रतन टाटा के सहयोग से आधुनिक लैब में पढ़ाई कर रहे अमेठी के बच्चे, दो आईटीआई लैब के लिए दिए थे 72 करोड़
अमेठी में टाटा टेक्नोलॉजी लिमिटेड के सहयोग से आईटीआई में रोबोटिक्स लैब स्थापित की गई है। रतन टाटा की पहल से 72 करोड़ की लागत से आधुनिक मशीनों एवं सुविधाओं से युक्त वर्कशाप बनाई गई। 100 से अधिक विद्यार्थी रोबोटिक्स एडवांस सीएनसी और मैन्यूफैक्चरिंग ट्रेड में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। अमेरिका व जापान से मंगाए गए उपकरणों से छात्र नौकरी हासिल करने के लिए तैयार हो रहे हैं।
अभिनव मिश्र, अमेठी। अमेठी के बच्चे भी टाटा ग्रुप के चेयरमैन रतन टाटा के सहयोग से आधुनिक लैब में पढ़ाई कर रहे हैं। टाटा टेक्नोलॉजी लिमिटेड के सहयोग से आईटीआई अमेठी व जायस में रोबोटिक्स लैब की स्थापना का सपना रतन टाटा ने देखा था, जो अब साकार रूप ले चुका है।
आधुनिक तकनीकी के माध्यम से बच्चों को तकनीकी शिक्षा दिलाई जा रही है। 2023 में दोनों आईटीआई में करीब 72 करोड़ की लागत से आधुनिक मशीनों एवं सुविधाओं से युक्त वर्कशाप बनाई गई। रोबोटिक्स लैब, एडवांस सीएनसी और मैन्यूफैक्चरिंग ट्रेड में करीब 100 से अधिक विद्यार्थी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।
विद्यार्थी सीख रहे मशीनों की असेंबलिंग
इस समय करीब 40 विद्यार्थी कंप्यूटर प्रोग्राम के माध्यम से मशीनों की असेंबलिंग सीखकर निपुण हो रहे हैं। टाटा टेक्नोलॉजी ने अमेठी व जायस आईटीआई में 36-36 करोड़ रुपये की धनराशि प्रशिक्षण केंद्र बनाने में खर्च की है। इससे शिक्षा में नवाचार को बढ़ावा मिला।
आईटीआई अमेठी के प्रभारी गिरीश पटेल ने बताया कि रतन टाटा के सहयोग से जिले में विभिन्न आधुनिक ट्रेड में करीब 150 बच्चे प्रशिक्षित हो रहे हैं। यहां आधुनिक कंप्यूटर युक्त छह क्लास रूम, एडवांस रोबोटिक मशीन और एक इलेक्ट्रिक कार, डीजल पिकअप व दो बैटरी से चलने वाले ई-टेंपो की आपूर्ति की गई थी।
कटिंग करने वाली मशीन, मशीनों का लेआउट, पेंट बूथ मशीन, प्लंबरिंग लैब के साथ ही अन्य सुविधा मिली है। इन मशीनों के माध्यम से बच्चे एडवांस टेक्नोलॉजी की जानकारी प्राप्त कर रहे हैं, जिन्हें आसानी से औद्योगिक क्षेत्र में नौकरी हासिल कर सकेंगे। बताया कि रोबोटिक्स की कल्पना को साकार रूप देना टाटा टेक्नोलॉजी के सहयोग के बिना संभव नहीं था।
अमेरिका व जापान से मंगाए गए थे उपकरण
अमेठी आईटीआई कार्यशाला में विद्यार्थियों को प्रशिक्षण देने के लिए अमेरिका व जापान से एक्सिस सीएनसी मशीन, रोबोटिक्स आर्म, मास्टर कंप्यूटर मंगाया गया था। सीएनसी मशीन का उपयोग औद्योगिक क्षेत्रों के साथ प्लास्टिक, एल्यूमिनियम, लकड़ी, तांबा समेत अन्य पदार्थों से सामग्री बनाना छात्र सीख रहे हैं।
शिविर में 170 नेत्र रोगियों के आंखों की गई जांच
सिंहपुर के जेहटा उसरहा गांव में निशुल्क मासिक नेत्र चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में 170 मरीजों ने अपना पंजीकरण कराया, जहां उनके आंखों की जांच कर परामर्श दिया गया।
नेत्र शिविर के आयोजक गोपी चंद्र वाजपेयी ने बताया कि आंख कुदरत की अनमोल तोहफा है। इनकी हिफाजत करना हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी है। इंदिरा गांधी नेत्र चिकित्सालय एवं अनुसंधान केंद्र मुंशीगंज की तरफ से गांव में में निशुल्क नेत्र परीक्षण शिविर का आयोजन प्रत्येक माह के दूसरे शुक्रवार को किया जाता है।
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