प्रयागराज में मदरसों के 15 हजार छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति रोकी, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय का निर्देश
जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी कृष्ण मुरारी के मुताबिक मंत्रालय के निर्देश में कहा गया है कि बेसिक स्कूलों की तरह ही इन मदरसों के छात्र-छात्राओं को भी दोपहर का भोजन यूनिफार्म किताब-कापी भी निश्शुल्क दी जाती है। फीस भी नहीं ली जाती है। इसलिए अब छात्रवृत्ति नहीं दी जाएगी।
By Jagran NewsEdited By: Ankur TripathiUpdated: Sun, 27 Nov 2022 09:30 PM (IST)
प्रयागराज, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले के 269 मदरसों में अध्ययनरत कक्षा एक से आठ तक के लगभग 15 हजार विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति रोक दी गई है। यह निर्देश भारत सरकार के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय की ओर से जारी किया गया है।
सब दिया जा रहा मुफ्त इसलिए नहीं जरूरत है छात्रवृति कीजिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी कृष्ण मुरारी के मुताबिक मंत्रालय के निर्देश में कहा गया है कि बेसिक स्कूलों की तरह ही इन मदरसों के छात्र-छात्राओं को भी दोपहर का भोजन, यूनिफार्म, किताब-कापी भी निश्शुल्क दी जाती है। फीस भी नहीं ली जाती है। इसलिए अब छात्रवृत्ति नहीं दी जाएगी। प्रयागराज जिले के मदरसों में कक्षा एक से पांच तक लगभग नौ हजार तथा कक्षा छह से कक्षा आठ तक के लगभग छह हजार छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। कक्षा एक से पांच तक के विद्यार्थियों को हर साल एक हजार रुपये और कक्षा छह से आठ तक के छात्र-छात्राओं को 6500 रुपये प्रति वर्ष के हिसाब से वजीफा मिलता था।
सत्यापन में 72 मदरसे गैर पंजीकृत पाए गएजिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने बताया कि कक्षा से नौ से लेकर उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा लेने वाले इन विद्यार्थियों को पहले की तरह ही छात्रवृत्ति मिलती रहेगी। सितंबर और अक्टूबर माह में मदरसों के कराए सत्यापन में 72 मदरसे गैर पंजीकृत पाए गए थे। सत्यापन रिपोर्ट शासन को भेज दी गई थी।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।