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World Postal Day: हाईटेक युग में आज भी पोस्ट कार्ड की है अहमियत, आज भी है इसकी मांग

World Postal Day पोस्‍टकार्ड की अहमियत का इसी बात से पता चलता है कि प्रयागराज में प्रतिदिन लगभग एक हजार पोस्ट कार्डों की बिक्री होती है। प्रधान डाकघर में प्रतिदिन 40 से 50 के बीच में पोस्ट कार्ड बिकते हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Updated: Sat, 09 Oct 2021 04:53 PM (IST)
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इस तकनीकी युग में आज भी पोस्‍टकार्ड का महत्‍व है। कम जरूर हुआ है लेकिन खत्‍म नहीं हुआ है।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। भारतीय डाक सेवा देश का अभिन्न अंग है। भारत में डाक सेवाओं ने संस्कृति, परंपरा और कठिन भौगोलिक इलाकों में विविधता के बावजूद बेहतर काम किया है। नौ अक्टूबर को मनाए जाने वाले विश्व डाक दिवस पर उसके कार्यों की बेहतरी के लिए सार्थक प्रयास करने का जज्बा पैदा होता है। डाक विभाग के टिकट, लिफाफा, पोस्टल आर्डर व पोस्ट कार्ड अहम हिस्सा है। जो लोगों के व्यक्तिगत जीवन से किसी न किसी रूप में जुुड़े हैं। तकनीक का प्रचार-प्रसार होने के बावजूद पोस्ट कार्ड की बिक्री कायम है।   

प्रयागराज में रोज करीब एक हजार पोस्‍ट कार्ड की है मांग  

प्रयागराज में प्रतिदिन लगभग एक हजार पोस्ट कार्डों की बिक्री होती है। प्रधान डाकघर में प्रतिदिन 40 से 50 के बीच में पोस्ट कार्ड बिकते हैं। पिछले तीन दिनों में पूरे जिले में लगभग 2800 पोस्ट कार्ड बिके हैं। छह अक्टूबर को सात सौ, सात अक्टूबर को 1100 और आठ अक्टूबर को लगभग एक हजार पोस्ट कार्डों की बिक्री हुई है।

डा‍क टिकट की बिक्री पूर्व की भांति है  

बात डाक टिकट की करें तो उसकी बिक्री पहले की तरह कायम है। डाक विभाग एक, दो, पांच, सात, 10, 15, 20, 25, 50 और सौ रुपये का डाक टिकट बेचता है। हर रुपये के टिकट प्रतिदिन 1200 से लेकर 2500 की संख्या के बीच बिकते हैं। अकेले प्रधान डाक घर में प्रतिदिन सौ से अधिक टिकटों की बिक्री होती है। प्रधान डाकघर के वरिष्ठ पोस्ट मास्टर राजेश कुमार श्रीवास्तव बताते हैं कि पोस्ट कार्ड व डाक टिकट लोगों को नियमित मिलें उसके लिए अलग से स्टाक रखा जाता है।

खत्म हुआ पोस्टल आर्डर 

डाक विभाग में बिकने वाले सौ रुपये के पोस्टल आर्डर दो दिन से खत्म हैं। इससे लोगों को दिक्कत झेलनी पड़ रही है। अधिकारियों का कहना है कि पोस्टल आर्डर मंगवाने का आर्डर दिया गया है। एक-दो दिन में पोस्टल आर्डर आ जाएंगे, जिससे उनका वितरण शुरू कर दिया जाएगा।

क्यों मनाते हैं विश्व डाक दिवस

नौ अक्टूबर 1874 को यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन का गठन हुआ था। स्विटजरलैंड में 22 देशों ने एक संधि पर हस्ताक्षर किया था। इसी कारण प्रतिदिन नौ अक्टूबर को विश्व डाक दिवस मनाया जाता है। भारत जुलाई 1876 में यूनीवर्सल पोस्टल यूनियन का सदस्य बना। भारत में पहली बार 1766 में डाक व्यवस्था की शुरुआत की गई थी।

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