आरएसएस के प्रांत प्रचारक रमेश बोले- विद्या भारती के विद्यालय भारतीय संस्कृति एवं परंपरा के पोषक हैं
आरएसएस के प्रांत प्रचारक रमेश ने कहा कि विद्या भारती के विद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को राष्ट्रभक्ति एवं संस्कृति से ओत-प्रोत करने वाली शिक्षा दी जाती है। विद्यार्थियों के कार्यो एवं क्रिया प्रणाली में राष्ट्रीयता का भाव झलकता है।
By Brijesh SrivastavaEdited By: Updated: Sat, 30 Apr 2022 04:07 PM (IST)
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। भारतीय शिक्षा समिति पूर्वी उप्र के अंतर्गत काशी प्रांत के समस्त प्रधानाचार्यो त्रिदिवसीय कार्ययोजना बैठक हो रही है। प्रयागराज में आयोजित बैठक के दूसरे दिन आज शनिवार को मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रांत प्रचारक रमेश थे। उन्होंने समस्त प्रधानाचार्यों को संबोधित किया। कहा कि विद्या भारती के समस्त विद्यालय भारतीय संस्कृति एवं भारतीय परम्परा के वाहक है।
विद्या भारती स्कूलों के विद्यार्थियों को राष्ट्रभक्ति व संस्कृति की शिक्षा दी जा रही : आरएसएस के प्रांत प्रचारक रमेश ने कहा कि विद्या भारती के विद्यालयों में पढ़ने वाले समस्त छात्र-छात्राओं को राष्ट्रभक्ति एवं संस्कृति से ओत-प्रोत करने वाले शिक्षा दी जाती है। इसके माध्यम से हमारे विद्यार्थी विद्यालयीय शिक्षा पूर्ण करने के बाद जिस भी क्षेत्र में कार्य करते हैं वहां स्पष्ट रूप से उनके कार्यो एवं क्रिया प्रणाली में राष्ट्रीयता का भाव झलकता है।
शिक्षा में राष्ट्रीयता, संस्कृति, परंपराओं को अक्षुण्य बनाए रखें : मुख्य अतिथि ने कहा कि भारत की संस्कृति प्राचीन काल से विश्व के सभी संस्कृतियों में श्रेष्ठ रही है। इसके द्वारा हमारा देश विश्व गुरुकी पदवी से विभूषित था। अतः हम सभी का दायित्व बनता है कि अपनी शिक्षा में राष्ट्रीयता, संस्कृति, परंपराओं को अक्षुण्य बनाए रखें।
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए आचार्यों का प्रशिक्षण जरूरी : प्रधानाचार्यों के कुछ कर्तव्य होते हैं। उनकी पूर्ति आवश्यक है। खासकर शिक्षण पद्धति की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए समय समय पर आचार्य प्रशिक्षण संकुल, प्रांतीय व राष्ट्रीय स्तर आयोजित होने चाहिए। ये बातें ज्वाला देवी सरस्वती विद्यामंदिर इंटर कालेज में आयोजित विद्याभारती की तीन दिवसीय प्रधानाचार्यों की बैठक के पहले दिन भारतीय शिक्षा समिति पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रदेश निरीक्षक रामजी सिंह ने व्यक्त किए।
सक्षम विद्यालय कमजोर स्कूल को गोद लेकर उसका विकास करे : उन्होंने कहा कि विद्यालय में शिक्षण के संसाधनों का विकास भी होते रहना चाहिए। यदि कोई सक्षम विद्यालय हो तो वह कमजोर विद्यालय को गोद लेकर उसके विकास में सहयोगी बनें। प्रधानाचार्यों को अपने विद्यालय की शिक्षण प्रणाली में पांच आधारभूत विषयों का क्रियान्वयन करना चाहिए। इस दौरान प्रधानाचार्यों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बारे में भी बताया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विद्या भारती के क्षेत्रीय संगठन मंत्री हेमचंद्र रहे। उन्होंने विद्या भारती के गठन के उद्देश्यों को गिनाया। कहा, विद्यार्थियों को पुस्तकीय ज्ञान के साथ संस्कारवान भी बनाना होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता क्षेत्रीय कार्यकारिणी सदस्य अव्यक्त राम मिश्र ने की। विशिष्ट अतिथि भारतीय शिक्षा समिति पूर्वी उप्र के मंत्री डा. रघुराज सिंह व लोक सेवा आयोग सदस्य किशनवीर सिंह शाक्य रहे। तीन दिवसीय इस आयोजन में 120 विद्यालयों के प्रधानाचार्य शामिल हुए।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।