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अवध की हाईप्रोफाइल सीट पर गरमाई सियासत, गांधी परिवार का गढ़ रहे अमेठी में क्या है चुनावी माहौल; Ground Report

अवध की सबसे हाईप्रोफाइल सीटों में एक अमेठी का मिजाज बदला हुआ है। लंबे समय तक गांधी-नेहरु परिवार का गढ़ रही अमेठी की हवा पिछले कुछ वर्षों से बदली हुई है। पिछले चार दिनों में दो बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अमेठी आ चुके हैं। अमेठी के चुनावी रणभूमि में स्मृति के सामने इतिहास दोहराने के साथ नया अध्याय लिखने का मौका है। चुनावी परिदृश्य पर दिलीप सिंह की रिपोर्ट

By Dileep Maan Singh Edited By: Abhishek Pandey Updated: Wed, 15 May 2024 03:42 PM (IST)
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कांग्रेस के सामने रिकार्ड बचाने, तो स्मृति के सामने तोड़ने की चुनौती
Amethi Lok Sabha Seat Ground Report: अवध की सबसे हाईप्रोफाइल सीटों में एक अमेठी का मिजाज बदला हुआ है। लंबे समय तक गांधी-नेहरु परिवार का गढ़ रही अमेठी की हवा पिछले कुछ वर्षों से बदली हुई है। पिछले चार दिनों में दो बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अमेठी आ चुके हैं।

अमेठी के रण में वर्ष 2019 के चुनाव में भाजपा नेता स्मृति इरानी ने तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को हराकर कांग्रेस के सबसे मजबूत दुर्ग को ढहा दिया। नतीजा रहा कि इस बार राहुल गांधी ने सीट छोड़ दी और रायबरेली चले गए, जबकि इस सीट पर कांग्रेस ने कभी सोनिया-राहुल के प्रतिनिधि रहे किशोरी लाल शर्मा को स्मृति के मुकाबले मैदान में उतारा है।

अमेठी के चुनावी रणभूमि में स्मृति के सामने इतिहास दोहराने के साथ नया अध्याय लिखने का मौका है। मतदाताओं की चुप्पी व जातीय समीकरण आने वाली 20 मई को होने वाली वोटिंग में क्या गुल खिलाते हैं, इस पर सबकी निगाहें टिकी हुई है। चुनावी परिदृश्य पर दिलीप सिंह की रिपोर्ट :

केंद्रीय मंत्री व भाजपा उम्मीदवार स्मृति इरानी के मुकाबले गांधी परिवार के करीबी व सोनिया गांधी के चाणक्य किशोरी लाल शर्मा का चुनावी मैदान में उतारने की कांग्रेस की रणनीति कितनी कारगर साबित होगी। इसका फैसला तो आने वाले चार जून को मतों की गिनती के बाद ही पता चलेगा, लेकिन अमेठी के चुनावी रणभूमि से राहुल गांधी के हटते ही अमेठी की राजनीतिक हवा पूरी तरह बदल गई है।

राहुल के मुकाबले में न आने से निराशा

केंद्रीय मंत्री व भाजपा उम्मीदवार स्मृति इरानी व कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बीच तीसरे मुकाबले की आस लगाए लोगों के हाथ निराशा लगी है। बदले हुए हालात में भाजपा व कांग्रेस की लड़ाई में बसपा यहां फंसी हुई दिख रही है। बसपा उम्मीदवार नन्हे सिंह चौहान अमेठी में अपनी पहचान बनाने के लिए पूरी मेहनत कर रहे हैं।

अमेठी की लड़ाई एक बार फिर भाजपा व कांग्रेस के बीच सीधी हो चली हैं। भाजपा के साथ योगी-मोदी सरकार की नीतियां व योजनाओं के लाभार्थियों की संख्या है तो कांग्रेस के साथ सपा के कार्यकर्ताओं का साथ। पिछले पांच साल में पांच बार आने वाले राहुल गांधी से पिछले दो आम चुनावों में सीधे दो-दो हाथ करने वाली स्मृति इरानी ने अमेठी के मेदन मवई गांव में अपना स्थाई ठिकाना बना लिया है।

राहुल को स्मृति इरानी से मिली थी हार

लंबे समय तक कांग्रेस के गढ़ के रूप में पहचानी जानी वाली अमेठी सीट से आम चुनाव 2019 में भाजपा की स्मृति इरानी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को 55,120 वोट से हरा दिया था। भाजपा ने लगातार तीसरी बार केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी को अमेठी से प्रत्याशी बनाया है।

