सड़क के गड्ढों में 'विकास' के दावे, चोटिल हो रहे राहगीर
जोखिम में राहगीरों की जान रेलवे स्टेशन पहुंचने की दिक्कत। करीब पांच किलोमीटर तक सड़क पर चलना बेहद मुश्किल हुआ। इस मार्ग से दर्जनों गांव जुड़े हैं।
अमेठी : जब सड़कों की हालत ही खस्ताहाल हो तो विकास का सपना देखना बेमायने होगा। शासन, प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के स्तर पर किए जाने वाले दावे सुनने में भले अच्छे लगें, मगर हकीकत इसके विपरीत है। इसका सटीक उदाहरण रेलवे स्टेशन मार्ग है, जो कि लंबे समय से बदहाल है। इस मार्ग पर आवागमन करना जोखिम भरा है। यह मार्ग रानी का पुरवा, खैराना, सूबेदार का पुरवा सहित दर्जनों गांवों और पड़ोसी जनपद के डीह ब्लाक को भी जिले से जोड़ता है।
सड़क की मरम्मतीकरण का कार्य सिर्फ इस वजह से अधर में है, क्योंकि विभाग के अलावा जनप्रतिनिधि भी सुध नहीं ले रहे हैं। करीब पांच किलोमीटर तक गड्ढों में तब्दील हो चुके इस मार्ग पर रोजाना राहगीर गिरकर चोटिल हो रहे हैं। दिनभर इस मार्ग पर धूल का गुबार बना रहता है। वहीं, हल्की बरसात में भी सड़क पर जलभराव हो जाता है, जो कि कई दिनों तक बना रहता है। फिर भी इस सड़क को दुरुस्त कराने में कोई भी जिम्मेदार रुचि नहीं ले रहा है। शायद विभाग को किसी बड़ी अनहोनी का इंतजार है।
अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग राकेश चौधरी ने बताया कि इस सड़क को कार्य योजना में शामिल किया गया है। मौसम साफ होते ही सड़क को दुरुस्त कराया जाएगा।
छलका लोगों का दर्द :
ग्रामीण मेवालाल ने बताया कि सड़क पर जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं। आवागमन में बहुत ही दिक्कत होती है। आसिफ ने बताया कि काफी समय से सड़क बदहाल है। आसिफ ने बताया कि हम लोगों की परेशानी किसी को दिखाई नहीं देती। कई बार सड़क को ठीक कराने के लिए शिकायत की गई। राम किशोर ने बताया कि सड़क पर चलना खतरे से खाली नहीं है। कई बार दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। क्षेत्र के सलीम, रघुनाथ और इब्राइल आदि लोगों ने इस सड़क को गड्ढामुक्त करने की मांग शासन से की है।