अमेरिकी एजेंसी करेगी अपने खर्च के बराबर बिजली पैदा करने में सक्षम NCR के सौर संयंत्रों पर अध्ययन
अपने खर्च के बराबर सोलर एनर्जी से बिजली पैदा करने की दिशा में आगे बढ़ रहे उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) के सौर ऊर्जा उत्पादन नवाचार पर अमेरिकी एजेंसी शोध करेगी। एनसीआर में भविष्य की ऊर्जा जरूरत सोलर प्लांटों से पूरी होंगी। इस ग्रीन ऊर्जा से कार्बन उत्सर्जन कम होगा
By Ankur TripathiEdited By: Updated: Wed, 17 Aug 2022 05:03 PM (IST)
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। अपने खर्च के बराबर सोलर एनर्जी से बिजली पैदा करने की दिशा में आगे बढ़ रहे उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) के सौर ऊर्जा उत्पादन नवाचार पर अमेरिकी एजेंसी शोध करेगी। एनसीआर में भविष्य की ऊर्जा जरूरत सोलर प्लांटों से पूरी होंगी। इस ग्रीन ऊर्जा से कार्बन उत्सर्जन कम होगा। पर्यावरण संरक्षण होगा और राजस्व बचत से भारतीय अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा। यूएस एजेंसी फार इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआइडी)- साउथ एशिया रिजनल एनर्जी पार्टनरशिप (एसएआरईपी) एनसीआर में रूफ टाप सौर ऊर्जा संयंत्रों के बारे में नवाचार, निगरानी, रखरखाव पर अध्ययन करेगी। इसके लिए यूएसएआडी-एसएआरईपी के क्षमता निर्माण विशेषज्ञ दीपांकर बिश्नोई ने एनसीआर के मुख्य चीफ इलेक्ट्रिकल इंजीनियर को पत्र भेजा है।जिसमें शोध करने को लेकर जानकारी दी गई है। अध्ययन के बाद रेलवे के सभी जोन व विदेशों में भी इस शोध का इस्तेमाल कर सौर ऊर्जा की दिशा में तेजी से और सुनियोजित तरीके से कदम बढ़ाया जा सकेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा संयुक्त रूप से शुरू किए गए अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन को भी इससे बढ़ावा मिलेगा। जिसमें भारत अमेरिका समेत 100 से अधिक देश सदस्य के रूप में जुड़ चुके हैं।
सोलर प्लांटों से पूरी होंगी एनसीआर में भविष्य की ऊर्जा जरूरत एनसीआर में 2018 में सौर ऊर्जा के लिए प्लांट लगने की शुरूआत हुई थी। अभी 11.03 मेगावाट क्षमता का संयंत्र स्थापित हो चुका है। पिछले नौ महीने में 70 लाख यूनिट बिजली इससे बनाई गई और तीन करोड़ की बचत हुई । जबकि इतने समय में छह हजार टन कार्बन उत्सर्जन कम हुआ जो पर्यावरण संरक्षण के लिए सुखद संदेश है। एनसीआर के आगरा, झांसी और प्रयागराज मंडल में इस पर तेजी से काम हो रहा है। प्रयागराज मुख्यालय पर नौ महीने में 15 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन हुआ। लगभग 50 लाख रुपये रेवन्यू मिला और लगभग 630 टन कार्बन उत्सर्जन घटा।
सीपीआरओ का यह है कहनाअमेरिकी एजेंसी अपना अध्ययन रेलवे बोर्ड को भी सौपेगी। जिसका लाभ विश्वव्यापी होगा। पेरिस जलवायु समझौते के बाद 2050 तक पूरी दुनिया शून्य कार्बन उत्सर्जक बनने का प्रयास कर रही है। ऐसे में जलवायु परिवर्तन के चलते बढ़ रहे तापमान को भी कार्बन उत्सर्जन कम कर नियंत्रित कर सकते हैं। एनसीआर में 2018 में सोलर प्लांट लगाने की शुरूआत हुई। इस समय अलग अलग रेलवे स्टेशन की छत, प्लेटफार्म, कार्यालय एवं रनिंग रूम की छत पर प्लांट लगाए गए हैं। जिसके रख रखाव और उत्पादन क्षमता को बनाए रखने व बढा़ने के लिए दैनिक मानिटरिंग पर होती है। पैनल तक सूर्य की किरणों के पहुंचने में कोई बाधा न आए इसके लिए विशेष ध्यान रखा जाता है। वर्ष 2021-22 में उत्तर मध्य रेलवे ने सोलर मिशन के अंतर्गत 297 मेगावाट के सोलर प्लांट का लक्ष्य रखा है, जिससे 1.3 करोड़ यूनिट बिजली का उत्पादन होगा औ 5 करोड़ के राजस्व की बचत होगी। अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विचारों और लक्ष्य को हम पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
डा. शिवम शर्मा, सीपीआरओ, एनसीआर
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