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बाबू जी धीरे चलना... बड़े गड्ढे हैं इस राह पर, स्मार्ट शहर प्रयागराज का है यह हाल

रात में अक्सर सड़कों पर स्ट्रीट लाइटें बुझी होने से गड्ढे दिखाई नहीं पड़ते हैं। वाहनों के पहिए गड्ढों में अचानक चले जाने पर पलट जाते हैं। शहरियों को बेहद परेशानी होने के बावजूद आला अफसरों द्वारा भी इस तरह ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

By Ankur TripathiEdited By: Updated: Thu, 30 Sep 2021 05:27 PM (IST)
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सड़कों पर गिट्टियां बिखरी होने से बाइक सवार लोग अनियंत्रित होकर अक्सर गिर रहे हैं

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। स्मार्ट सिटी का नाम लेते ही आंखों के सामने चमक-दमक और सुविधाओं से लैस शहर की तस्वीर आती है। यही स्मार्ट सिटी की खासियत भी है लेकिन स्मार्ट सिटी में शुमार हो चुके प्रयागराज शहर में अब भी ऐसी तमाम सड़कें हैं जहां से गुजरने में भारी तकलीफ लोगों को झेलनी पड़ रही है। शहर की कई सड़कें और गलियां गाड़ी या पैदल चलने लायक नहीं हैं। सड़कों और गलियों में चंद कदमों की दूरी पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। इससे अक्सर हादसे हो रहे हैं। लोगों को हड्डी की बीमारियां हो रही हैं। गड्ढों में तब्दील ये सड़कें स्मार्ट शहर प्रयागराज की इमेज पर बट्टा लगा रही हैं, फिर भी संबंधित विभागों के अफसर तो चेत नहीं रहे हैं। यह आलम तब है, जब दुर्गापूजा और दशहरा त्योहार बिल्कुल नजदीक है।

गड्ढे और गिट्टियां, गाड़ी से गिरते हैं लोग

कर्नलगंज इंटर कालेज से अल्लापुर जाने वाली रोड पर जगह-जगह गड्ढे होने से लोगों को हिचकोले खाते हुए चलना पड़ता है। कई जगह सड़कों पर गिट्टियां बिखरी होने से बाइक सवार लोग अनियंत्रित होकर अक्सर गिर रहे हैं। इससे चुटहिल होने के साथ लोगों के हाथ-पैर भी टूट रहे हैं। लूकरगंज में अग्रसेन कालेज के सामने वाली रोड भी एकदम बदहाल है। इस वजह से उस रोड से आने-जाने वाले लोगों के अलावा स्कूली बच्चों के लिए भी खतरा बना रहता है। कचहरी रोड पर आनंद हास्पिटल चौराहा के समीप सड़क के बीच गड्ढे होने से दुर्घटना की भी संभावना बनी है।

रात में होती है ज्यादा परेशानी

सड़कों एवं गलियों में गड्ढे होने से सबसे ज्यादा परेशानी लोगों को रात में होती है। रात में अक्सर सड़कों पर स्ट्रीट लाइटें बुझी होने से गड्ढे दिखाई नहीं पड़ते हैं। वाहनों के पहिए गड्ढों में अचानक चले जाने पर पलट जाते हैं। शहरियों को बेहद परेशानी होने के बावजूद आला अफसरों द्वारा भी इस तरह ध्यान नहीं दिया जा रहा है।