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Amethi News: दान की भूमि में बने स्कूल को 14 साल से रास्ते का इंतजार, नरायनपुर अग्रेसर में बना है उच्च प्राथमिक विद्यालय

अमेठी (Amethi News) के नारायणपुर अग्रेसर गांव में दान की जमीन पर बना उच्च प्राथमिक विद्यालय 14 साल से सड़क के इंतजार में है। स्कूल तक पहुंचने के लिए बच्चों और शिक्षकों को कीचड़ और पानी से होकर गुजरना पड़ता है। ग्रामीणों ने स्कूल के लिए जमीन दान की थी लेकिन अब तक सड़क नहीं बनने से उनका सपना अधूरा है।

By ashutosh tiwari Edited By: Nitesh Srivastava Updated: Thu, 07 Nov 2024 02:13 PM (IST)
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स्कूल में फैला कीचड़ व जलजमाव : जागरण
आशुतोष तिवारी, जागरण, रामगंज (अमेठी)। नरायनपुर अग्रेसर गांव में दान की भूमि में बना उच्च प्राथमिक विद्यालय को 14 साल बाद भी रास्ता नसीब नहीं हो सका है। स्कूल पहुंचने के लिए नौनिहालों व शिक्षकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। नौनिहाल बरसात के मौसम में कीचड़ व पानी से होकर स्कूल आने-जाने को विवश हैं।

इन्होंने स्कूल को दान की थी भूमि

तत्कालीन ग्राम प्रधान अरुणा सिंह के कार्यकाल में गांव के कालू राम, राकेश वर्मा ने वर्ष 2007 में अपने अपने खाते से छह विस्वा भूमि स्कूल बनने के लिए दान की थी। उनकी मंशा थी कि गांव के साथ अगल बगल के गांवों के लोगों को घर के करीब शिक्षा मिल सके स्कूल 2010 में बनकर हैंडोवर हुआ। लेकिन, अब तक स्कूल आवागमन का रास्ता न होने से दानवीरों का सपना साकार नहीं हो सका है।

रास्ते में ये बने हैं बाधक

स्कूल भवन के चारों तरफ काशीराम कोरी, पृथ्वी पाल वर्मा, अग्रेसर की खाते की जमीन है, जिसमें धान की फसल है। उनके बगल संतोष सिंह सोनारी की बाग है। इन लोगों की जमीन से स्कूल घिरा है। तीन वर्ष पहले इस स्कूल में ममता सिंह की नियुक्ति प्रधानाध्यापक पद पर हुई। उनकी तैनाती के बाद यह विद्यालय आज पढ़ाई, अनुशासन, भौतिक वातावरण और संसाधन की बदौलत ब्लाक ही नहीं जिले में अपनी अलग पहचान बना चुका है।

स्कूल में गांव के युवाओं को विद्यालय में वालंटियर के तौर पर जोड़कर शैक्षिक वातावरण को उच्च किया गया। मित्रों से आर्थिक सहयोग लेकर विद्यालय के भौतिक वातावरण में आश्चर्य जनक परिवर्तन किया गया। 2021 में दस वर्ष पूरा होने पर यहां 96 बच्चों का नामांकन हुआ था। आज यहां 102 बच्चे नामांकित हैं, जिनकी उपस्थिति दर औसतन 92 प्रतिशत रहती है।

गड्ढे से होती है स्कूल के रास्ते की पहचान

विद्यालय जाने वाले मार्ग पर बड़े-बड़े गड्ढे बने हैं। उसमें गंदा पानी भरा रह्ता। कई बार छात्र-छात्राएं स्कूल आने जाने के दौरान कीचड़ में फिसल कर गिर चुके हैं। अब रास्ता न होने से अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने में अब कतराने लगे हैं। शिकायत के बाद भी अधिकारी और जनप्रतिनिधि इस समस्याओं की तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं।

लाखों की लागत से बना स्कूल

स्कूल बनने के लिए पांच लाख रुपये आवंटित हुए थे। उसी के बगल बने आंगनबाड़ी केंद्र दो लाख 25 हजार से बनकर तैयार हुआ हैं। प्रधानाध्यापक ममता सिंह ने बताया कि विद्यालय में उनकी ही तैनाती है। सड़क न होने व शिक्षकों की कमी से दिक्कत होती है। बीइओ शिवकुमार यादव ने बताया कि सड़क निर्माण के लिए शासन से पत्राचार किया गया हैं।

रास्ता बनवाने की होगी पहल

उप जिलाधिकारी अमेठी आशीष सिंह ने कहा कि स्कूल का रास्ता बनवाने की जल्द ही पहल की जाएगी। विद्यालय में और भी विकास कार्य कराए जाएंगे।

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