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झांसी हादसे के बाद यूपी के इस जिले में प्रशासन अलर्ट, अस्पताल के वार्ड से दूर कराए गैस सिलिंडर- ताबड़तोड़ मारे छापे

सुबह करीब दस बजे जागरण टीम जोया रोड किनारे स्थित जिला संयुक्त चिकित्सालय पहुंचे। यहां पर सबसे पहले फायर हाइड्रेंड की स्थिति देखी। सभी हाइड्रेंड सही पाए गए। इसके बाद उपकरणों का जायजा लिया। प्रत्येक उपकरण चालू अवस्था में मिला। आग बुझाने के लिए अग्निशमन यंत्र भी सही पाए गए। इसके बाद टीम कलक्ट्रेट पहुंची। यहां तो स्थिति बिल्कुल जुदा थी।

By Rahul Kumar Edited By: Mohammed Ammar Updated: Sun, 17 Nov 2024 04:44 PM (IST)
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जिला अस्पताल में अग्निशमन यंत्र व उपकरण सही तो कलक्ट्रेट में मिले खराब
जागरण संवाददाता, अमरोहा। झांसी में आग लगने से दस नवजातों की मृत्यु के बाद जनपद के अस्पतालों के अधिकारी व कर्मचारी अलर्ट हो गए हैं। जिला संयुक्त चिकित्सालय में वार्ड में गैस सिलिंडर रखने पर रोक लगा दी गई है।

इसके अतिरिक्त सीएमएस प्रेमापंत त्रिपाठी ने अग्निशमन यंत्रों की जांच भी कराई है। जिसमें सब ठीक पाए गए हैं। शनिवार को जागरण टीम ने जिला अस्पताल व कलक्ट्रेट में मौजूद अग्निशमन यंत्रों की पड़ताल की तो अलग ही नजारा देखने को मिला। अस्पताल में तो सबकुछ ठीक था लेकिन, कलक्ट्रेट में अग्निशमन उपकरण खराब मिले।

सीएमएस ने परखी व्यवस्थाएं

सुबह करीब दस बजे जागरण टीम जोया रोड किनारे स्थित जिला संयुक्त चिकित्सालय पहुंचे। यहां पर सबसे पहले फायर हाइड्रेंड की स्थिति देखी। सभी हाइड्रेंड सही पाए गए। इसके बाद उपकरणों का जायजा लिया। प्रत्येक उपकरण चालू अवस्था में मिला। आग बुझाने के लिए अग्निशमन यंत्र भी सही पाए गए।

इसके बाद टीम कलक्ट्रेट पहुंची। यहां तो स्थिति बिल्कुल जुदा थी। फायर हाइड्रेंड चालू अवस्था में थे लेकिन, उपकरण बिल्कुल खराब थे। किसी का बाक्स टूटा था तो पानी की पाइपलाइन तक गायब थी। यदि कलक्ट्रेट में आग लग जाए तो उसको बुझाने के लिए कर्मचारी उपकरणों का रोना रोते नजर आएंगे। यहां सिलिंडर एक्सपायर नहीं थे। सभी चालू थे।

सतर्कता बरतने के दिए निर्देश

स्टाफ को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। वार्ड में गैस सिलिंडर रखने पर रोक लगा दी गई है क्योंकि, अस्पताल में आक्सीजन की कमी नहीं है। यहां तो प्लांट भी चालू अवस्था में है।

करीब एक माह पहले लखनऊ से एडी हेल्थ व फायर विभाग के अधिकारी आडिट के लिए आए थे। जो कमियां उन्होंने बताई थीं, उनको पूरा कर लिया गया है। चार माह पहले माक डि्रल भी अस्पताल में किया गया था। अब फायर विभाग के अधिकारियों से बातचीत कर दोबारा माक ड्रिल कराया जाएगा। ताकि, कर्मचारी भी आग से बचाव के तौर-तरीके जान सकें।

प्रेमापंत त्रिपाठी, सीएमएम जिला संयुक्त चिकित्सालय

प्रत्येक विभाग को पत्र जारी कराया जा रहा है कि वह अपने कार्यालयों का फायर आडिट अवश्य कराएं। उसमें जो भी कमियां मिलें उनको दूर कराने का कार्य करें। कलक्ट्रेट में भी आडिट कराया जाएगा। प्रत्येक उपकरण को सही कराने का काम होगा। कर्मियों को भी आग से बचाव का प्रशिक्षण दिलाया जाएगा।

निधि गुप्ता वत्स, डीएम

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