Amroha News: दरवाजा खोला तो मंजर देख कर आंखों में छा गया अंधेरा...रोते हुए रईसुद्दीन के भाई गबरुद्दीन ने बताया कमरे का मंजर
Amroha Tragic Accident ट्रक चालक रईसुद्दीन के परिवार में पत्नी व तीन बच्चे 16 वर्षीय जैद 11 वर्षीय माहिर व 18 वर्षीय बेटी सोनम हैं। वह काशीपुर (उत्तराखंड) में ट्रक चलाते हैं। रविवार को वह घर से काम पर गए थे। उसी दिन उनके साले रियासत 13 वर्षीय बेटी महक को लेकर आ गए। एक दिन पहले ही पत्नी हुस्नजहां बहन की पांच वर्षीय बेटी कशिश को लेकर आई थीं।
जागरण टीम, ढक्का मोड़/हसनपुर। दिनभर घर में चहल-पहल रहती थी, दो दिन से बच्चों के साथ मेहमान भी आए थे। परंतु न तो घर का गेट ही खुला तथा न कोई चहल-पहल। मंगलवार शाम लगभग पांच बजे रईसुद्दीन के छोटे भाई गबरुद्दीन उधर से गुजरे तो शक हुआ।
आवाज लगाने पर भी कोई जवाब नहीं मिला। पास में स्थित छोटे भाई अशफाक के घर से होकर रईसुद्दीन के मकान में कूदे। भीतर कमरे का दरवाजा खोल कर मंजर देखा तो आंखों के आगे अंधेरा छा गया। सात लोग चारपाइयों में अलग-अलग अचेत पड़े थे। उनके मुंह से झाग निकल रहे थे।
यह घटनाक्रम रईसुद्दीन के भाई गबरूद्दीन ने दैनिक जागरण को बताया। वही मुहल्ले के लोगों के साथ सबसे पहले घर में पहुंचे थे। गांव ढक्का मोड़ निवासी हाजी फत्तू के पांच बेटे अली वारिस, रईसुद्दीन, गबरूद्दीन, निजामुद्दीन व अशफाक हैं। पांचों भाई ट्रक चालक हैं। उनके घर भी आसपास ही हैं। अली वारिस, गबरूद्दीन व अशफाक तो इन दिनों घर ही हैं। परंतु रविवार को रईसुद्दीन ट्रक लेकर काशीपुर गए थे। उनके भाई निजामुद्दीन भी ट्रक लेकर गए हुए हैं। रईसुद्दीन का मकान ज्यादा बड़ा नहीं है।
Rea Also: Amroha : रात में घर में सोए थे 7 लोग, सुबह 5 लोगों की हो चुकी थी मौत- लोग जब घर में घुसे तो रह गए हक्का-बक्काबाहर मुख्य गेट है तथा भीतर आंगन के साथ दो कमरे हैं। घर पर इन दिनों पत्नी हुस्न जहां, बड़ी बेटी सोनम, बेटा जैद व माहिर थे। उनकी ससुराल हसनपुर के गांव सिहाली जागीर की है। रविवार को दोपहर बाद उनका मूक बधिर साला रियासत सर्दी का मौसम होने पर बहन के घर ठेली में लकड़ी लाद कर पहुंचाने आया था। बच्चों के साथ रियासत भी बहन के घर रुका हुआ था। सोमवार रात को सभी लोग परात में कोयला जलाकर एक ही कमरे में सो गए थे। रात में धुआं से दम घुटने से पांच बच्चों की मौत हो गई।
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मंगलवार शाम जब गबरुद्दीन उधर से गुजरे तो घर में चहल-पहल न देख कर शक हुआ। उन्होंने दरवाजे पर आवाज लगाई तो कोई जवाब नहीं मिला। किसी अनहोनी की आशंका के चलते वह पास में रहने वाले छोटे भाई अशफाक के घर पहुंचे तथा सारी बात बताई। अशफाक व गबरुद्दीन ने मुहल्ले के लोगों को बुलाया तथा सीढ़ियों के सहारे छत पर पहुंच कर रईसुद्दीन के घर में कूदे।
आंगन में सन्नाटा पसरा था तथा कमरे का दरवाजा भी बंद था। दरवाजा खोलने की कोशिश तो वह भीतर से बंद था। सीढ़ी लाकर एक बच्चे को कमरे के वेंटीलेटर का शीशा तोड़कर भीतर उतारा। उसने अंदर से दरवाजा खोला। भीतर का नजारा देख कर सबसे होश उड़ गए। गबरूद्दीन व अशफाक लगभग बेहोश होकर वहीं गिर पड़े। उसके बाद ही सभी को चिकित्सकों के यहां ले गए।
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