Hanuman Mandir: बड़े हनुमान मंदिर का होगा विस्तार, भक्त पांच मिनट में कर लेंगे दर्शन; ये है मंदिर का इतिहास!
Lete Hanuman Mandir संगम नगरी में इन्हें बड़े हनुमान जी किले वाले हनुमान जी लेटे हनुमान जी और बांध वाले हनुमान जी के नाम से जाना जाता है। माना जाता है हनुमान जी की यह प्रतिमा दक्षिणाभिमुखी और 20 फीट लंबी है। अब इस मंदिर का सुंदरीकरण किया जाएगा।
By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Fri, 09 Jun 2023 10:30 AM (IST)
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। पौराणिक काल से ही बजरंग बली का नाम चमत्कारों से जुड़ा है। सीने में बैठे राम और सीता के दर्शन करवाना हो या फिर लक्ष्मण मूर्छित होने पर संजीवनी बूटी का पहाड़ लाना हो। कलियुग भी हनुमान जी के चमत्कारों से सजा है। देश में जगह-जगह श्री हनुमान के प्राचीन व चमत्कारिक मंदिर हैं।
देश के पांच प्रमुख हनुमान मंदिरों में से एक है संगम किनारे बड़े हनुमान का मंदिर। इस अनोखे मंदिर में प्रतिमा खड़ी नहीं बल्कि लेटी अवस्था में विराजमान है। यहां दर्शन किए बिना संगम स्नान अधूरा माना जाता है। इसलिए यहां अपार भीड़ जुटती है, लंबी कतार लगती है।
श्रद्धालुओं को कतार में ज्यादा समय तक खड़ा न रहना पड़े, इसके लिए बड़ा प्रोजेक्ट तैयार हो रहा है। प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने इस ओर कदम आगे बढ़ाया है। इसमें जिला प्रशासन, पीडीए, सेना, पर्यटन एवं संस्कृति विभाग, लोक निर्माण विभाग और स्मार्ट सिटी लिमिटेड का भी सहयोग रहेगा। बंधवा वाले बड़े हनुमान मंदिर का सुदृढ़ीकरण और सुंदरीकरण होगा।
श्रद्धालु पांच से सात मिनट में कर सकेंगे दर्शन
महाकुंभ-2025 के बजट से मंदिर का विस्तार होगा। अधिक भीड़ होने पर भी श्रद्धालु पांच से सात मिनट में दर्शन कर सकेंगे। बालाजी मंदिर मेहंदीपुर (राजस्थान), हनुमान धारा मंदिर (चित्रकूट), हनुमानगढ़ी (अयोध्या), संकट मोचन हनुमान मंदिर (काशी) और प्रयागराज में पवित्र त्रिवेणी तट पर स्थित लेटे हनुमान जी के मंदिर में सबसे ज्यादा श्रद्धालु आते हैं। यहां मंगलवार, शनिवार को लाखों की भीड़ जुटती है। मनौती मानी जाती है, निशान चढ़ाए जाते हैं। माघ मेला, कुंभ में भीड़ कई गुना बढ़ जाती है। जिला प्रशासन, प्रयागराज मेला प्राधिकरण की कोशिश है कि जल्द ही इस प्रोजेक्ट का कार्य शुरू हो जाए।
महाकुंभ से पहले होगा मंदिर का सुंदरीकरण
डीएम संजय कुमार खत्री ने कहा कि बंधवा वाले बड़े हनुमान मंदिर के विस्तार को लेकर प्रोजेक्ट तैयार कराया जा रहा है। जल्द ही इसे शासन में भेजकर मंजूरी ली जाएगी। महाकुंभ के पहले तक मंदिर का सुदृढ़ीकरण और सुंदरीकरण का कार्य पूरा करने का लक्ष्य है।मंदिर का इतिहास
संगम नगरी में इन्हें बड़े हनुमान जी, किले वाले हनुमान जी, लेटे हनुमान जी और बांध वाले हनुमान जी के नाम से जाना जाता है। माना जाता है हनुमान जी की यह प्रतिमा दक्षिणाभिमुखी और 20 फीट लंबी है। यह धरातल से छह-सात फीट नीचे है। मान्यता है कि इनके बाएं पैर के नीचे कामदा देवी, दाएं पैर के नीचे अहिरावण है। दाएं हाथ पर राम-लक्ष्मण और बाएं हाथ में गदा शोभित है। मंदिर 700 वर्ष पुराना माना जाता है।
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