अमरोहा के एक घर में पांच की मौत; बचपन की चीखें धुएं में दम घुटने से दब गईं, सुनकर दहल गया लोगों का कलेजा
Amroha News रविवार को खेलते कूदते बच्चों को छोड़कर ट्रक पर गए थे रईसुददीन क्या पता था खत्म हो जाएगा परिवार। सैदनगली क्षेत्र के गांव ढक्का मोड़ में सोमवार रात कमरे में कोयला सुलगाकर सोए ट्रक चालक रईसुद्दीन के परिवार का दम घुट गया। हादसे में उनके तीन बच्चों सहित पांच की मृत्यु हो गई। जबकि पत्नी हुसनजहां और मूकबधिर साले रियासत की हालत गंभीर है।
संवाद सहयोगी, हसनपुर/अमरोहा। ट्रक चालक रईसुददीन रविवार को अपने दो बेटे व एक बेटी का भरा पूरे परिवार को खेलते कूदते छोड़कर गाड़ी पर गए थे। वह बचपन की चीखें धुएं में दम घुटने से दब गई। उन्हें क्या पता था कि तीनों बच्चे एक साथ काल के गाल में समा जाएंगे। परिवार के तीनों बहन भाइयों के साथ ही उनकी मुमेरी व मोसेरी बहन भी कोयले की आग से दम घुटने से दुनिया छोड़ गई।
पांच बच्चों की मौत की खबर सुनकर अल्लीपुर भूड़ शर्की उर्फ ढक्का मोड़ के लोग ही नहीं बल्कि इलाके में जिसने सुना वही सन्न रह गया। हादसे में यूं तो एक साथ कई कई मौतें होती रही हैं। परंतु क्षेत्र में आग के दहकते कोयलों के धुएं में दम घुटने से पांच बच्चों की मृत्यु होने का यह पहला मामला है।
Read Also: 'राम मंदिर आंदोलन के कारसेवक अराजक तत्व' स्वामी प्रसाद मौर्य के बिगड़े बोल, कहा- गोलियां चलवाकर सपा सरकार ने निभाया था कर्तव्य
घर में बढ़ गए सदस्य
भीषण सर्दी में बच्चों की स्कूल की छुटटी चल रही हैं। इसलिए, रईसुददीन के परिवार में मेहमानदारी भी बढ़ गई थी। रईसुददीन के मूकबधिर साले सिहाली जागीर निवासी रियायत अपनी 13 वर्षीय बेटी महक के साथ ही मंडी धनौरा के मुहल्ला सुभाष नगर निवासी भांजी कशिश 9 वर्ष को लेकर अपनी बहन के घर आ गए थे। ममेरे व फुफेरे बहन भाइयों से परिवार चिड़ियों की तरह चहक रहा था। सोमवार रात को खाना खाने के बाद बच्चे खेलते कूदते हुए सोए थे।
ये भी पढ़ेंः Amroha : रात में घर में सोए थे 7 लोग, सुबह 5 लोगों की हो चुकी थी मौत- लोग जब घर में घुसे तो रह गए हक्का-बक्का
सर्दी का सितम कम करने के लिए अलाव के बचे हुए कोयलों को परात में भरकर अंदर रखना ही काल बन गया। रात में दम घुटने से चालक रईसुददीन के तीनों बच्चों के साथ ही साले व साली की एक-एक बेटी की भी जान चली गई।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।