Move to Jagran APP

यूपी के अमरोहा का ऐसा गांव जिसकी सफाई के आगे शहर की चमक फीकी; ग्राम प्रधान के प्रयास ने दिलाई अनूठी पहचान

Amroha Village गांव के विकास के लिए धनराशि मिलने पर ग्रामीणों की राय से उसे खर्च किया गया। हर घर से कूड़ा एकत्र करने के लिए ई-रिक्शा खरीदा। कूड़ा एकत्र करने के लिए दो लोगों को लगाया। इसके अलावा कूड़ा संग्रह केंद्र भी बनवाया। यहां दोनों कर्मी प्लास्टिक व पॉलीथिन आदि की छंटाई करते हैं। इसे बेचकर उनकी मजदूरी निकलती है।

By Jagran NewsEdited By: Mohammed AmmarUpdated: Thu, 12 Oct 2023 06:13 PM (IST)
Hero Image
Amroha : धनौरा ब्लाक की ग्राम पंचायत ढ्योटी में बनी वर्मी कंपोस्ट यूनिट। जागरण
राहुल शर्मा,अमरोहा। अलग पहचान के लिए कुछ नया करना जरूरी है। यह तभी संभव है जब योजनाओं के साथ उनके बेहतर क्रियान्वयन की सोच भी हो। इसी से ग्राम ढ्योटी के प्रधान उधम सिंह ने स्वच्छता की ऐसी अलख जगाई कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प साकार होने की बधाई क्षेत्र में गूंज रही है।

जागरुकता की लहर में गांव का हर व्यक्ति तैर गया। कूड़ा डालने और प्लास्टिक कचरे को लेकर बदली आदत से गांव निखर गया है। स्वच्छता के प्रयासों में रोजगार की राह भी खुली है। तेजी से जिले के फलक पर आए इस पंचायत में राष्ट्रीय स्वच्छ सर्वेक्षण की कवायद भी चल रही है।

साढ़े सात हजार की आबादी 

स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत ओडीएफ प्लस के लिए सरकार ने कई ग्रामों का चयन किया है। लेकिन, धनौरा ब्लाक की करीब साढ़े सात हजार की आबादी वाली ग्राम पंचायत ढ्योटी ने प्रधान के प्रयासों ने अपनी अलग पहचान बनाई है।

यह भी पढ़ें - Bijli Vibhag : यूपी के इस जिले में चेकिंग करने गई बिजली टीम को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा; वीडियो हुआ वायरल

विकास कार्यों को मिले 38 लाख रुपये में 28 लाख गांव को स्वच्छ बनाने में खर्च किए गए हैं। एक साल पहले तक गांव में सड़कों के किनारे कूड़ा, नालियों में गोबर बहता था। अब हर घर से कूड़ा उठाया जाता है। नालियों की नियमित सफाई की जाती है।

प्रधान के प्रयास, ग्रामीणों बने जागरूक

गांव के विकास के लिए धनराशि मिलने पर ग्रामीणों की राय से उसे खर्च किया गया। हर घर से कूड़ा एकत्र करने के लिए ई-रिक्शा खरीदा। कूड़ा एकत्र करने के लिए दो लोगों को लगाया। इसके अलावा कूड़ा संग्रह केंद्र भी बनवाया। यहां दोनों कर्मी प्लास्टिक व पॉलीथिन आदि की छंटाई करते हैं। इसे बेचकर उनकी मजदूरी निकलती है। महीने में प्रत्येक घर से उनको 20-20 रुपये भी दिलाए जाते हैं। पंचायत भी उनको दो-दो हजार रुपये का भुगतान करती है।

गोबर से लेकर केंचुए सभी का हो रहा सही प्रयोग

गोबर से वर्मी कंपोस्ट बनाने के लिए 26 पिट बनवाई गईं। ग्रामीणो से अपील की गई, वह गोबर इधर-उधर फेंकने के बजाए उसे ग्राम पंचायत को बेचें। पंचायत उनसे 50 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गोबर खरीदती है। जो ग्रामीण खेती करते हैं, उनको एक क्विंटल गोबर के बदले 10 किलो वर्मी कंपोस्ट दिया जाता है।

वर्मी कंपोस्ट तैयार करने के लिए समूह की महिलाओं को जोड़ा गया है। इसके बदले उनको 10 किलो वर्मी कंपोस्ट दिया जाता है। एक क्विंटल गोबर में 30 किलो वर्मी कंपोस्ट तैयार होता है। जिसमें 10 किलो ग्रामीण, 10 किलो पंचायत व 10 किलो समूह का होता है। पंचायत का खाद भी समूह को दे दिया जाता है। केंचुए 300 रुपये किलो समूह की महिलाएं बेचती हैं।

पुरस्कार राशि से बनवाई लाइब्रेरी

ग्राम पंचायत को चार माह पहले मुख्यमंत्री पुरस्कार मिला था। इसके साथ दो लाख रुपये मिले। इस धनराशि से बच्चों के पढ़ने के लिए लाइब्रेरी का निर्माण कराया गया है। इसके अलावा दो अमृत सरोवर बनवाए हैं। इनमें स्वच्छ पानी है और उसके चारों तरफ पौधारोपण किया गया है। करीब चार बीघा का एक पार्क बनाया गया है। करीब पांच बीघा जमीन में बगीचा बनाया गया है। जिसमें फलदार, छायादार पौधों की नर्सरी तैयारी की गई है।

शौचालयों के गंदे पानी को रोकने के लिए फिल्टर चैंबर बनाए गए हैं। इंडिया मार्का हैंडपंप पर शॉक किट बनवाए गए हैं। प्रत्येक परिवार के घर में बिजली कनेक्शन कराया गया है। मनरेगा से बच्चों के लिए खेल मैदान बनाया गया है। गांव की हर सड़क पक्की है।

प्रधानमंत्री मोदी बने प्रेरणा

ग्राम प्रधान उधम सिंह बताते हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्वच्छता पर विशेष जोर दे रहे हैं। उनकी प्रेरणा से ही गांव में स्वच्छता के लिए काम कराने के बारे में सोचा। ग्रामीणों ने भी पूरा सहयोग किया है। उम्मीद है कि गांव का राष्ट्रीय स्तर पर भी चयन होगा।

ढ्याेटी ग्राम पंचायत में जनसहयोग से सबसे अच्छा काम कराया गया है। मुख्यमंत्री पुरस्कार मिलने के बाद ग्राम पंचायत का नाम राष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए केंद्र सरकार को भेजा गया था। चार अगस्त को केंद्रीय टीम गांव में स्वच्छता के प्रयासों का जायजा ले चुकी है।

पारुल सिसौदिया, डीपीआरओ

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।