कॉलेज में नमाज, तिलक-कलावे को लेकर घमासान, हिंदू छात्रों ने मुस्लिम संचालक पर लगाया आरोप
गजरौला के एक कॉलेज में हिंदू छात्रों ने मुस्लिम प्रिंसिपल पर गंभीर आरोप लगाए हैं। छात्रों का कहना है कि प्रिंसिपल उन्हें कॉलेज में तिलक और कलावा लगाकर आने से मना करते हैं और हर शुक्रवार को नमाज के लिए 12 बजे कॉलेज में छुट्टी कर देते हैं। इस मामले को लेकर बजरंग दल और ABVP के कार्यकर्ताओं ने कॉलेज में जमकर हंगामा किया और प्रिंसिपल से नोकझोंक हुई।
जागरण संवाददाता, गजरौला। मंडी समिति मार्ग पर संचालित पियर्स चढ्डा इंटर कालेज पर बजरंग दल व अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया। उनका कहना है कि इंटर कालेज के संचालक मुस्लिम हैं और वह हिंदू छात्रों को कालेज में कलावा व तिलक लगाकर आने पर विरोध करते हैं। प्रत्येक शुक्रवार को नमाज के लिए 12 बजे अवकाश कर देते हैं और प्रार्थना में हाथ भी नहीं जुड़वाते हैं।
बुधवार को बजरंग दल के विद्यार्थी प्रमुख पीयूष सिंह व एबीवीपी के नगराध्यक्ष हिमांशु चौहान के नेतृत्व में कार्यकर्ता एकत्र होकर कालेज पर पहुंच गए। उनके साथ एक छात्र भी मौजूद था जो, कलावा व तिलक लगाकर आने को मना करने की बात को पुष्ट कर रहा था।
कालेज के गेट पर किया हंगामा
इस क्रम में कार्यकर्ताओं ने कालेज के गेट पर नारेबाजी करते हुए हंगामा करना शुरू कर दिया। संचालक मोहसीन अली से भी नोकझोंक हुई। जानकारी मिलने पर प्रभारी निरीक्षक हरीश वर्धन सिंह व अपराध निरीक्षक जितेंद्र बालियान भी पहुंच गए। उन्होंने कार्यकर्ताओं को समझाकर मामला शांत किया।इसके बाद लिखित रूप में समझौता हुआ कि न तो शुक्रवार को नमाज के लिए 12 बजे अवकाश होगा और न ही कलावा व तिलक लगाने के लिए मना किया जाएगा। प्रार्थना स्थल पर बच्चे अपनी इच्छा अनुसार खड़े होंगे यानी, जो बच्चा हाथ जोड़ना प्रार्थना करना चाहता है वो, हाथ जोड़कर करेंगे। इतना ही नहीं कार्यकर्ताओं ने अपनी मौजूदगी में मुस्लिम संचालक से छात्र के हाथ पर कलावा व तिलक भी लगवाया।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।ये भी पढ़ें -हमने हाल ही में यह कालेज ठेके पर लिया है। जो, नियम पहले से चले आ रहे हैं। उन्हीं की तर्ज पर काम किया जा रहा है। अब जो लिखित रूप में समझौता हुआ है। उसी के हिसाब से कार्य होगा। जिस छात्र ने यह आरोप लगाए हैं। उनसे कल फीस के लिए भी कहा गया था। - मोहसीन अली, स्कूल संचालक।