंध था, इसलिए मैंने विनम्रता से मना कर दिया। अब पार्टी अखिलेश यादव के हाथों में है। वह (व्यस्त नेता हैं। मेरे जैसे लोगों से बात करने का समय उनके पास नहीं है। हां, शिवपाल ने जरूर दो-तीन बार बात की है। अभी भाजपा से प्रस्ताव नहीं आया है। सकारात्मक प्रस्ताव आएगा तो विचार करूंगा।
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