Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

SDM के नाम से रिश्वत मांग रहा था पेशकार, जैसे ही पकड़े नोट पहुंच गई एंटी करप्शन की टीम, मची खलबली

अमेठी में एंटी करप्शन टीम ने एसडीएम के पेशकार योगेंद्र श्रीवास्तव को न्यायालय में 5 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। पेशकार ने वादी से तारीख जल्दी-जल्दी लगाकर स्टे खारिज कराने के नाम पर रिश्वत मांगी थी। एंटी करप्शन टीम ने पीड़ित की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पेशकार को रंगे हाथ गिरफ्तार किया और मुंशीगंज थाने ले गई। कार्रवाई से प्रशासनिक महकमे में खलबली मच गई है।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Tue, 10 Sep 2024 03:06 AM (IST)
Hero Image
पुलिस गिरफ्त में रिश्वत लेने का आरोपी पेशकार। जागरण

संवाद सूत्र, अमेठी। अमेठी तहसील में एंटी करप्शन टीम ने एसडीएम के पेशकार को न्यायालय में पांच हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। रिश्वत लेते पकड़े गए पेशकार को टीम मुंशीगंज थाने ले गई। जहां पर पूछताछ के बाद विधिक कार्रवाई की गई। एंटी करप्शन टीम की कार्रवाई के बाद प्रशासनिक महकमे में खलबली मच गई है।

यह है पूरा मामला

संग्रामपुर के बबुरी ठेंगहा निवासी बुधिराम बनाम राम करन का एसडीएम न्यायालय में वाद चल रहा है। वादी के पक्ष में तारीख जल्दी-जल्दी लगाकर स्टे खारिज कराने के नाम पर पेशकार योगेंद्र श्रीवास्तव ने पांच हजार रुपये रिश्वत मांगी थी। 

सोमवार को तारीख के दौरान पीड़ित को न्यायालय पहुंचकर पेशकार को पांच हजार रुपये देने थे। रुपये देने से पहले वादी के भतीजे ने अयोध्या की एंटी करप्शन टीम से शिकायत की थी। 

एंटी करप्शन टीम अयोध्या के प्रभारी राय साहब द्विवेदी के नेतृत्व में सोमवार दोपहर एक बजे एसडीएम न्यायालय पहुंची। जैसे ही पीड़ित ने पेशकार को रिश्वत में पांच हजार रुपये दिए। वैसे ही टीम ने पेशकार को दबोच लिया। 

एंटी करप्शन टीम आरोपी को मुंशीगंज थाने लेकर चली गई। अमेठी एसडीएम आशीष कुमार सिंह का कहना है कि जानकारी मिली है। पेशकार योगेश श्रीवास्तव को एंटी करप्शन टीम ने रिश्वत लेने के आरोप में पकड़ा है।

एसडीएम के नाम से रिश्वत की मांग

पीड़ित राम करन के भतीजे रविकांत उर्फ संतोष ने बताया कि पड़ोसी कई वर्ष से परेशान कर रहे थे। तीन बार अलग-अलग जगहों पर स्टे खारिज हो चुका था। बिना मतलब परेशान किया जा रहा है। मकान के दूसरी मंजिल पर छत नहीं डाल पा रहे हैं। कोई अधिकारी मामले के निस्तारण करने के लिए तैयार नहीं था। पेशकार लगातार एसडीएम के नाम से रिश्वत की मांग करता था।

यह भी पढ़ें: वाह री यूपी पुलिस! निर्दोष को ही भेज दिया जेल, थानेदार का दावा- मेरा 30 साल का अनुभव

यह भी पढ़ें: यूपी को कृषि उत्पादन में आगे बढ़ाने की योगी सरकार की रणनीति, अब कम उत्पादन वाले बुंदेलखंड व पूर्वांचल पर फोकस