Varanasi Blast: आतंकी वलीउल्ला हूजी के कमांडर से मिलने प्रयागराज से गया था बांग्लादेश
वर्ष 2004 में हूजी के आतंकी बशीर ने वलीउल्लाह से संपर्क साधा था। फिर हूजी के एक कमांडर से मिलने के लिए बांग्लादेश ले जाया गया था। जहां उसे ट्रेनिंग देकर पूर्वी उत्तर प्रदेश में हूजी की गतिविधियों को संचालित करने के लिए कमांडर बना दिया गया था
By Ankur TripathiEdited By: Updated: Tue, 07 Jun 2022 07:43 AM (IST)
प्रयागराज, जेएनएन। आखिरकार 16 साल बाद वाराणसी के सीरियल बम धमाकों में गाजियाबाद की अदालत ने वलीउल्ला को फांसी की सजा सुना दी है। 18 मौतों का गुनहगार है प्रयागराज में फूलपुर का निवासी आतंकी वलीउल्ला। उस बम धमाके की जांच कर रही एजेंसी को यह भी पता चला था कि वलीउल्लाह फूलपुर स्थित एक मस्जिद का इमाम था।
देवबंद में आतंकियों से मुलाकात के बाद वर्ष 2004 में हूजी के आतंकी बशीर ने वलीउल्लाह से संपर्क साधा था। फिर हूजी के एक कमांडर से मिलने के लिए बांग्लादेश ले जाया गया था। जहां उसे ट्रेनिंग देकर पूर्वी उत्तर प्रदेश में हूजी की गतिविधियों को संचालित करने के लिए कमांडर बना दिया गया था। वलीउल्लाह ने पूछताछ में यह भी कबूला था कि आतंकी ने अयोध्या में विवादित ढांचा विध्वंस और गुजरात के गोधरा कांड का वीडियो दिखाकर वाराणसी में धमाका करने में मदद के लिए तैयार किया था। ताकि दोनों घटनाओं का बदला लिया जा सके।
बीवी और बच्चों ने छोड़ दिया था घर
वलीउल्लाह फूलपुर में बीवी व बच्चों के साथ रहता था। पुलिस ने जब उसे आतंकी घोषित किया तो उसकी पत्नी व बच्चे इस आरोप को बर्दाश्त नहीं पाए और कुछ ही दिन में घर छोड़कर बाहर चले गए। वर्तमान समय में वह कहां रहते हैं, इसकी जानकारी साफतौर पर नहीं बताते, लेकिन लखनऊ में होने की बात कही जाती है। वलीउल्लाह पांच भाईयों में सबसे छोटा है।
वलीउल्लाह के अलावा उसके भाई वसीउल्लाह, उबैदुल्लाह और उजैर अहमद के खिलाफ भी वर्ष 2001 में फूलपुर थाने में देशद्रोह के आरोप में मुकदमा कायम हुआ था, जो अभी चल रहा है। बताया गया कि लखनऊ में मुठभेड़ में मारे गए आतंकी सलीम के पास से एक पत्र व दस्तावेज मिले थे, जिसके आधार पर वलीउल्लाह और उसके भाईयों के आतंकी गतिविधियों में शामिल होने की जानकारी मिली थी। वलीउल्लाह के तीन भाई अपने परिवार के साथ फूलपुर में ही रहते हैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।