वी वांट इंग्लिश मीडियम.. प्रतापगढ़ में परिषदीय स्कूलों के बच्चों और अभिभावकों ने की यह मांग
जिले के परिषदीय स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई शुरू होने के बाद आसपास के नर्सरी विद्यालय बंद हो गए थे अभिभावकों का रुझान अंग्रेजी माध्यम के परिषदीय विद्यालयों की ओर हुआ था। पठन-पाठन का स्तर भी काफी हद तक सुधर गया था। इसका असर भी देखने को मिला।
By Ankur TripathiEdited By: Updated: Sun, 29 Aug 2021 03:06 PM (IST)
प्रतापगढ़, जागरण संवाददाता। वी वांट इंग्लिश मीडियम, वी वांट इंग्लिश मीडियम, स्टेट डिसीजन इज नाट फेयर..., यह दैनिक जागरण नहीं अंग्रेजी माध्यम स्कूल के बच्चे बोल रहे हैं। उनका कहना है कि अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों को बंद नहीं किया जाए। प्रदेश सरकार का यह निर्णय उनके भविष्य को अंधकार करने वाला है। अपने निर्णय पर विचार करे।
नर्सरी हुए बंद, पढ़ाई हो जाएगी चौपटसूबे के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी ने पिछले बुधवार को कानपुर में एक विद्यालय के कार्यक्रम में कहा था कि प्रदेश सरकार अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों को बंद करने जा रही है। नई शिक्षा नीति के तहत नगर और ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों को एक कैडर में किया जा रहा है। मातृभाषा हिंदी को तरजीह दी जाएगी। जब बेसिक शिक्षा मंत्री का यह बयान अखबारों में प्रकाशित हुआ तो जिले में चलाए जा रहे अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों के बच्चों व अभिभावकों में आक्रोश फैल गया। उनका कहना था कि उन्होंने कान्वेंट स्कूलों से नाम कटा कर बड़े अरमान के साथ परिषदीय अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में नाम लिखाया था। अब यदि अंग्रेजी माध्यम की पढ़ाई स्कूलों में बंद की जाती है तो उनकी पढ़ाई चौपट हो जाएगी। ऐसे में सरकार अपने फैसले पर पुनर्विचार करें। माडल पूर्व माध्यमिक विद्यालय कटरा गुलाब सिंह के बच्चों ने शनिवार को एक साथ इसका विरोध किया। वह हाथों में पट्टिका लिखकर सामूहिक रूप से इसका विरोध करने लगे।
बंद न किए जाएं अंग्रेजी माध्यम स्कूलअंग्रेजी माध्यम के स्कूल बंद न किए जाएं। सरकार अपने निर्णय पर विचार करे। इससे उनकी पढ़ाई चौपट हो जाएगी। अंग्रेजी माध्यम से पढ़कर हम नर्सरी स्कूलों को मात दे रहे थे।
- दीपांशु त्रिपाठी, कक्षा आठ, पूर्व माध्यमिक विद्यालय मल्हूपुर मानधातामाडल पूर्व माध्यमिक विद्यालय कटरागुलाब ङ्क्षसह के प्रधानाध्यापक मोहम्मद फरहीम ने बड़ी मेहनत करके बच्चों को इस योग्य बनाया है कि वह आज फर्राटे के साथ अंग्रेजी बोलते हैं। हमने अपने तीन बच्चों का नर्सरी स्कूल से नाम कटाकर इस विद्यालय में नाम लिखाया था। अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों को बंद न किया जाए। सरकार को अपने निर्णय पर विचार करना चाहिए।
-उमेश कौशल, अभिभावकमेरा विद्यालय अंग्रेजी माध्यम होने के कारण कक्षा छह, सात, आठ में नामांकन बढ़कर 300 के पार हो गया है । सभी जगह अभिभावक अपने बच्चों को कान्वेंट से निकालकर सरकारी अंग्रेजी माध्यम स्कूल में प्रवेश ले रहे हैं। हिंदी और अंग्रेजी दोनों माध्यम में प्रवेश का विकल्प होना चाहिए। अभिभावक अपने बच्चों का प्रवेश रुचि के अनुसार ले सकें। इस पर सरकार को पुन: विचार करना चाहिए।
-मो. फरहीम (राज्य अध्यापक पुरस्कृत)दो स्कूलों से शुरू हुई थी अंग्रेजी माध्यम की पढ़ाईजिले में वर्ष 2014-15 में दो परिषदीय विद्यालयों से अंग्रेजी माध्यम की पढ़ाई शुरू हुई थी। प्राथमिक विद्यालय राजगढ़ तथा प्राथमिक विद्यालय भुवालपुर डोमीपुर। वर्ष 2018-19 में 132 विद्यालयों में अंग्रेजी माध्यम की पढ़ाई शुरू हुई। इसके बाद वर्ष 2019-20 में 195 प्राइमरी तथा 19 पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में अंग्रेजी माध्यम से पठन-पाठन का कार्य शुरू हुआ था। इस प्रकार जिले के कुल 348 विद्यालयों में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई होने लगी थी।
बंद हो गए थे आसपास के नर्सरी विद्यालयजिले के परिषदीय स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई शुरू होने के बाद आसपास के नर्सरी विद्यालय बंद हो गए थे अभिभावकों का रुझान अंग्रेजी माध्यम के परिषदीय विद्यालयों की ओर हुआ था। पठन-पाठन का स्तर भी काफी हद तक सुधर गया था। इसका असर भी देखने को मिला। आसपास के नर्सरी स्कूल या तो बंद हो गए या फिर उनके यहां बच्चों की संख्या काफी कम हो गई।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की थी सराहनाजिले में विकास कार्यों की समीक्षा करने अप्रैल 2018 में जिले में सीएम योगी आदित्यनाथ आए थे। अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों की प्रशंसा की थी। वह बच्चों की बातचीत से काफी प्रभावित हुए थे और शाबाशी भी दी थी। इसके अलावा प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह मोती सिंह ने मॉडल पूर्व माध्यमिक विद्यालय कटरा गुलाब सिंह मॉडल पूर्व माध्यमिक विद्यालय मल्हूपुर, मरुआन के अंग्रेजी माध्यम के बच्चों की सराहना करते हुए उन्हें पुरस्कृत किया था। बेसिक शिक्षा मंत्री के कानपुर में दिए गए बयान पर जिले के बच्चों में मायूसी है।
प्रभारी बीएसए का है कहनाशासन से अभी कोई आदेश अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों को बंद करने का नहीं आया है। बेसिक शिक्षा मंत्री का कानपुर में दिया गया बयान उन्होंने भी पढ़ा है, जब तक कोई शासन का आदेश नहीं आता तब तक वह कुछ भी कहने में असमर्थ हैं।सुधीर कुमार सिंह, प्रभारी बीएसए
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