Amroha News : मरने से पहले हर पत्र पर लिखा- मेरी मौत की जिम्मेदार बीएसए होंगी- पढ़ने के बाद जांच टीम भी आ गई सकते में
प्रधानाध्यापक द्वारा खुदकुशी की घटना करने के बाद स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे भी सहमे हुए हैं। मंगलवार के दिन घटना हुई। फिर बुधवार को दो अक्टूबर को अवकाश रहा। अब गुरुवार को स्कूल खुला तो मात्र 15 बच्चे ही पढ़ने के लिए पहुंचे। जबकि यहां पर 430 बच्चे पंजीकृत हैं। उधर शिक्षक व बच्चों की हाजिरी लगाने वाले रजिस्टर भी पुलिस के कब्जे में हैं।
अनिल अवस्थी, अमरोहा। स्कूल कक्ष में प्रधानाध्यापक की आत्महत्या की वजहों से परदा उठने लगा है। इसी के साथ आरोपित शिक्षक दंपति संग बीएसए की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं। उत्पीड़न से त्रस्त प्रधानाध्यापक ने बीएसए को तीन-चार पत्र लिखे थे। उन्हाेंने उसके पत्रों का संज्ञान नहीं लिया। इन पत्रों की छायाप्रति पर आत्महत्या से पहले प्रधानाध्यापक ने पेन से लिखा था- मेरी मौत की जिम्मेदार बीएसए होंगी।
बीएसए को भेजे गए थे पत्र
जिलाधिकारी निधि गुप्ता की ओर से गठित चार सदस्यीय टीम ने सुल्तानठेर संविलियन विद्यालय में मंगलवार को प्रधानाध्यापक संजीव की आत्महत्या के प्रकरण की जांच शुरू कर दी है। गुरुवार को प्रधानाध्यापक का कमरा खोला गया तो कई सनसनीखेज राज बाहर आ गए। स्कूल की अलमारी में संजीव चार-पांच पत्रों की छायाप्रति मिली है। ये पत्र बीएसए को भेजे गए थे।
इनमें समय-समय पर शिक्षक दंपति द्वारा उसका उत्पीड़न किए जाने की बात लिखी गई थी। इसके साथ ही उसका स्थानांतरण अन्यत्र करने की गुहार लगाई गई थी। मगर किसी पत्र का बीएसए ने संज्ञान नहीं लिया था। इसके चलते आत्महत्या से पूर्व संजीव ने पत्रों की छायाप्रति पर पेन से स्पष्ट लिखा है कि- मेरी मौत की जिम्मेदार बीएसए होंगी। इन पत्रों को देखकर जांच टीम भी सकते में पड़ गई है।
प्रधानाध्यापक संजीव को प्रतिकूल प्रविष्टि दी थी
हालांकि टीम अभी इस प्रकरण को लेकर कुछ भी बताने को तैयार नहीं है। जांच में यह भी पता चला है कि बीते दिसंबर में इसी स्कूल में एक शिक्षिका निशू ने गले में सांप डालकर वीडियो बनवाई थी। ये वीडियो वायरल हाेने पर बीएसए ने शिक्षिका को निलंबित कर दिया था वहीं, प्रधानाध्यापक संजीव को प्रतिकूल प्रविष्टि दे दी थी। जबकि, सांप का स्वांग रचाने व वीडियो वायरल करने में आरोपित शिक्षक दंपति राघवेंद्र व सरिता की भूमिका थी।
जांच में यह भी सामने आया है कि जिले की सबसे अधिक छात्र संख्या का स्कूल होने के बावजूद बीएसए ने कभी इस स्कूल का निरीक्षण नहीं किया। प्रधानाध्यापक की शिकायतों को लेकर भी वह गंभीर नहीं हुईं। सूत्रों की मानें तो जांच टीम ने कक्ष से बरामद पत्रों को कब्जे में ले लिया है।
