बाबा विश्वनाथ धाम में 1001 शंखनाद का बनेगा विश्व रिकार्ड, एनसीजेडसीसी कर रहा आयोजन
श्री काशी विश्वनाथ धाम में जनवरी में 1001 शंखनाद करने की तैयारी है। इसका विश्व रिकार्ड बनेगा। शंखनाद कराने का जिम्मा प्रयागराज में स्थित उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (एनसीजेडसीसी) को मिला है। सहयोग में पश्चिम मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र भी रहेगा।
अमरदीप भट्ट, प्रयागराज। सनातन धर्म की ध्वज पताका लहरा चुकी डबल इंजन की सरकार अब एक और अनूठा आयोजन करने जा रही है। अब श्री काशी विश्वनाथ धाम में जनवरी में 1001 शंखनाद करने की तैयारी है। इसका विश्व रिकार्ड बनेगा। शंखनाद कराने का जिम्मा प्रयागराज में स्थित उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (एनसीजेडसीसी) को मिला है। सहयोग में पश्चिम मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र भी रहेगा।
शंखनाद में शामिल लोगों को दिए जाएंगे 1000 रुपये और प्रशस्ति पत्र
एनसीजेडसीसी ने शंखवादक करने वालों से आनलाइन आवेदन मांगे हैं। आवेदन 28 दिसंबर तक किए जा सकते हैं। इसमें शामिल होने वाले शंखवादकों को एक-एक हजार रुपये और प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा। श्री काशी विश्वनाथ धाम का स्वरूप परिवर्तित कर चुकी प्रदेश और केंद्र सरकार की मंशा अगले कुछ दिनों तक वहां धार्मिक आयोजन कराते रहने की है। इसी कड़ी में संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार ने 1001 शंखनाद कराकर विश्व रिकार्ड बनाने का निर्णय लिया है। शंखनाद के लिए एक जनवरी 2022 प्राथमिकता में या मकर संक्रांति के अवसर पर 14 जनवरी को हो सकता है। आयोजन की तिथि दो-तीन दिनों में तय हो जाएगी। एनसीजेडसीसी के निदेशक प्रोफेसर सुरेश शर्मा को इस आयोजन का नोडल अधिकारी बनाया गया है। इसके लिए 1001 शंखवादकों की आवश्यकता है। इच्छुक लोग वेबसाइट www.nczcc.in पर आवेदन कर सकते हैं। इस पर अपना नाम, पता, मोबाइल नंबर, ईमेल आइडी लिखना होगा। वाराणसी के शंखवादकों को वरीयता दी जाएगी। बताया कि श्री काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के अवसर पर 301 शंख वादन हुआ था। आवेदन अगर कम आए तो इन शंखवादकों को भी शामिल किया जा सकता है। यदि आवेदन 1001 से ज्यादा हो गए तो तीन सदस्यीय कमेटी शंखवादन की गुणवत्ता के आधार पर वरीयता देते हुए तय करेगी कि किन 1001 लोगों को शामिल किया जाय।