महायोजना के लागू होने के बाद अफसरों ने अवैध प्लाटिंग को तोड़ने का काम चालू कर दिया है। अधिकारियों ने करीब 65 बीघा अवैध प्लाटिंग को तहस-नहस कर दिया। लोग मौके पर पहुंचे लेकिन पुलिस के मौजूद होने के कारण कोई विरोध की हिम्मत नहीं जुटा सका। न ही कोई मांगने के बाद भी नक्शा पास से संबंधित अभिलेख दिखा पाया।
जागरण संवाददाता, अमरोहा। महायोजना के लागू होने के बाद अफसरों ने अवैध प्लाटिंग को तोड़ने का काम चालू कर दिया है। शहर में शुक्रवार को बुलडोजर व पुलिस के साथ अधिकारी निकले और बगैर लेआउट पास कराए प्लाटिंग को ध्वस्त कराया। साथ ही संबंधितों को चेतावनी दी कि बिना नक्शा पास कराए प्लाटिंग की तो संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
महायोजना लागू होती हरकत में आए अफसर
विनियमित क्षेत्र में जगह-जगह अवैध प्लाटिंग का काम चल रहा है। जिस पर अभी तक अधिकारी पूरी तरह खामोशी अख्तियार किए हुए बैठे थे। लेकिन, महायोजना के लागू हो जाने के बाद अचानक हरकत में आए। पिछले दो दिनों में अधिकारियों ने शहर के इर्द-गिर्द की गई अवैध कालोनियों को चिन्हित करने का कार्य किया। 20 से ज्यादा कालोनी अवैध पाई गईं। कोई भी उनका नक्शा नहीं दिखा पाया। जिस पर नियत प्राधिकारी सुधीर कुमार सिंह ने शुक्रवार को नायब तहसीलदार रूपक सक्सेना, जेई भानु प्रताप सिंह व क्षेत्रीय लेखपाल प्रशांत कुमार को पुलिस के साथ बुलडोजर लेकर दाऊसराय रोड क्षेत्र में भेजा।
यहां पर अधिकारियों ने करीब 65 बीघा अवैध प्लाटिंग को तहस-नहस कर दिया। लोग मौके पर पहुंचे लेकिन, पुलिस के मौजूद होने के कारण कोई विरोध की हिम्मत नहीं जुटा सका। न ही कोई मांगने के बाद भी नक्शा पास से संबंधित अभिलेख दिखा पाया। तहसील प्रशासन की इस कार्रवाई से जमीन कारोबारियों में हड़कंप मच गया है।
8 से 8.18 मिनट में मरीज तक पहुंच रही एंबुलेंस
जागरण संवाददाता, बरेली : मरीजों को त्वरित सेवा पहुंचाने के लिए संचालित की जा रही 102 और 108 एंबुलेंस काल पहुंचने के 8 से 8.18 मिनट में पहुंच रही है। पिछले चार महीनों के रिस्पांस टाइम में अंतर महज कुछ सेकेंडों का आ रहा है। जून से सितंबर तक 1,15,524 मरीज एंबुलेंस की सुविधा से लाभान्वित हुए हैं। जिले में 86 एंबुलेंस संचालित की जा रही हैं जिसमें 102 की 43 और 108 की 43 एंबुलेंस हैं।
पिछले 21 अगस्त से 20 सितंबर तक 108 एंबुलेंस के द्वारा 10,309 मरीजों को निश्शुल्क सुविधा का लाभ मिला। इसमें रोड दुर्घटना के 188 केस और हृदय संबंधित 308 केस भी शामिल हैं। इनमें से 110 मरीजों को हायर सेंटर जैसे अलीगढ़, मेरठ और लखनऊ मेडिकल कालेज में उचित इलाज के लिए ले जाया गया। 108 एंबुलेंस सेवा किसी भी आपातकालीन स्थिति में सेवा देने के लिए चलाई जा रही है और 102 एंबुलेंस गर्भवती महिलाओं और दो साल तक के नवजात शिशुओं को सेवा प्रदान करने के लिए संचालित की जा रही है।
जिले के प्रोग्राम मैनेजर शिवम सोनी ने बताया कि जिले में विगत माह की रिपोर्ट के अनुसार रिस्पांस टाइम 8 मिनट 27 सेकंड रहा है। पूरी एंबुलेंस टीम को हमेशा सतर्क और अलर्ट रहने को कहा गया है। काल सेंटर से काल आते ही तुरंत एंबुलेंस को सीन के लिए रवाना होना है जिससे जरूरतमंद तक समय से सर्विस पहुंच सके।
वहीं दूसरी और जिले में 102 सर्विस की 43 एंबुलेंस कार्यरत है जो गर्भवती महिलाओं के चेकअप और डिलीवरी के लिए घर से अस्पताल लाने और अस्पताल से घर ले जाने के साथ-साथ दो वर्ष तक के नवजात शिशुओं को दी जाती है। विगत माह की रिपोर्ट के अनुसार सभी 102 एंबुलेंस के द्वारा 19,630 लाभार्थियों को निशुल्क सर्विस का लाभ प्राप्त हुआ है जिसमें से 12,452 गर्भवती महिलाओं को घर से अस्पताल पहुंचाया गया।
साथ ही 7,021 गर्भवती महिलाओं को वापस घर पहुंचाने की सुविधा दी गई। वहीं 102 में रिस्पांस टाइम 7 मिनट और 30 सेकंड रहा है। पिछले चार महीने में रिस्पांस टाइम की बात करें तो पिछले जून माह में 8.2 मिनट, जुलाई में 8.00 मिनट, अगस्त में 8.18 मिनट, जबकि सितंबर में काल के बाद 8.14 मिनट में एंबुलेंस मरीजों तक पहुंची है।
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