अलमारी में अभी और दस्तावेज मिलने की उम्मीद है। उल्लेखनीय है कि प्रधानाध्यापक के पास मिले सुसाइड नोट में उन्होंने पांच वर्षों से स्कूल में कार्यरत शिक्षक दंपति राघवेंद्र-सरिता पर गाली-गलौज करने, अपमानित करने व उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था। बीएसए डा. मोनिका पर कार्रवाई न करने की बात लिखी थी। प्रकरण की जांच सीबीआइ से कराने व 18 पेज का सुसाइड नोट रजिस्टर में लिखने की बात भी कही थी। अभी 18 पेज के रजिस्टर पर जांच अधिकारी कुछ भी स्पष्ट नहीं बता रहे हैं।
रिश्वत का भी लगाया आरोप
प्रधानाध्यापक संजीव कुमार के कुछ पत्रों पर यह भी लिखा है कि मेरी मौत का आदेश और मेरी ही मौत का स्पष्टीकरण। मैं यहां का प्रधानाध्यापक नहीं रहता चाहता हूं। पिछले साल भी तबादले की मांग की मगर, पैसे नहीं दिए तो तबादला भी नहीं हुआ। पुलिस क्षेत्राधिकारी स्वेताभ भास्कर ने बताया कि जो, रजिस्टर बरामद हुआ है उसे अभी पढ़ा नहीं है। बाकी उस रजिस्टर को सील कर फोरेंसिक जांच के लिए भी भेजा जाएगा।
अध्यापकों के दर्ज किए बयान
प्रधानाध्यापक संजीव कुमार खुदकुशी के मामले में गठित ने पहले घटनास्थल का मुआयना किया। फिर स्कूल में कार्यरत शिक्षकों के बयान दर्ज किए। उन्होंने स्कूल के आसपास रहने वाले ग्रामीणों से भी बातचीत की है। टीम में एडीएम न्यायिक मायाशंकर के अलावा सीडीओ एके मिश्र, एएसपी राजीव सिंह व डीआइओएस वीपी सिंह शामिल हैं।
430 में से सिर्फ 15 विद्यार्थी ही पहुंचे स्कूल
प्रधानाध्यापक द्वारा खुदकुशी की घटना करने के बाद स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे भी सहमे हुए हैं। मंगलवार के दिन घटना हुई। फिर बुधवार को दो अक्टूबर को अवकाश रहा। अब गुरुवार को स्कूल खुला तो मात्र 15 बच्चे ही पढ़ने के लिए पहुंचे। जबकि यहां पर 430 बच्चे पंजीकृत हैं।
उधर, शिक्षक व बच्चों की हाजिरी लगाने वाले रजिस्टर भी पुलिस के कब्जे में हैं। गुरुवार को हाजिरी भी नहीं लग सकी। बीईओ आरती गुप्ता भी स्कूल में पहुंचीं। उन्होंने शिक्षकों से कहा कि शुक्रवार से रजिस्टर आदि खरीदकर हाजिरी लगवाने का कार्य शुरू करें।
टीम ने स्कूल में पहुंचकर शिक्षक और ग्रामीणों के बयान दर्ज किए हैं। शिक्षकों ने बहुत कुछ नहीं बताया। सिर्फ इतना ही कहा कि विवाद की कोई जानकारी नहीं है। वह अलग कक्षाओं में पढ़ाते थे और हम अलग। बाकी रिकार्ड चेक किया गया तो 30 सितंबर तक सबकुछ ठीक मिला।
मायाशंकर, एडीएम न्यायिक, अमरोहा।
गांव में बनेगी सड़कें, गंदगी को साफ करवाया
गजरौला : गांव सुल्तानठेर में गंदगी का बुरा हाल है। जिस दिन वहां पर घटना हुई थी। उस दिन मुख्य मार्ग पर कीचड़ व गंदे पानी का जलभराव था। गुरुवार को उसे साफ कराया गया। सीडीओ अश्वनी मिश्रा ने निर्देश देते हुए कहा कि गांव की बदहाल सड़कों का जायजा लें और उन्हें बनवाने का काम करें। गांव की कुछ सड़क बनाने के लिए कार्ययोजना भी तैयार की है।