Move to Jagran APP

चेन्‍नई व दिल्‍ली के बाद प्रयागराज में जल संकट, भूजल के अति दोहन से डार्क जोन में शहरी क्षेत्र

प्रयागराज में हर तरफ भूजल का बेलगाम दोहन किया जा रहा है। इस वजह से दो तरफ से बड़ी नदियों से घिरा प्रयागराज का शहरी क्षेत्र अतिदोहित की श्रेणी (डार्क जोन) में आ गया है। विशेषज्ञों ने भविष्‍य जल संकट की समस्‍या को लेकर आगाह भी किया है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Updated: Tue, 24 May 2022 02:46 PM (IST)
Hero Image
प्रयागराज में शहरी क्षेत्र डार्क जोन में आ गया है। बहरिया, चाका, भगवतपुर क्षेत्र भी क्रिटिकल की श्रेणी में हैं।

प्रयागराज, [ज्ञानेंद्र सिंह]। देश में चेन्‍नई के साथ ही दिल्‍ली में पानी की समस्‍या से सभी अवगत हैं। लगातार भूगर्भ जल के दोहन से जहां चेन्‍नई में पानी की विकराल समस्‍या उत्‍पन्‍न हो गई है। वहीं दूसरी ओर राजधानी दिल्‍ली में भी पानी की समस्‍या उठ खड़ी हुई है। इसके बाद भी अन्‍य क्षेत्रों के लोग भूगर्भ जल का दोहन से बाज नहीं आ रहे हैं। इससे प्रयागराज भी अछूता नहीं है। अगर अभी भी नहीं चेते तो भविष्‍य में बूंद-बूंद पानी के लिए तरसना पड़ सकता है।

बेलगाम हो रहा भूजल का दोहन : प्रयागराज में हर तरफ भूजल का बेलगाम दोहन किया जा रहा है। इस वजह से दो तरफ से बड़ी नदियों से घिरा प्रयागराज का शहरी क्षेत्र अतिदोहित की श्रेणी (डार्क जोन) में आ गया है। इसके अलावा बहरिया, चाका और भगवतपुर ब्लाक क्षेत्र भी डार्क जोन में आ चुका है। विशेषज्ञों का मानना है कि स्थिति यही रही तो आने वाले समय में हालात भी बेकाबू हो सकते हैैं।

हैरान करने वाली हैं भूगर्भ जल विभाग की ताजा रिपोर्ट : ग्रामीण इलाके में सिंचाई के लिए ही नहीं बल्कि शहरी क्षेत्र में भी कंस्ट्रक्शन, पेयजल आपूर्ति के लिए भूजल का ही सहारा है। भूगर्भ जल विभाग की ताजा रिपोर्ट के अनुसार प्रयागराज पूरा शहर डार्क जोन में आ चुका है। यहां के झलवा, करेली, धूमनगंज, सिविल लाइंस, अशोक नगर, मुट्ठीगंज, कीडगंज, दारागंज, अल्लापुर, तेलियरगंज, शिवकुटी, गोविंदपुर, चौक, खुल्दाबाद, अतरसुइया, शाहगंज, कटरा क्षेत्र में जल स्तर में हर साल 16-17 सेंटीमीटर की दर से गिरावट हो रही है। जार्ज टाउन, बैरहना, अलोपीबाग, मम्फोर्डगंज, राजापुर, नेवादा, कर्नलगंज क्षेत्रों में 13-14 सेमी हर वर्ष जलस्तर गिर रहा है। कैंट क्षेत्र की स्थिति कुछ ठीक है। जलस्‍तर गिरने की मुख्य वजह भूजल का अति दोहन है।

शहर से ग्रामीण इलाकों की स्थिति शहर से बेहतर : शहर में जलकल विभाग के 664 नलकूपों से रोज तीन करोड़ 22 लाख लीटर पानी भूगर्भ से निकाला जा रहा है। इसके अलावा लगभग एक करोड़ 85 लाख लीटर पानी रोज सब मर्सिबल पंपों, आरओ प्लांटों व अन्य स्रोतों से निकाला जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्र की स्थिति फिर भी शहर से अभी बेहतर है।

ये इलाके भी डार्क जोन में : बहरिया, चाका और भगवतपुर ब्लाक क्षेत्र डार्क जोन में पहुंचे हैैं। बहादुरपुर, धनूपुर, होलागढ़, मऊआइमा, प्रतापपुर, सहसों, सैदाबाद, श्रृंगवेरपुर ब्लाक क्षेत्र सेमी क्रिटिकल श्रेणी में हैैं। हंडिया, जसरा, करछना, कौंधियारा, कोरांव, मांडा, मेजा, फूलपुर, शंकरगढ़ और सोरांव ब्लाक क्षेत्र सेफ जोन में हैैं।

इन नियमों को भी जानें

- भूगर्भ जल निकालने के लिए एक जून, 2019 से कोई भी, कहीं भी बोरिंग नहीं करा सकेगा। भूमिगत जल के सीमित उपयोग के लिए केंद्र सरकार ने कई कड़े नियम बनाए हैं। बोरिंग के लिए अनुमति लेनी होगी और रेन वाटर हार्वेस्टिंग अनिवार्य किया गया है।

- भूगर्भ जल के अति दोहित क्षेत्रों के लिए सख्त नियमों का पालन करना होगा। जल शुल्क भी देना होगा। पांच वर्ष के लिए केंद्रीय भूमिगत जल प्राधिकरण एनओसी जारी करेगा, जिसे समय पर रिन्यू कराना होगा।

- भूमिगत जल को री-चार्ज किए बिना अंधाधुंध तरीके से इसका उपयोग किया जा रहा है। इस पर शिकंजा कसते हुए एनजीटी के आदेश पर सरकार ने केंद्रीय भूमिगत जल प्राधिकरण का गठन किया है। यह प्राधिकरण एक जून, 2019 से नए नियमों का पालन कराने के लिए जिम्मेदार होगा।

लोकल न्यूज़ का भरोसेमंद साथी!जागरण लोकल ऐपडाउनलोड करें