उमेश पाल हत्याकांड में पुलिस के हाथ लगा बड़ा सबूत, सरकारी गनर की कार्बाइन से भी फायरिंग की हुई पुष्टि
Umesh Pal Murder Case उमेश पाल हत्याकांड में पुलिस को बड़ा सबूत हाथ लगा है। विधि विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट से कई अहम जानकारियां सामने आई हैं। अतीक के ध्वस्त कार्यालय में बरामद कोल्ट पिस्टल से उमेश पाल और गनर को गोलियां मारी गई थीं। कार्बाइन की बैलेस्टिक जांच में इसकी पुष्टि हुई लेकिन यह नहीं साफ हो सका कि घटना के वक्त कार्बाइन से फायर किसने किया था।
By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Sat, 05 Aug 2023 11:09 AM (IST)
प्रयागराज ,जागरण संवाददाता। उमेश पाल हत्याकांड में विधि विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट से कई अहम जानकारियां वारदात की विवेचना करने वाली पुलिस टीम को मिली हैं। एक तो यही अहम बात सामने आई कि अतीक के ध्वस्त कार्यालय में बरामद कोल्ट पिस्टल से उमेश पाल और गनर को गोलियां मारी गई थीं। दूसरा जो महत्वपूर्ण तथ्य रिपोर्ट में आया वो यह कि मारे गए गनर की कार्बाइन से भी फायरिंग की गई थी।
कार्बाइन की बैलेस्टिक जांच में इसकी पुष्टि हुई, लेकिन यह नहीं साफ हो सका कि घटना के वक्त कार्बाइन से फायर किसने किया था। 24 फरवरी को सुलेमसराय में जीटी रोड पर घर के सामने कार से उतर रहे उमेश पाल और दो सरकारी को गोलियों से छलनी कर दिया गया था। पुलिस ने पोस्टमार्टम के दौरान उमेश और गनर के शरीर से मिले कारतूस, मौके पर पड़ी मिली गनर की कार्बाइन तथा चकिया में अतीक के ध्वस्त कार्यालय भवन से बरामद असलहों को जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) भेजा था।
जर्मनी की कोल्ट पिस्टल से हुई थी फायरिंग
तीन दिन पहले आई एफएसएल रिपोर्ट में बताया गया है कि अतीक कार्यालय में मिली जर्मनी निर्मित कोल्ट पिस्टल से उमेश व गनर को गोलियां मारी गई थीं। कोल्ट पिस्टल से अतीक के बेटे असद ने फायरिंग की थी। इसी एफएसएल रिपोर्ट से यह भी जानकारी मिली है कि गोली लगने पर कार के पास गिरे गनर की कार्बाइन से भी फायर किया गया था। रहस्य यह है कि फायरिंग किसने की।सीसीटीवी में कैद हुए सारे सबूत
इस घटना की सीसीटीवी फुटेज में दिखा है कि शूटर उस्मान और गुलाम ने उमेश तथा गनर को करीब से गोलियां मारी थीं। इसके बाद गुलाम ने गली में भी जाकर उमेश पर फायर किया। फुटेज में दिखा कि गुलाम गली से बाहर निकला तो असद से टकराकर गिर गया था। तभी उसने गनर की कार्बाइन उठाकर उससे फायरिंग का प्रयास किया था फिर उसने कारबाइन वहीं फेंक दी थी। ऐसे में अनुमान है कि कार्बाइन से दो फायर गुलाम ने ही किए थे।
मैगजीन से गायब थे 10 कारतूस
पुलिस को गनर की कारबाइन से मैगजीन अलग पड़ी मिली थी जिससे 10 कारतूस गायब थे। ये कारतूस कौन ले गया, यह पता नहीं चल सका। पुलिस ने माना था कि कार्बाइन फेंकने पर मैगजीन बाहर निकली तो कारतूस सड़क पर बिखर गए थे।अतीक का गिरोह कमजोर हुआ, लेकिन खत्म नहीं
माफिया अतीक अहमद और अशरफ के मारे जाने के बाद गिरोह कमजोर हुआ है, लेकिन खत्म नहीं। गैंग की तरफ से रंगदारी के लिए धमकी के मामले लगातार दर्ज हो रहे हैं। अब पता चला है कि अतीक की गौसपुर कटहुला की बेनामी संपत्ति का सौदा कभी छोटा राजन गिरोह से जुड़े रहे राजेश यादव के साथ किया जा रहा था।
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