Move to Jagran APP

प्रयागराज में हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल, श्रद्धालुओं के जत्थे अयोध्या भेज रहे मोहम्मद रफीक

प्रयागराज जिले के दयालपुर हाल्‍ट पर सिर्फ प्रयाग संगम से अयोध्या कैंट तक जाने वाली एकमात्र ट्रेन रुकती है। यह ट्रेन सुबह 730 बजे अयोध्या की ओर तथा प्रयागराज जाते समय रात 10 बजे रुकती है। यहां के शिक्षक मोहम्‍मद शफीक नवरात्र में श्रद्धालुओं को अयोध्‍या रवाना करते हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Updated: Sun, 10 Apr 2022 04:59 PM (IST)
Hero Image
दयालपुर हाल्‍ट रेलवे स्टेशन से राजस्‍व मिलता रहे, इसके लिए ग्रामीणों ने नई योजना बनाई है।
प्रयागराज, जेएनएन। चंद लोग भले ही वैमनस्‍व रखते हों, लेकिन तमाम ऐसे भी हैं जो आपसी सद्भाव को बनाए रखने में कदम से कदम मिलाकर चल रहे हैं। चैत्र नवरात्र में हिंंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल भी पेश की जा रही है। ऐसा प्रयागराज में देखने को मिल रहा है। गंगापार में दयालपुर हाल्‍ट रेलवे स्‍टेशन है। यहां से नवरात्र में प्रतिदिन रामजन्म स्थली अयोध्या धाम के लिए रामभक्तों का जत्था निकल रहा था। पेशे से अध्यापक मोहम्मद रफीक दर्शन करने जाने वाले श्रद्धालुओं को रवाना करते हैं। उनका यह का इलाके में आपसी सहयोग और सद्भावना की मिसाल पेश कर रहा है।

मऊआइमा और सेवइत रेलवे स्‍टेशनों के बीच स्थित है दयालपुर हाल्‍ट

मऊआइमा और सेवइत रेलवे स्टेशनों के बीच स्थित दयालपुर हाल्ट राजस्व घाटा के चलते वर्ष 2005 में बंद कर दिया गया था। गांव वालों की मांग, चुनाव में वोट न देने का निर्णय लेने तथा फूलपुर की सांसद केसरी देवी के प्रयास से यह स्टेशन इस वर्ष 8 जनवरी को दोबारा शुरू हुआ। इसे 6 माह के लिए अस्थाई तौर पर शुरू किया गया है। घाटा होने पर दोबारा बंद किया जा सकता है।

प्रयाग संगम से अयोध्‍या कैंट जाने वाली एकमात्र ट्रेन यहां रुकती है

दयालपुर हाल्‍ट यहां सिर्फ प्रयाग संगम से अयोध्या कैंट तक जाने वाली एकमात्र ट्रेन रुकती है। यह ट्रेन सुबह 7:30 बजे अयोध्या की ओर तथा प्रयागराज जाते समय रात 10 बजे रुकती है। गांव और आसपास के लोगों की टाइमिंग सुबह प्रयागराज जाने और रात को लौटने की है। ऐसे में इस ट्रेन को यात्री नहीं मिलते। यहां से अयोध्या के टिकट का मूल्य 60 रुपये है। राजस्व मेंटेन करने के लिए गांव वालों द्वारा प्रतिदिन यहां 15 से 20 टिकट खरीदे जाते हैं।

शिक्षक मोहम्‍मद रफीक टिकट भी अपने पैसे से खरीदकर देते हैं

आदर्श ग्राम में इंटरमीडिएट कालेज चकश्याम के शिक्षक मोहम्मद रफीक नवरात्र शुरू होने के बाद प्रतिदिन यहां से अयोध्या दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं के जत्थे को न सिर्फ विदा करने आते हैं, बल्कि उन्हें टिकट भी खरीद कर देते हैं। उनका कहना है कि जितने लोग भी अयोध्या दर्शन के लिए जाएंगे, उन्हें टिकट खरीद कर दिया गया।

ग्रामीणों का भी है सहयोग

मोहम्‍मद शफीक कहते हैं कि इसमें पूरे गांव के लोगों तथा आसपास के दर्जनों गांव के प्रधानों का प्रयास भी शामिल हैं। उन्होंने इसके लिए ग्राम वासियों, क्षेत्रवासियों के अलावा मुख्य रूप से संतलाल, रवि, सतीश पांडेय, समरजीत पटेल, राममूर्ति पटेल, सूर्य प्रकाश, वेद प्रकाश, जंग बहादुर, राम पूजन, इन्द्रजीत खिलाड़ी, जयप्रकाश पटेल, सुखदेव राजकुमार द्विवेदी, अमरनाथ मास्टर बाबूलाल तथा जगदीश शुक्ला आदि का सहयोग बताया। अयोध्या दर्शन के लिए जाने वालों के अलावा यहां से सुल्तानपुर स्थित मजार तथा शनि देव धाम दर्शन करने जाने वालों के लिए भी मास्टर मो. रफीक के अलावा ग्रामवासियों और सभी धर्म जाति के लोगों द्वारा टिकट खरीद कर दिया जाता है। इनका मकसद धर्म-जाति से ऊपर उठकर स्टेशन बचाने की मुहिम में शामिल होना है।

इलाके के विकास के लिए स्टेशन जरूरी : रफीक

मोहम्मद रफीक के मुताबिक क्षेत्र के विकास के लिए स्टेशन का चलते रहना जरूरी है। इससे व्यापार में बढ़ावा मिलता है। दूध, सब्जी, तथा गल्ला बिक्री के लिए सहूलियत होती है। इसके अलावा इलाहाबाद विश्वविद्यालय समेत शहर के अन्य, विश्वविद्यालय, इंजीनियरिंग कालेज तथा डिग्री कालेज में पढ़ने वाले बच्चों के लिए आवाजाही का यह एकमात्र साधन है। स्टेशन ना होने पर उन्हें पैदल या किसी अन्य साधन से हाईवे पर जाकर टेंपो और बस तलाशनी पड़ती है। जो ना सिर्फ महंगा है बल्कि बहुत समय भी लेता है।

सरजू एक्सप्रेस के ठहराव की उठाई मांग

काफी प्रयास के बाद जो ट्रेन स्टेशन पर रुक रही है, वह शहर जाने के समय के खिलाफ है। इसलिए गांव वालों ने सरयू एक्सप्रेस के ठहराव की मांग की है जो कि अभी नहीं रुक रही है। इस संबंध में कई बार बैठक करके ज्ञापन भी दिया जा चुका है। उसकी समय सारिणी लोगों के‌ शहर जाने और लौटने के समय से मेल खाती है। ग्रामीणों को उम्मीद है कि जल्दी ही सरयू एक्सप्रेस का ठहराव हो। उसके बाद टिकटों की बिक्री में स्वत: ही बढ़ोतरी हो जाएगी।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।