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Amethi Accident: बहन-भांजे को लाने गया था दुर्गेश, घर पहुंची सभी की मौत की खबर; दिल दहलाने वाला हादसा

पीपरपुर के भावापुर निवासी दुर्गेश उपाध्याय रविवार सुबह करीब सात बजे घर से बहन व भांजा को लाने के लिए पाठक का पुरवा पनियार के लिए निकले। बहन वंदना व भांजा रुद्र को बाइक (बुलेट) पर बैठाकर सुबह करीब नौ बजे अपने घर भावापुर के लिए लौट रहे थे। बांदा-टांडा राजमार्ग पर जामो-भादर चौराहा पर सुलतानपुर की ओर से आ रही तेज रफ्तार बोलेरो ने बाइक में टक्कर मार दी।

By Pawan Kumar Yadav Edited By: Aysha Sheikh Updated: Mon, 10 Jun 2024 02:14 PM (IST)
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Amethi Accident: बहन-भांजे को लाने गया था दुर्गेश, घर पहुंची सभी की मौत की खबर; दिल दहलाने वाला हादसा

जागरण संवाददाता, अमेठी। पीपरपुर के भावापुर निवासी दुर्गेश उपाध्याय रविवार सुबह करीब सात बजे घर से बहन व भांजा को लाने के लिए पाठक का पुरवा पनियार के लिए निकले। बहन वंदना व भांजा रुद्र को बाइक (बुलेट) पर बैठाकर सुबह करीब नौ बजे अपने घर भावापुर के लिए लौट रहे थे। बांदा-टांडा राजमार्ग पर जामो-भादर चौराहा पर सुलतानपुर की ओर से आ रही तेज रफ्तार बोलेरो ने बाइक में टक्कर मार दी।

घटना में तीनों काल के गाल में समा गए। एक साथ दो परिवारों में मातम छा गया। परिवारजन ने बताया कि तीन वर्ष से वंदना अपने मायके नहीं गई थी। भाई दुर्गेश ने बहन को घर आने के लिए कहा था। रविवार की सुबह भाई फोन करके बहन को लाने के लिए उसके ससुराल गया। लेकिन किसे मालूम था कि बहन, भाई व भांजा की मौत की खबर आएगी।

तीनों की मौत की खबर से पूरा परिवार सदमे में है। दुर्गेश के कंधों पर परिवार की जिम्मेदारी दी। टीकरमाफी बाजार में मेडिकल स्टोर चला कर दुर्गेश दो भाई सूरज व देवेंद्र के साथ माता राजपति देवी, पत्नी डाली व बच्चे लवी, काव्या, वीर का पालन पोषण करते थे।

छोटे भाई के विवाह में नहीं हुई थी शामिल

वंदना के छोटे भाई देवेंद्र का विवाह बीते फरवरी में हुआ था। वंदना पति संतोष पाठक देहरादून की कंपनी में कार्य कर परिवार का पालन पोषण करते हैं। हरिद्वार में पत्नी व बच्चों को साथ लेकर रहते थे। इसी के चलते वह छोटे भाई के विवाह में शामिल नहीं हो सकी थी। बीते 15 दिन पहले ससुर राम बरन पाठक की मौत हो गई थी। उनके तेरहवीं संस्कार में शामिल होने के लिए वह पूरे परिवार के साथ गांव आई थी। रविवार को भाई के साथ बीमार मां को देखने बेटे रुद्र के साथ मायके जा रही थी।

दोनों बेटियों से शाम को वापस घर आ जाने का किया था वादा

वंदना भाई दुर्गेश के साथ सुबह साढ़े आठ बजे के करीब घर से मायके के लिए निकल रही थी। तब दोनों बेटियां रिद्धि व सिद्धि ने साथ चलने को कहा। इसपर मां ने दोनों बेटियों से कहा कि वह शाम तक घर लौट आएंगी। इसके बाद दोनों बेटियां घर लौटने का इंतजार कर रही हैं। मां, भाई व मामा की मौत के खबर के बाद वह गुमसुम हो गई हैं।

जनता एक्सप्रेस से देहरादूर के लिए आज का था टिकट

पति संतोष पाठक व बच्चों के साथ वंदना देहरादून में रहती है। सोमवार को देहरादून जाने के लिए जनता एक्सप्रेस ट्रेन से आरक्षित टिकट पहले से करा रखा था। इसीलिए वह रविवार को बीमार मां अन्य परिवारजन से मिलने के लिए मायके जा रही थी।