चुप्पी और सक्रियता के बीच रोमांचक हो रहा अमेठी का सियासी रण, क्या फिर आमने-सामने होंगे राहुल गांधी और स्मृति ईरानी
Amethi Lok Sabha seat लोकसभा चुनाव को लेकर अमेठी का सियासी रण रोमांचक होता जा रहा है। भाजपा ने अमेठी की चुनावी रणभूमि में एक बार फिर केंद्रीय मंत्री व सांसद स्मृति ईरानी को उतार दिया है। वहीं कांग्रेस ने अभी तक अपने प्रत्याशी का एलान नहीं किया है। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को उमीद है कि राहुल गांधी अमेठी से चुनावी लड़ें।
दिलीप सिंह, अमेठी। आम चुनाव 2024 की घोषणा कभी भी हो सकती है। चुनाव को लेकर सभी की सक्रियता बढ़ गई है। भाजपा ने अमेठी की चुनावी रणभूमि में एक बार फिर केंद्रीय मंत्री व सांसद स्मृति ईरानी को उतार दिया है। कांग्रेस अभी कौन होगा उम्मीदवार, राहुल गांधी पांचवीं बार लड़ने आएंगे या मैदान छोड़ देंगे इस सवाल पर चुप है।
कांग्रेस नेताओं व कार्यकर्ताओं को भरोसा जरूर है कि राहुल गांधी ही अमेठी से चुनावी मैदान में उम्मीदवार होंगे। पार्टी के साथ ही भाजपा व आम जनमानस को भी कांग्रेस उम्मीदवार के नाम का बेसब्री से इंतजार है। अमेठी की अपनी अलग ही राजनीति है। यहां के लोग देश-दुनिया को छोड़ वर्तमान में हर गांव, गली व शहर के नुक्कड़ पर बस एक ही चर्चा है कि भाजपा की सक्रियता के बीच कांग्रेसी खेमे में इतनी चुप्पी क्यों हैं?
संकेत के बाद भी कार्यकर्ताओं को भरोसा नहीं
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के साथ ही पार्टी के दूसरे नेता भी समय-समय पर राहुल गांधी के ही अमेठी से चुनावी मैदान में उतरने का संकेत दे चुके हैं, लेकिन अमेठी में पार्टी के कार्यकर्ताओं को इतने भर से वह भरोसा नहीं मिल पा रहा है। जिसके सहारे वह मैदान में उतर सकें।स्मृति दिखा रही हैं अमेठी में वर्चस्व
वहीं केंद्रीय मंत्री व सांसद स्मृति ईरानी को भाजपा ने अपनी पहली ही लिस्ट में अमेठी से तीसरी बार मैदान में उतारकर यह संदेश देने की कोशिश की है कि अब अमेठी गांधी परिवार व कांग्रेस का गढ़ नहीं। नाम की घोषणा के साथ स्मृति की टीम की सक्रियता यहां और बढ़ गई है। हालांकि स्मृति की सक्रियता आम चुनाव 2014 से ही बनी हुई है पर 2019 आम चुनाव में अमेठी से जीत दर्ज करने के बाद वह यहां हर पखवारे आ रही हैं।
किसी माह में तो पांच से अधिक बार भी वह अपने संसदीय क्षेत्र पहुंच अपनों का हालचाल जानने का प्रयास करती हैं। स्मृति छोटे-छोटे आयोजनों के जरिए भी अमेठी की राजनीति में बड़ी लकीर खींच रही हैं। किसी न किसी रूप में वह गांव-गांव, घर-घर अपनी सीधी पैठ बनाने में लगी ही रहती हैं।
अमेठी में नहीं दिख रही कांग्रेस की सक्रियता
ऐसा नहीं है कि कांग्रेस इस सब से अंजान है। इसके बाद भी अमेठी में उसकी वह सक्रियता नहीं दिख रही है, जो 2019 के पहले तक हुआ करती थी। पिछले पांच वर्षों में राहुल गांधी चार बार, सोनिया गांधी एक बार व प्रियंका गांधी वाड्रा चार बार ही अमेठी आए हैं। संगठन के स्तर पर कांग्रेस गांव-गांव तैयारियों में जुटी हुई है पर बिना अगुवा के बात बन नहीं पा रही है। भाजपा की सक्रियता के बीच कांग्रेस की चुप्पी पर यहां एक नहीं बहस छिड़ी हुई है। खेती-किसानी के मौसम में यहां राजनीति का मिजाज दिनों दिन गर्म होता जा रहा है।
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