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Shastri Bridge of Prayagraj : भारी पड़ रहे ओवरलोड वाहन, पुल अक्‍सर तकनीकी गड़बडि़यों का होता है शिकार

Shastri Bridge of Prayagra शास्त्री पुल जाम की समस्या से अछूता नहीं है। प्रयागराज-वाराणसी समेत कई जनपदों को जोड़ने वाले इस मार्ग पर अक्सर जाम लगा रहता है। इसकी प्रमुख वजह भारी वाहन हैं। नो इंट्री के समय भी यहां भारी वाहनों का आवागमन जारी रहता है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Updated: Sun, 01 Nov 2020 07:32 AM (IST)
प्रयागराज के शास्‍त्री पुल पर ओवरलोड वाहनों के कारण अक्‍सर तकनीकी खराबी आती है।
प्रयागराज, जेएनएन। शास्‍त्री पुल प्रयागराज को वाराणसी और गोरखपुर को जोड़ने वाला अहम ब्रिज है। यह गंगा नदी पर बना है। शास्त्री पुल से शुक्रवार की रात में पहली बार डंपर के नीचे गिरने की घटना जरूर हुई है, लेकिन इससे पहले भी ओवरलोड वाहनों के कारण दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। इसके अलावा शास्त्री पुल भी इन ओवरलोड वाहनों की वजह से अक्सर तकनीकी गड़बड़ियों का शिकार होता रहता है। कभी पिलर धंसता है तो कभी सड़क जर्जर हो जाती है। इसका खामियाजा लोक निर्माण विभाग को भुगतना पड़ता है।

जाम की समस्या भी रहती है

शास्त्री पुल जाम की समस्या से अछूता नहीं है। प्रयागराज-वाराणसी समेत कई जनपदों को जोड़ने वाले इस मार्ग पर अक्सर जाम लगा रहता है। इसकी प्रमुख वजह भारी वाहन हैं। नो इंट्री के समय भी यहां भारी वाहनों का आवागमन जारी रहता है। कैसे ये भारी वाहन नो इंट्री के बीच से निकलकर यहां पहुंच जाते हैं, इस बारे में पुलिस और यातायात विभाग हमेशा गोलमोल जबाव देता है।

पुल की सुरक्षा के लिए रोंके ओवरलोड वाहन

लोक निर्माण विभाग खंड तीन के अधिकारियों ने कई बार पुलिस और यातायात विभाग के अधिकारियों से ओवरलोड वाहनों को लेकर वार्ता की। साफ कहा कि ओवरलोड वाहनों की वजह से शास्त्री पुल की सूरत बिगड़ती जा रही है। कई बार पुल में गड़बड़ी आ चुकी है। सड़क भी जर्जर हो जाती है। इसमें लाखों रुपये की क्षति हाेती है। इसलिए ओवरलोड वाहनों की गहनता से जांच होनी चाहिए और इसका परिवहन शास्त्री पुल पर रोकना चाहिए। पुलिस और यातायात विभाग के अधिकारी हमेशा आश्वासन भी देते हैं। बावजूद इसके ओवरलोड वाहनों का परिवहन पुल पर बदस्तूर जारी है।

अचानक वाहनों को लेकर निकल पड़ते हैं चालक

मीरजापुर और रीवा की तरफ से आने वाले भारी वाहनों को नो इंट्री के समय लेप्रोशी मिशन चौराहे के पास रोक दिया जाता है। हालांकि कुछ देर बाद चालक इन वाहनों को लेकर चल पड़ते हैं। चौराहे पर तैनात पुलिसकर्मी भी इन्हें रोकने की जहमत नहीं उठाते।

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