UPPSC: एलोपैथिक चिकित्साधिकारी श्रेणी-2 के 46 ईएनटी का चयन, 29 पदों पर नहीं मिले योग्य अभ्यर्थी
आयोग ने सीधी भर्ती के तहत चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा विभाग (एलोपैथी) के अंतर्गत एलोपैथिक चिकित्साधिकारी श्रेणी-2 की भर्ती निकाली। इसका विज्ञापन 28 मई 2021 को जारी हुआ। इसमें विशेषज्ञों के 16 प्रकार के कुल 3620 पदों की भर्ती के लिए आनलाइन आवेदन मांगा गया था
प्रयागराज, राज्य ब्यूरो। प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग एलोपैथिक चिकित्साधिकारी श्रेणी-2 की भर्ती तेजी से पूरी करा रहा है। इसके मद्देनजर गुरुवार को ईएनटी पद का परिणाम जारी किया गया। ईएनटी के कुल 75 पदों के सापेक्ष 46 अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। इसमें वेद प्रकाश उपाध्याय को प्रथम, सिद्धार्थ गौतम सिंह को द्वितीय और मोहिनी सिंह को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। कुल चयनितों में 12 महिला अभ्यर्थी शामिल हैं। आयोग को 29 पदों पर योग्य अभ्यर्थी नहीं मिले। इन पदों को अब पुनर्विज्ञापित करने का निर्णय लिया गया है।
3620 पदों के लिए आनलाइन आवेदन मांगा गया था
लोकसेवा आयोग ने सीधी भर्ती के तहत चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा विभाग (एलोपैथी) के अंतर्गत एलोपैथिक चिकित्साधिकारी श्रेणी-2 की भर्ती निकाली। इसका विज्ञापन 28 मई, 2021 को जारी हुआ। इसमें विशेषज्ञों के 16 प्रकार के कुल 3620 पदों की भर्ती के लिए आनलाइन आवेदन मांगा गया था। इसमें ईएनटी के 75 पद शामिल हैं। अभ्यर्थियों का साक्षात्कार छह व सात सितंबर को लिया गया। ओबीसी के 11, अनुसूचित जाति के 10, अनुसूचित जनजाति का एक व आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित सात पदों पर योग्य अभ्यर्थी नहीं मिले। आयोग के उप सचिव विनोद कुमार सिंह ने बताया कि सशर्त चयनितों को समस्त शैक्षिक दस्तावेज तय तारीख के अंतर्गत जमा करने होंगे। ऐसा न करने वालों का अभ्यर्थन निरस्त किया जाएगा।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में आफलाइन कक्षाओं की मांग तेज
इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में आफलाइन कक्षाओं के संचालन और केंद्रीय लाइब्रेरी खोलने की मांग तेज हो गई है। छात्रसंघ बहाली की मांग पर अड़े अनशनकारी छात्र भी इसके लिए लगातार मांग कर रहे हैं। पिछले दिनों कई बार उन्होंने कुलपति कार्याल पर जाकर नारेबाजी की तो पुलिस को आकर उन्हें हटाना पड़ा।
छात्रनेता अजय यादव सम्राट ने इवि प्रशासन को सौंपे ज्ञापन में कहा कि महामारी काल में विकल्प के रूप में आनलाइन पढ़ाई कराई गई। लेकिन, यह पर्याप्त नहीं थी। आरोप लगाया कि आनलाइन कक्षाओं का संचालन भी उचित ढंग से नहीं हुआ। अनशनकारियों ने कहा अब कोरोना के कम मरीज मिल रहे हैं। प्रदेश में तमाम शिक्षण संस्थान समेत अन्य विश्वविद्यालय भी खोले जा रहे हैं। ऐसे में कोविड नियमों के निर्देशों का पालन करते हुए विश्वविद्यालय परिसर को खोला जाए।