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एक दिन पहले आए लड़के वाले देखने, अगले दिन सरकारी नौकरी करने वाली लड़की ने उठा लिया यह कदम- किसी को नहीं हो रहा यकीन

नगर के मुहल्ला गंगानगर निवासी स्व. मुरारीलाल सिंह रेलवे विभाग से स्टेशन अधीक्षक के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। उनके तीन बच्चे हैं। जिनमें दो बेटे अवनीश व रजनीश और तीसरी बेटी 35 वर्षीय मनीषी थी। दोनों बेटे नोएडा की प्राइवेट कंपनी में इंजीनियर हैं और बेटी संभल के ब्लाक असमोली क्षेत्र के गांव दवोई कलां स्थित सरकारी स्कूल में इंचार्ज अध्यापिका थी।

By Saurav Kumar Edited By: Mohammed Ammar Updated: Thu, 31 Oct 2024 02:48 PM (IST)
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मृतका के दोनों भाई नोएडा में इंजीनियर हैं।
जागरण संवाददाता, गजरौला : संभल जिले में कार्यरत सरकारी स्कूल की इंचार्ज अध्यापिका का शव फंदे पर लटका हुआ मिला है। एक दिन पहले शादी के लिए कुछ लोग उन्हें देखने के लिए आए थे। मामले की जानकारी मिलने पर पहुंची पुलिस ने शव को फंदे से उतारकर अग्रिम कार्रवाई के लिए भेज दिया है। शिक्षिका की मौत से स्वजन का रो-रोकर बुराहाल है।

परिजन कर रहे थे शादी की तैयारी 

नगर के मुहल्ला गंगानगर निवासी स्व. मुरारीलाल सिंह रेलवे विभाग से स्टेशन अधीक्षक के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। उनके तीन बच्चे हैं। जिनमें दो बेटे अवनीश व रजनीश और तीसरी बेटी 35 वर्षीय मनीषी थी। दोनों बेटे नोएडा की प्राइवेट कंपनी में इंजीनियर हैं और बेटी संभल के ब्लाक असमोली क्षेत्र के गांव दवोई कलां स्थित सरकारी स्कूल में इंचार्ज अध्यापिका थी। बेटी की अभी शादी नहीं हुई थी लेकिन, स्वजन तैयारी कर रहे थे।

मां ने देखा बेटी का लटका हुआ शव 

मंगलवार को मेरठ के लोग शिक्षिका मनीषी को देखने के लिए आए थे। इस क्रम में बुधवार की सुबह करीब साढ़े आठ बजे मनीषी ने अपने ही घर में पंखे पर फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली। कुछ देर बाद उसकी मां माया देवी ने शव को लटका हुआ देखा तो होश उड़ गए। चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोगों की भीड़ जुट गई।

कुछ ही देर में थाना पुलिस भी आ गई। पुलिस ने शव को फंदे से उतारकर अग्रिम कार्रवाई के लिए भेजा है। प्रभारी निरीक्षक सुधीर कुमार ने बताया कि शव को अग्रिम कार्रवाई के लिए भेजा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही अग्रिम कार्रवाई होगी।

'मां मैं अब पापा के पास जाऊंगी और रात को घर आया करूंगी'

खुदकुशी करने से पहले मनीषी ने अपनी मां माया देवी से कुछ ऐसे अल्फाज कहे कि अब घटना के बाद मां उन्हें दोहराते हुए नजर आई। रोते-रोते मां ने कहा कि मनीषी उल्टी-सीधी बात कर रही थी। कह रही थी कि मां मैं अब पापा के पास जाऊंगी और रात को फिर घर पर ही आया करूंगी। ऐसी बात करने पर मां ने उसे समझाया भी था।

होनहार थीं मनीषी, गणित विषय की थी टीचर्स

आसपास के लोगों के मुताबिक मनीषी पढ़ने-लिखने में काफी होनहार थी और वह गणित विषय की अच्छी शिक्षिका भी थीं। घटना के बाद दोनों भाई भी घर आ गए और बहन की यादों को याद करते हूुए मां से लिपटकर खूब रोए।इस घटना से मुहल्ले का माहौल भी गमगीन हो गया। दीपावली पर्व की रंगत भी खत्म हो गई।

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