Sawan 2023: झल्लेश्वर महादेव मंदिर में है भक्तों की असीम आस्था, 400 साल से अधिक पुराना है मंदिर का इतिहास
अमेठी जनपद के तिलोई विकास खंड में स्थित सिंहपुर कस्बे के गडरिया डीह गांव के पास स्थित झल्लेश्वर महादेव मंदिर में भक्तों की असीम आस्था है। मंदिर के पड़ोस में ही एक सुंदर सा तालाब है। उसमें कमल के फूल खिले रहते हैं। सावन माह में प्रतिदिन दूर-दूर से भक्त जलाभिषेक करने के लिए यहां आते हैं। विशेषकर सावन और शिवरात्रि के दिन भक्तजनों का तांता लगा रहता है।
By Riya.PandeyEdited By: Riya.PandeyUpdated: Tue, 04 Jul 2023 04:34 PM (IST)
संवाद सूत्र, सिंहपुर, (अमेठी): अमेठी जनपद के तिलोई विकास खंड में स्थित सिंहपुर कस्बे के गडरिया डीह गांव के पास स्थित झल्लेश्वर महादेव मंदिर में भक्तों की असीम आस्था है। मंदिर के पड़ोस में ही एक सुंदर सा तालाब है। उसमें कमल के फूल खिले रहते हैं।
मंदिर पुराना होने के कारण काफी जर्जर हो गया था तो आसपास के ग्रामीणों ने चंदा लगाकर दो साल पहले जीर्णोधार कराया। सावन माह में प्रतिदिन दूर-दूर से भक्त जलाभिषेक करने के लिए यहां आते हैं। विशेष रूप से सावन के महीने में और शिवरात्रि के दिन भक्तजनों का तांता लगा रहता है।
मंदिर का इतिहास
झल्लेश्वर मंदिर का इतिहास 400 साल से अधिक पुराना है। मुगल कालीन इस मंदिर के बारे में जो जानकारी उपलब्ध है उसके अनुसार मंदिर में स्थापित शिवलिंग स्वयंभू है। बताते हैं कि यहां पहले बड़ा जंगल था और इसी जंगल में प्रकट इस शिवलिंग के किनारों से जल रिसता था इसलिए इसका जलेश्वर महादेव नाम पड़ गया। बाद में इसी का अपभ्रंस झल्लेश्वर महादेव नाम पड़ गया। शिवलिंग के प्राकट्य से अब लगभग छह बार मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया है।झल्लेश्वर महादेव मंदिर में स्थित शिवलिंग पर हम लोगों की बहुत आस्था है। बचपन से ही यहां पर जलाभिषेक करते आए हैं और भगवान भोलेनाथ की कृपा से हम लोगों का कभी कोई अनिष्ट नहीं हुआ है। जब भी हम किसी समस्या से निपट पाने में अपने आपको असहज पाते हैं तो झल्लेस्वर महादेव पर सब छोड़ देते हैं और फिर क्या... सब अच्छा हो जाता है।
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