पूनम की बेवफाई से डिप्रेशन में आ गया था प्रेमी चंदन, पति ने ही कहा था- दूरी बना लो वरना…
अमेठी में दिल दहला देने वाले हत्याकांड में नया खुलासा हुआ है। शिक्षक सुनील कुमार अपनी पत्नी के प्रेम प्रसंग से अवसाद ग्रस्त थे। पत्नी पूनम ने चंदन वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी लेकिन चंदन ने पूनम से दूरी बनाने के बाद भी शिक्षक और उसके परिवार की हत्या कर दी। बताया गया कि सुनील के कहने पर ही पूनम ने चंदन से दूरी बनाई थी।
संवाद सूत्र, अमेठी। पत्नी के प्रेम प्रसंग को लेकर शिक्षक बीते कई माह से अवसाद ग्रस्त था। स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के बाद वह खाली समय एकांत में बैठना पसंद करते थे। नौकरी से त्यागपत्र देने की बात पर पत्नी ने चंदन वर्मा से दूरी बनाई थी।
रायबरेली शहर के आवास पर जब सुनील की पत्नी बच्चों के साथ रह रही थी। तब अक्सर चंदन वर्मा के साथ पत्नी के प्रेम प्रसंग की बातें उसके परिचित लोग करते थे। यही नहीं सोशल मीडिया पर भी काफी कुछ शिक्षक को दिख जाता था, जिसे लेकर वह बुरी तरह अशांत रहता था।
इसी के चलते सुनील ने बीते जुलाई में अहोरवा भवानी में सत्यव्रत उर्फ मुन्ना अवस्थी के मकान को किराए पर लेकर परिवार सहित रहना शुरू किया था। पांच वर्षीय बड़ी पुत्री सृष्टि का दाखिला प्रतिष्ठित विद्यालय में करवाया था।
इसके बाद शिक्षक सुनील ने राहत की सांस ली थी कि शायद अब चंदन वर्मा से उसकी आशनाई छूट जाए, लेकिन दुर्भाग्य ने पीछा नहीं छोड़ा और चंदन वर्मा अहोरवा भवानी तक पहुंच गया।
चंदन ने पानी की तरह रुपये खर्चे
बताते हैं कि पूनम की आशिकी में चंदन वर्मा ने पानी की तरह रुपये खर्च किए थे। पत्नी के प्रेम प्रसंग से अवसाद में चल रहे शिक्षक ने चिकित्सीय अवकाश ले लिया। पत्नी की हरकतों से तंग आ चुके शिक्षक ने नौकरी से त्यागपत्र देने की बात कही थी।
नौकरी छोड़ने की बात पर पूनम ने अपने में सुधार लाने का वादा किया और अगस्त में पूनम के द्वारा चंदन के ऊपर एफआईआर दर्ज कराई गई थी। एफआईआर होने के बाद चंदन वर्मा चार बार अहोरवा भवानी मिलने आया, लेकिन पूनम ने उससे दूरी बना ली थी।
पूनम के विरह में चंदन भी डिप्रेशन में आ गया और उसे हैवानियत सवार हो गई, जिसके परिणाम स्वरूप शिक्षक सुनील कुमार की पूरे परिवार समेत हत्या कर दी।
नहीं भूल पा रहे हत्याकांड
जिस मकान में शिक्षक सुनील का परिवार रह रहा था। उसी मकान में संचालित मेडिकल स्टोर के मालिक राम मनोहर यादव बताते हैं कि मुझे आज भी यदि रात में गुरुवार शाम की हुई वारदात की याद आ जाती है, तो आंखों की नींद गायब हो जाती है। घटना के बाद पुलिस के साथ अंदर जाने वाले उदय सिंह बताते हैं कि गोलियां लगने के बाद खून से लथपथ शव देखने के बाद घटना के पांच दिन बाद भी मन अशांत है।
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