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Sawan 2021: श्री सिद्धपीठ भोले गिरि मंदिर में पूरे वर्ष होता है अनुष्‍ठान, शिव पूजन से मनाेकामना होती है पूरी

Sawan 2021 भोले गिरि मंदिर में भगवान भोलेनाथ का शिवलिंग डमरु पर विराजमान है जो लगभग 4 फीट का है। यह शिवलिंग हर किसी के आकर्षण का केंद्र है। मान्‍यता है कि जो भक्त पवित्र भाव से इनकी पूजा आराधना करता है उनकी सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Updated: Tue, 27 Jul 2021 10:56 AM (IST)
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प्रयागराज में श्री सिद्धपीठ भोले गिरि मंदिर का महात्‍म्‍य है। सावन में पूजन को भक्‍तों की भीड़ रहती है।
प्रयागराज, जेएनएन। सावन 2021 का महीना शुरू है, पहला सोमवार भी बीत चुका है। हर ओर आस्‍था और विश्‍वास की गंगा बह रही है। ऐसे में प्रयागराज के इस प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर का जिक्र करना आवश्‍यक है। मान्‍यता है कि यहां आकर भोलेनाथ का पूजन करने से भक्‍तों के सारे कष्‍ट दूर हो जाते हैं। प्रसिद्धि इतनी है कि सावन के महीने में दूर-दूर से भक्‍त यहां आकर पूजन-अर्चन और शिवलिंग का अभिषेक करते हैं।

जी हां, यहां हम बात कर रहे हैं प्रयागराज शहर के कटघर मुहल्ले में स्थित भोले गिरि के सिद्ध शिवालय की। मनोकामना पूर्ति के लिए वर्ष पर्यंत इस मंदिर में धार्मिक अनुष्ठान चलता रहता है। न केवल प्रयागराज बल्कि आसपास जिलों से भी लोग कष्‍टों को दूर करने की मानता मानने यहां आते हैं। मनौती पूरी होने के बाद इस मंदिर में आकर पूजन-अर्चन करते हैं।

आइए जानते हैं भाले गिरि मंदिर का इतिहास

बताते हैं कि श्री सिद्ध पीठ भोले गिरि मंदिर का निर्माण सैकडों साल पहले किया गया है। शंकरगढ़ के महाराजा कमलाकर सिंह के पूर्वजों ने इसका निर्माण कराया था। कहते हैं कि आल्हा उदल की लड़ाई के समय शंकरगढ़ के महाराजा ने इसी स्थान पर भगवान भोलेनाथ की प्राण प्रतिष्ठा कराकर पूजन की थी। शिव की कृपा से उन्होंने आल्हा उदल पर विजय प्राप्त की थी।

मंदिर की विशेषता

भोले गिरि मंदिर में भगवान भोलेनाथ का शिवलिंग डमरु पर विराजमान है, जो लगभग 4 फीट का है। यह शिवलिंग हर किसी के आकर्षण का केंद्र है। मान्‍यत है कि जो भक्त सच्चे हृदय व पवित्र भाव से इनकी पूजा आराधना करता है उनकी सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है।

सावन, नागपंचमी आदि पर्व पर होते हैं कार्यक्रम

सावन के पूरे महीने में भगवान भोलेनाथ का भव्य श्रृंगार किया जाता है और एक माह का पूरा मेला लगता है। भोले गिरि मंदिर में नागपंचमी, रक्षाबंधन, जन्माष्टमी और महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर भगवान भोलेनाथ का दिव्य एवं भव्य श्रृंगार किया जाता है। पूजन-अर्चन और दर्शन करने के लिए प्रयागराज के कोने-कोने से लोग यहां पर आते हैं।

मंदिर के प्रबंधक बोले

भोले गिरि मंदिर के प्रबंधक राजा महेंद्र प्रताप सिंह कहते हैं कि भोले गिरि शिवालय भक्तों की आस्था का केन्द्र है। यहां दूर-दूर से लोग दर्शन-पूजन के लिए आते हैं। उन्हेंं कोई दिक्कत न होने पाए उसका पूरा ख्याल रखकर मंदिर में व्यस्वथा की गई है।

मंदिर के पुजारी बोले- अनुष्‍ठान से भक्‍तों पर शिव कृपा होती है

मंदिर के पुजारी रामलाल शास्‍त्री कहते हैं कि भोले गिरि मंदिर में किया गया अनुष्ठान कभी व्यर्थ नहीं जाता है। मंदिर में पवित्र मन व कर्म से अनुष्ठान करने वाले भक्तों के ऊपर भोलेनाथ की कृपा शीघ्र होती है।

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