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TGT-2022 जीवविज्ञान में पद बढ़ाने के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट जाएंगे अभ्यर्थी, अधियाचन में गड़बड़ी से निराश

अभ्यर्थियों का कहना है कि अधियाचन में गड़बड़ी के कारण कई जिलों से जीव विज्ञान विषय के पद विज्ञान में शामिल कर भेज दिए गए। इसी आधार पर यूपी माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने भर्ती विज्ञापन जारी कर दिया जिसका जीव विज्ञान विषय के अभ्यर्थी विरोध कर रहे हैं।

By Jagran NewsEdited By: Ankur TripathiUpdated: Mon, 31 Oct 2022 07:36 PM (IST)
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द बढ़ाए जाने की मांग अनसुनी किए जाने पर अभ्यर्थियों ने हाई कोर्ट जाने का निर्णय लिया है।

राज्य ब्यूरो, प्रयागराज। प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (TGT) भर्ती- 2022 के विज्ञापन में जीव विज्ञान विषय में पदों की संख्या सिर्फ 50 होने पर पद बढ़ाए जाने की मांग अनसुनी किए जाने पर अभ्यर्थियों ने हाई कोर्ट जाने का निर्णय लिया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि अधियाचन में गड़बड़ी के कारण कई जिलों से जीव विज्ञान विषय के पद विज्ञान में शामिल कर भेज दिए गए। इसी आधार पर उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने भर्ती विज्ञापन जारी कर दिया, जिसका जीव विज्ञान विषय के अभ्यर्थी विरोध कर रहे हैं।

जीवविज्ञान विषय के रिक्त पद का विवरण विज्ञान विषय में भेज दिया

जीव विज्ञान संघष मोर्चा के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह का कहना है कि चयन बोर्ड ने जो भर्ती विज्ञापन जारी किया है, उसमें गणित वर्ग के विज्ञान विषय में टीजीटी पदों की संख्या 540 है, जबकि जीवविज्ञान विषय में पदों की संख्या सिर्फ 50 है। संघर्ष मोर्चा के सदस्यों के माध्यम से इस विषमता पर जानकारी जुटाई गई तो कुछ जिलों से पता चला कि जीवविज्ञान विषय के रिक्त पद का विवरण विज्ञान विषय में भेज दिया गया।

इस तरह जीवविज्ञान विषय में रिक्त पदों की संख्या कम हो गई है। उन्होंने बताया कि अधियाचन में गड़बड़ी की जांच की मांग को लेकर उन्होंने शिक्षा निदेशालय एवं चयन बोर्ड दोनों से आपत्ति जताई थी। चयन बोर्ड ने कहा था कि अधियाचित पदों पर उनकी ओर से विज्ञापन जारी किया गया है। पदों को लेकर त्रुटि होने पर शिक्षा निदेशालय ही कुछ स्पष्ट कर सकता है।

अभ्यर्थियों ने निर्णय लिया है कि वह हाई कोर्ट में दाखिल करेंगे याचिका

चयन बोर्ड को इस बारे में अवगत कराया गया तो कोई सकारात्मक उत्तर नहीं दिया गया। ऐसे में अभ्यर्थियों ने निर्णय लिया है कि वह मामले में हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे। मोर्चा अध्यक्ष ने कहा कि जीवविज्ञान विषय के अभ्यर्थियों के साथ पहले भी अन्याय हुआ है। वर्ष 2011 की टीजीटी भर्ती में जीवविज्ञान विषय का परिणाम चयन बोर्ड ने अब तक घोषित नहीं किया है, जबकि इसके बाद की भर्तियां पूरी की जा चुकी हैं।

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