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यूपी में कोहरे ने दी दस्तक, सड़क पर रेंगते दिखे वाहन; स्कूली बच्चे जैसे-तैसे पहुंचे स्कूल

अमेठी में घने कोहरे ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। सुबह के समय दृश्यता बेहद कम होने के कारण वाहनों की रफ्तार धीमी हो गई है। स्कूली बच्चे भी कोहरे के कारण परेशान हैं। उन्हें स्कूल पहुंचने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कोहरे की वजह से एक घंटे की दूरी तय करने में तीन घंटे लग रहे हैं।

By Jagran News Edited By: Abhishek Pandey Updated: Mon, 04 Nov 2024 09:06 AM (IST)
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घने कोहरे में स्कूल जाते बच्चे (फोटो -जागरण)
जागरण संवाददाता अमेठी। दीपावली में तीन दिन बाद ही मौसम ने करवट बदली है। सोमवार को मौसम के पहले कोहरे ने दस्तक दी। सुबह आठ बजे तक घना कोहरा देखा गया। ठंड के इस सीजन में पहले दिन कोहरा देख सकते में आए वाहन चालक असहज हो गए। विजिविलिटी कम होने के कारण फर्राटा भर क्षण भर में अपने गंतव्य तक पहुंचने वाले वाहन सड़को पर रेंगते दिखे। सबसे ज्यादा दिक्कत स्कूली बच्चों को हुई।

अमेठी में सोमवार को सुबह घने कोहरे के चलते जन-जीवन अस्त व्यस्त रहा। इस दौरान दृष्यता बेहद कम रही। लोगों को थोड़ी दूर तक भी दिखाई देना मुश्किल रहा। दिन में भी वाहन चालकों को गाड़ी की लाइट जलाकर चलना पड़ा। वहीं तापमान में गिरावट के बीच ठंड से लोग घरों से बाहर कम ही निकले।

रविवार देर रात बदला मौसम का मिजाज

रविवार देर रात से ही अचानक मौसम का मिजाज बदल गया और कोहरा छा गया। सुबह के समय कोहरा इतना घना था कि तीन मीटर की दूरी पर भी कुछ साफ नहीं दिखाई दे रहा था। कोहरे की वजह से वाहनों की रफ्तार धीमी हो गई। चालक एक दूसरे वाहन के पीछे लाइट के सहारे रेंगते रहे। जिन चालकों को ऐसा लगा कि वह कोहरे का सामना नहीं कर पाएंगे।

वह सड़क के किनारे वाहन को खड़ा कर रुक गए। इससे आम लोगों को भी परेशानी हुई। ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों ने कोहरा के बीच ठंड से राहत के लिए अलाव का सहारा लिया। करीब आठ बजे तक घना कोहरा छाया रहा। बीते एक पखवारे से महसूस हो रही गुलाबी ठंड ने करवट बदली तो सुबह शाम लोग हाफ स्वेटर पर उतर आए। घर के बक्शे की शोभा बढ़ा रही रजाईयां भी बीते एक सप्ताह पहले बाहर निकलना शुरू हो गई हैं।

स्कूली बच्चों को हुई परेशानियां

सोमवार को कोहरे पड़ने के कारण स्कूल निकलने वाले बच्चों की जान को जोखिम बना रहा। सुबह कुहरे की धुंध से सड़क पर तीन मीटर भी सा़फ नहीं दिखाई देने के बावजूद बच्चे स्कूल वाहनों, साइकिलों से या पैदल विद्यालयों की राह पकड़ रहे थे। गांवों में पढ़ने वाले बच्चों की राह थोड़ी आसान है।

वही जिन्हे विशेषरगंज, बड़गांव, कालिकन, टीकरमाफी, मिश्रौली, सहजीपुर, ठेंगहा स्थित स्कूलों पर जाना है उन्हें कोहरे के कारण दुर्घटना का जोखिम बना रहा। संग्रामपुर क्षेत्र के विभिन्न गांवों से हजारों की संख्या में विद्यार्थी अमेठी के अलावा रामनगर तक पढ़ने जाते हैं। नौ बजे से संचालित विद्यालयों के वाहन गांवों के बच्चों को लेने सुबह सात बजे ही पहुंच जाते हैं। साइकिल से स्कूल जाने वाले विद्यार्थियों को आठ बजे तक घने कोहरे में घर से निकलना पड़ रहा है।

तीन गुना लगा समय

दिन में घने कोहरे के चलते लोगों को थोड़ी दूरी तय करने में भी घंटों लगे। अखबार वितरक अनिल कुमार, भोला नाथ, दिनेश ने बताया कि कोहरे के चलते वाहनों की रफ्तार बेहद कम रही। कई जगह तो दृष्यता इतनी कम थी कि लोगों को वाहन रोकने तक पड़ रहे थे। बाजारों में भी सन्नाटा पसरा दिखाई दिया। वही बताया कि कोहरे की वजह से एक घंटे की दूरी तीन घंटे में तय की।

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