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आईएएस की तैयारी करने गई थी श्रेया, टीवी पर देखी बेटी की मौत की खबर तो परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

श्रेया की मौत के साथ कोचिंग की फीस किस्तों में भरने वाले राजेन्द्र का बेटी को आईएएस बनाने का सपना भी टूट गया। कोचिंग सेंटर संचालक की लापरवाही के चलते मन में आईएएस बनने का सपना लिए दिल्ली तक पहुंची बिटिया श्रेया यादव की अचानक मौत से घर-गांव में मातम पसर गया है। पिता ने बताया कि उन्होंने बेटी की कोचिंग की फीस भी किस्तों में भरी थी।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Sun, 28 Jul 2024 11:57 PM (IST)
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अकबरपुर तहसील के हासिमपुर बरसावां गांव में दिवंगत श्रेया यादव के घर सांत्वना देने पहुंचे एसडीएम सौरभ शुक्ल। जागरण
जागरण संवाददाता, अंबेडकरनगर। राजेंद्र यादव और शांति देवी की आंखों में बेटी श्रेया को आईएएस बनते देखने का सपना और उम्मीद टूट दोनों गई। श्रेया का परिवार उत्तर प्रदेश में आंबेडकरनगर जिले के हासिमपुर बरसावां गांव में रहता है। 

पिता राजेंद्र यादव किसानी के साथ डेयरी का संचालन करते हैं। गृहणी माता के अलावा बड़ा भाई अभिषेक उर्फ अंकुर मास कम्युनिकेशन कर नौकरी की तलाश कर रहा है। दूसरा छोटा भाई अवनीश उर्फ पिंटू यादव कक्षा सात में पढ़ता है। बेटी के हौसलों को देखते हुए मध्यमवर्गीय परिवार ने उसे दिल्ली में आईएएस की तैयारी के लिए भेजा था। 

मां से फोन पर बताती थी हालचाल

ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित राव आईएएस में कोचिंग से लौटने के बाद श्रेया अपनी मां को प्रतिदिन मोबाइल पर हालचाल बतातीं थीं। वहीं गाजियाबाद में श्रेया के छोटे चाचा व सपा प्रवक्ता धर्मेंद्र यादव परिवार संग रहते हैं। हालांकि, श्रेया दिल्ली में ही किराये पर रहती थीं। 

रात को समाचार में उक्त कोचिंग सेंटर की घटना देखने के बाद चाचा धर्मेंद्र ने श्रेया को फोन किया। नंबर बंद मिलने पर रात करीब 12 बजे अपने बड़े भाई राजेंद्र को फोन कर बेटी का हाल पूछा। बेटी से बात नहीं होने की जानकारी मिलते ही चाचा श्रेया के कमरे पर पहुंचे। वहां ताला लटका देखा तो लोगों से जानकारी ली।

चाचा धर्मेंद्र ने नहीं दी थी मौत की खबर 

इसके बाद उसकी कोचिंग पहुंचने पर जलभराव से हुई घटना की जानकारी मिलते ही चाचा स्तब्ध रह गए। बेटी को तलाशने का प्रयास किया, लेकिन पता नहीं चला। बस यही जानकारी हुई कि हादसे के बाद छात्रों को डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल पहुंचाया गया है। वहां पहुंचने पर श्रेया की मृत्यु होने की सूचना मिली। 

हालांकि, उन्होंने बड़े भाई को श्रेया के गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती होने की जानकारी दी। राजेंद्र यादव बताते हैं कि रविवार सुबह टीवी पर बेटी की मौत की जानकारी मिली। 

राजेंद्र यादव ने बताया कि गत अप्रैल में श्रेया को आईएएस की कोचिंग के लिए प्रवेश दिलाया था। अभी तक वह यूपीएससी की परीक्षा में शामिल नहीं हुई थी। उन्होंने बताया कि श्रेया शुरुआत से ही मेधावी थी।

किस्तों में जमा करते रहे फीस 

कोचिंग में 1.80 लाख रुपये फीस मांगी गई थी। अनुरोध करने पर 1.65 लाख रुपये में बात बन गई। राजेंद्र यादव बताते हैं कि किस्त में फीस जमा कर रहे थे। काफी फीस लेने के बाद कोचिंग संचालक ने व्यवस्था पर ध्यान ही नहीं दिया। भूमिगत कोचिंग सेंटर में हमेशा पानी भरता था। श्रेया ने इसका जिक्र माता व भाई से कई बार किया था। जलभराव से कोचिंग बाधित होने और कमरे पर रहकर ऑनलाइन पढ़ाई करने की बात बताती थी।

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