वह अमेठी क्षेत्र में लगातार सक्रिय रहीं और पिछले कई महीनों से राहुल गांधी को यहां से लड़ने के लिए ललकारती रहीं। लेकिन नामांकन के आखिरी दिन आई सूची में कांग्रेस पार्टी ने यहां से सोनिया गांधी और राहुल के प्रतिनिधि रहे किशोरी लाल शर्मा को उम्मीदवार बनाकर मैदान में उतार दिया है। राहुल गांधी के अमेठी के चुनावी रणभूमि से हट जाने से यहां अब स्मृति मजबूत नजर आ रही हैं।

सुधरी कानून व्यवस्था, गांव-गांव पहुंचा विकास

गौरीगंज में रायबरेली रोड पर सड़क किनारे कासिमपुर में एक होटल में बैठे गंगादीन कहते है- योगी-मोदी सरकार में कानून व्यवस्था में सुधार है। उनकी बात पूरी होने से पहले राम लखन बोल पड़े इस सरकार में विकास गांव-गांव पहुंचा और स्मृति भी लोगों के बीच बनी रही। मो. साबिर ने कहाकि कांग्रेस कमजोर नहीं है। राहुल-प्रियंका के नाम पर यहां बहुत वोट किशोरी को मिलेंगे।

जिला मुख्यालय से 25 किमी. दूर संग्रामपुर में चाय की दुकान पर रमेश यादव, अभिषेक सिंह, दिनेश पाल के बीच चुनावी चर्चा हो रही थी। रमेश कहते हैं कि इस बार हवा टाइट है। भाजपा-कांग्रेस में तगडी फाइट होगी। अभिषेक ने कहाकि दीदी स्मृति बहुत मेहनत कर रही हैं। महिलाओं में उनके बहुत वोट हैं। महिलाओं के लिए हुई खेलकूद प्रतियोगिता का असर अब दिख रहा है। सर्वेश सिंह ने कहाकि अमेठी जाग चुकी है। जनता पांच वर्षों का काम देख रही है।

स्मृति लगातार तो 13 दिन से सक्रिय है किशोरी लाल

कांग्रेस की भारत जोड़ों न्याय यात्रा सहित पिछले पांच सालों में पांच बार ही राहुल अमेठी आए हैं। अमेठी से राहुल की यही दूरी अब कांग्रेस व उसके उम्मीदवार पर भारी पड़ती दिख रही है। भाजपा उम्मीदवार स्मृति इरानी ने संसदीय क्षेत्र के अधिकांश गांवों तक पिछले दो माह में पहुंच चुकी हैं। भाजपा का संगठन भी कांग्रेस के मुकाबले बूथ-बूथ मजबूत है।

कांग्रेस उम्मीदवार किशोरी लाल शर्मा पिछले 13 दिनों से अमेठी में सक्रिय हैं। वहीं राहुल गांधी के अमेठी छोड़ रायबरेली जाने से कांग्रेस में मायूसी भी है। किशोरी कितनी जल्दी अपने कार्यकर्ताओं को इससे बाहर लाने में कामयाब होते हैं। यह देखने वाली बात होगी।

तीन जिलों में फैली है अमेठी सीट

अमेठी सीट का फैलाव जिले की चार तहसीलों के साथ ही रायबरेली जिले की सलोन तहसील क्षेत्र व सुलतानपुर के बल्दीराय तहसील के 24 ग्राम पंचायतों तक है। विधान सभा चुनाव में तिलोई, जगदीशपुर व सलोन में भाजपा का कमल खिला था। अमेठी व गौरीगंज में सपा की साइकिल चली थी, लेकिन बदले हुए हालात में सपा के दोनों विधायक भाजपा के पक्ष में दिन-रात प्रचार में जुटे हुए हैं। जिसका लाभ भाजपा को मिलता दिख रहा है।

इस पर भी डालें एक नजर

17 ,96, 098 कुल मतदाता

9, 42, 536 पुरुष मतदाता

8, 53, 478 महिला मतदाता

84 किन्नर मतदाता

2,617 सर्विस वोटर

12817 दिव्यांग मतदाता

1,125 मतदान केंद्र

1,923 कुल बूथ

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