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Chakbandi in UP : यूपी के इस जिले में चकबंदी अधिकारी नौकरी की आड़ में कर रहा था यह काम, किसानों ने खोल दी पोल...

Chakbandi Rate in UP पैसा न देने पर मालियत व नंबर को चक आउट करने में आनकानी करते हैं। इतना ही नहीं काश्तकार को चक खराब करने व रकबा कम करने की धमकी भी देते हैं। इतना ही नहीं काश्तकारों का आरोप है कि लेखपाल वरासत करने और दाखिल खारिज करने के लिए उनसे 10 से 20 हजार रुपये रसूख लेते हैं तब कहीं जाकर वरासत होती है।

By sachin mishra Edited By: Mohammed Ammar Updated: Fri, 21 Jun 2024 03:24 PM (IST)
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किसानों ने इस मामले के बारे में उच्च अधिकारियों को भी अवगत कराया है। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

संसू, जागरण, बाजारशुकुल, (अमेठी) : मरदानपुर ग्राम पंचायत में चकबंदी प्रक्रिया चल रही है। सहायक चकबंदी अधिकारी पर काश्तकारों ने धन उगाही का आरोप लगाते हुए जिला बंदोबस्त अधिकारी से शिकायत की है और ग्राम पंचायत से हटाए जाने की मांग की है।

उधर सहायक चकबंदी अधिकारी श्रवण पाठक ने आरोपों को बेबुनियाद बताया है। यहां के काश्तकारों ने जिला बंदोबस्त अधिकारी को दिए गए शिकायती पत्र में आरोप लगाया है कि उनके द्वारा मालियत निर्धारण करने, चकाउट करने जैसी महत्वपूर्ण कार्यवाहियों के लिए उनसे 20 से 50 हजार रुपये की मांग करते हैं।

मामूली काम के लिए भी मांगते हैं रिश्वत

पैसा न देने पर मालियत व नंबर को चक आउट करने में आनकानी करते हैं। इतना ही नहीं काश्तकार को चक खराब करने व रकबा कम करने की धमकी भी देते हैं। इतना ही नहीं काश्तकारों का आरोप है कि लेखपाल वरासत करने और दाखिल खारिज करने के लिए उनसे 10 से 20 हजार रुपये रसूख लेते हैं तब कहीं जाकर वरासत होती है। कई बार इसकी शिकायत काश्तकारों ने उच्च अधिकारियों से की किंतु न तो कोई कार्रवाई हुई न ही ऐसे अधिकारियों व कर्मचारियों का स्थानांतरण ही हुआ।

15 किमी दूर है आफिस

 बाजारशुकुल व महोना पश्चिम में सहायक चकबंदी अधिकारी कार्यालय होने के बाद भी इस ग्राम पंचायत को यहां से 15 किमी दूर जगदीशपुर में रखा गया है। इतनी दूर आने जाने में काश्तकारों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।

यह हैं शिकायतकर्ता :- गांव के राम स्वरूप, नाजिया बानो, राबिया, मो. हई, पीर मोहम्मद, आरिफ, राम खेलावन, पवन कुमार, रमेश कुमार, रिजवान, अमान उल्ला, अखिलेश तिवारी, साधना, जसीम आदि ने धन उगाही का आरोप लगाते हुए तबादले की मांग की है।

कहते हैं अधिकारी :- चकबंदी अधिकारी राम विलास गुप्ता बताते हैं कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है। न ही वह कुछ बोलने की स्थिति में हैं। यदि उच्च अधिकारी से शिकायत हुई है तो जांच अवश्य होगी।