Move to Jagran APP

Amroha News : धरनास्थल पर बिगड़ी किसान की तबीयत, इलाज को ले जाते समय मौत- शव रखकर किसानों ने किया प्रदर्शन

भारतीय किसान यूनियन टिकैत के प्रदेश उपाध्यक्ष दानवीर सिंह समेत तमाम लोग धरना स्थल पर आ गए और मृतक के स्वजन को 50 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग शुरू कर दी। किसानों की भीड़ बढ़ने की खबर मिलते ही पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों में खलबली मच गई। तहसीलदार सदर हेमंत कुमार के बाद एसडीएम सदर सुधीर कुमार भी किसानों के बीच पहुंच गए।

By Jagran News Edited By: Mohammed Ammar Updated: Sun, 11 Aug 2024 04:29 PM (IST)
Hero Image
किसान की मौत के बादअधिकारियों में खलबली मच गई।
जागरण संवाददाता, अमरोहा। मध्य गंगा नहर में जा रही जमीन के चार गुणा मुआवजे की मांग को लेकर रजबपुर क्षेत्र के गांव कूबी के जंगल में तीन गांवों रामपुर घना, मोहनपुर व कूबी के किसान पिछले 529 दिन से अनिश्चितकालीन धरना दे रहे हैं। उनकी समस्या का अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ है। रविवार की सुबह कूबी गांव के रहने वाले 42 वर्षीय किसान सुरेंद्र सिंह सुबह दस बजे धरने में शामिल हुए।

शव को धरनास्थल पर रखकर प्रदर्शन

थोड़ी देर बाद ही उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। इस पर ग्रामीण उनको लेकर अमरोहा अस्पताल जा रहे थे परन्तु रास्ते में ही उनकी मृत्यु हो गई। इसके बाद परिवार व ग्रामीणों में शोक की लहर दौड़ गई। स्वजन व किसान उनके शव को लेकर धरनास्थल पर पहुंच गए।

भारतीय किसान यूनियन टिकैत के प्रदेश उपाध्यक्ष दानवीर सिंह समेत तमाम लोग धरना स्थल पर आ गए और मृतक के स्वजन को 50 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग शुरू कर दी। किसानों की भीड़ बढ़ने की खबर मिलते ही पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों में खलबली मच गई।

दौड़े-दौड़े पहुंचे अफसर

तहसीलदार सदर हेमंत कुमार के बाद एसडीएम सदर सुधीर कुमार भी किसानों के बीच पहुंच गए। प्रदेश उपाध्यक्ष का कहना है कि मृतक के नाम छह बीघा जमीन थी। इसमें से एक बीघा जमीन ही उसके पास बच रही है। बाकी जमीन नहर में जा रही है। जब तक उसे 50 लाख का मुआवजा नहीं मिलेगा तब तक शव हटने नहीं दिया जाएगा। फिलहाल, अधिकारी किसानों को मनाने में जुटे हुए हैं। एसडीएम एसके सिंह ने बताया कि मामले में बातचीत की जा रही है।

यह भी पढ़ें : Flood in Varanasi: 48 घंटे में 1.07 मीटर घटा गंगा का जलस्तर, लोगों की कठिनाइयां अब भी बरकरार

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।