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अमरोहा के एक घर में पांच की मौत; बचपन की चीखें धुएं में दम घुटने से दब गईं, सुनकर दहल गया लोगों का कलेजा

Amroha News रविवार को खेलते कूदते बच्चों को छोड़कर ट्रक पर गए थे रईसुददीन क्या पता था खत्म हो जाएगा परिवार। सैदनगली क्षेत्र के गांव ढक्का मोड़ में सोमवार रात कमरे में कोयला सुलगाकर सोए ट्रक चालक रईसुद्दीन के परिवार का दम घुट गया। हादसे में उनके तीन बच्चों सहित पांच की मृत्यु हो गई। जबकि पत्नी हुसनजहां और मूकबधिर साले रियासत की हालत गंभीर है।

By Saurav Kumar Edited By: Abhishek Saxena Updated: Wed, 10 Jan 2024 11:00 AM (IST)
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पांच बच्चों की मौत की खबर सुनकर दहल गया लोगों का कलेजा

संवाद सहयोगी, हसनपुर/अमरोहा। ट्रक चालक रईसुददीन रविवार को अपने दो बेटे व एक बेटी का भरा पूरे परिवार को खेलते कूदते छोड़कर गाड़ी पर गए थे। वह बचपन की चीखें धुएं में दम घुटने से दब गई। उन्हें क्या पता था कि तीनों बच्चे एक साथ काल के गाल में समा जाएंगे। परिवार के तीनों बहन भाइयों के साथ ही उनकी मुमेरी व मोसेरी बहन भी कोयले की आग से दम घुटने से दुनिया छोड़ गई।

पांच बच्चों की मौत की खबर सुनकर अल्लीपुर भूड़ शर्की उर्फ ढक्का मोड़ के लोग ही नहीं बल्कि इलाके में जिसने सुना वही सन्न रह गया। हादसे में यूं तो एक साथ कई कई मौतें होती रही हैं। परंतु क्षेत्र में आग के दहकते कोयलों के धुएं में दम घुटने से पांच बच्चों की मृत्यु होने का यह पहला मामला है।

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घर में बढ़ गए सदस्य

भीषण सर्दी में बच्चों की स्कूल की छुटटी चल रही हैं। इसलिए, रईसुददीन के परिवार में मेहमानदारी भी बढ़ गई थी। रईसुददीन के मूकबधिर साले सिहाली जागीर निवासी रियायत अपनी 13 वर्षीय बेटी महक के साथ ही मंडी धनौरा के मुहल्ला सुभाष नगर निवासी भांजी कशिश 9 वर्ष को लेकर अपनी बहन के घर आ गए थे। ममेरे व फुफेरे बहन भाइयों से परिवार चिड़ियों की तरह चहक रहा था। सोमवार रात को खाना खाने के बाद बच्चे खेलते कूदते हुए सोए थे।

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सर्दी का सितम कम करने के लिए अलाव के बचे हुए कोयलों को परात में भरकर अंदर रखना ही काल बन गया। रात में दम घुटने से चालक रईसुददीन के तीनों बच्चों के साथ ही साले व साली की एक-एक बेटी की भी जान चली गई।

जैद कक्षा छह व माहिर पांच का था छात्र

रईसुददीन गाड़ी चलाकर अपने बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाने का सपना मन में सजोये हुए थे। बड़ी बेटी सोनम कक्षा आठ तक की पढ़ाई करने के बाद दीनी तालीम हासिल करने के साथ ही मां हुस्नजहां के साथ घरेलू कार्य में हाथ बटाती थी। जबकि, बेटा जैद कक्षा छह तथा माहिर कक्षा पांच में गांव के ही परिषदीय विद्यालय में पढ़ते थे।

दम घुटते हुए महक को हुई थी उल्टी

दम घुटने से मृत्यु होने से पहले बच्चों को उल्टी भी हुई। इसकी जानकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हसनपुर ले जाई गई 13 वर्षीय महक को देखने से हुई। महक के कपड़े उल्टी से सने हुए थे। चिकित्सा अधीक्षक डा. धुर्वेंद्र कुमार ने बताया कि दम घुटते समय बच्चों को उल्टी हुई होगी। सोमवार रात को कमरा बंद करके सोए परिवार के दम घुटने की जानकारी मंगलवार शाम को हुई। काश सुबह पता लग जाता तो शायद मौत की संख्या पांच तक नहीं पहुंचती।