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UP DELED Result: डीएलएड अलग-अलग सत्र के तृतीय सेमेस्टर का परिणाम घोषित, आधे से ज्याद फेल

उत्तर प्रदेश परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने रविवार को डीएलएड के अलग-अलग सत्र के तृतीय सेमेस्टर का परिणाम जारी कर दिया। इसमें तृतीय सेमेस्टर का परिणाम चौकाने वाला रहा। इस सेमेस्टर में पास से ज्यादा अभ्यर्थी फेल हो गए हैं।

By Umesh Kumar TiwariEdited By: Updated: Sun, 10 Jan 2021 11:14 PM (IST)
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उत्तर प्रदेश परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने डीएलएड के अलग-अलग सत्र के तृतीय सेमेस्टर का परिणाम जारी कर दिया।

प्रयागराज [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने रविवार को डिप्लोमा इन एलीमेंटरी एजुकेशन (डीएलएड) के अलग-अलग सत्र के तृतीय सेमेस्टर का परिणाम जारी कर दिया। इसमें तृतीय सेमेस्टर का परिणाम चौकाने वाला रहा। इस सेमेस्टर में पास से ज्यादा अभ्यर्थी फेल हो गए हैं।

डीएलएड वर्ष 2017 में 22962 प्रशिक्षु पंजीकृत थे। परीक्षा में 22495 अभ्यर्थी सम्मिलित हुए। इनमें 12804 पास व 9647 फेल हैं, जबकि छह अभ्यर्थियों का परिणाम अपूर्ण और 36 का परिणाम अवरुद्ध है। डीएलएड 2018 बैच में 61878 प्रशिक्षुओं का पंजीकरण था। परीक्षा में 61519 अभ्यर्थी शामिल हुए। इसमें 29259 पास व 31863 फेल हैं। उक्त परीक्षा में 75 का अपूर्ण व 319 अभ्यर्थियों का परिणाम अवरुद्ध है। 

वहीं, बीटीसी प्रशिक्षण बैच 2013 तृतीय सेमेस्टर में 12 प्रशिक्षुओं में दो पास व एक फेल है, जबकि नौ प्रशिक्षुओं का परिणाम अपूर्ण है। इसी प्रकार बीटीसी 2014 बैच में 13 प्रशिक्षुओं में 11 पास व एक फेल है, जबकि बीटीसी 2015 बैच में 255 में 136 पास व 115 फेल हैं। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने परिणाम वेबसाइट updeledinfo.in पर परिणाम अपलोड कर दिया गया है।

खतरे में 11 शिक्षकों की नौकरी : परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय की ओर से 11 शिक्षकों का बीटीसी प्रमाण पत्र रद कर दिया है। आने वाले दिनों में उनको सेवा से बर्खास्त करने की कार्रवाई की जाएगी। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी अनिल भूषण चतुर्वेदी ने बताया कि 72825 शिक्षक भर्ती के अंतर्गत कई चयनित होकर नौकरी कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर दिव्यांग कोटे से प्रवेश लेकर आगे भी उसका लाभ लेने वाले शिक्षकों की जांच चल रही है। जांच के दौरान 11 ऐसे शिक्षकों की जानकारी हुई, जिन्होंने दिव्यांग कोटे में प्रवेश लेकर नौकरी में भी उसका प्रयोग किया था। जांच में खुलासा होने के बाद ऐसे 11 शिक्षकों का बीटीसी प्रमाण पत्र रद किया गया है।